मलेशिया को होगा प्याज का निर्यात | जानिए अब कैसे चलेगा बाजार
नमस्कार दोस्तों, भाइयों, प्यारे किसान साथियों अभी हाल ही मे भारत और मलेशिया के बीच गारंटीड प्याज का एक्सपोर्ट करने के ऊपर संधि हुई है मलेशिया और भारत के बीच गारंटीड प्याज एक्सपोर्ट की ये संधि एक सकारात्मक खबर है, जो भारतीय किसानों के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, इसके साथ ही नाफेड की प्याज खरीदी में कुछ अनियमितताएं पाई जाने पर किसानों ने विरोध किया है। किसान संघ का कहना था कि जब तक यह अनियमितताएं ठीक नहीं होतीं, वे नाफेड को प्याज नहीं देंगे।
सरकार ने इस बीच एक आदेश जारी किया है जिसमें यूनिफॉर्म वीकली प्याज प्रोक्योरमेंट रेट लागू करने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि हर सप्ताह के लिए प्याज का एक फिक्स रेट होगा, और उसी रेट पर सभी राज्यों में प्याज की खरीदी की जाएगी। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि प्याज प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया किसानों को लाभान्वित करे।
मलेशिया के साथ हुए समझौते के अनुसार, अगर भारत प्याज का पूर्ण रूप से एक्सपोर्ट बंद भी कर देता है, तब भी मलेशिया को न्यूनतम एक्सपोर्ट जारी रहेगा। इसी तरह का समझौता बांग्लादेश के साथ भी है।
इंदौर मंडी में प्याज की आवक बढ़ी है और यहाँ पर विभिन्न फसलों की कीमतों और आवक की जानकारी दी गई है। वीकली प्याज प्रोक्योरमेंट रेट की स्थिरता से किसानों को फायदा मिलेगा या नहीं, इस पर विभिन्न दृष्टिकोण हैं, लेकिन अधिकतर विशेषज्ञ और किसान नेता मानते हैं कि इससे किसानों को फायदा होगा।
सरकारी प्याज का स्टॉक बाजार में 100-200 गाड़ियों से ज्यादा नहीं आएगा। प्याज के लिए ह्यूमिडिटी और ज्यादा गर्मी घातक है, इसलिए प्याज का सही तरीके से स्टोर और बेचना जरूरी है
किसानों के लीडर और विशेषज्ञों ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं: किसानों को उचित और बेहतर मूल्य दिलाने के लिए मार्केट कमिटियों के माध्यम से प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग होनी चाहिए। इससे नाफेड का खरीदी मूल्य बाजार मूल्य के करीब रहेगा। साथ ही नाफेड और अन्य सरकारी संस्थाओं द्वारा समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि किसानों को वित्तीय समस्याओं का सामना न करना पड़े। सरकारी रेट को बाजार मूल्य के करीब रखा जाना चाहिए ताकि किसानों को नुकसान न हो। किसानों को इस यूनिफॉर्म प्रोक्योरमेंट रेट से लाभ होगा या नहीं, इस पर आपकी राय क्या है? अपने अनुभव और विचार कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।
प्याज मंडियो के ताजा भाव
इंदौर मंडी की आवक:
- आलू: लगभग 4000 कट्टे
- प्याज: 50,000 से 55,000 कट्टे
- लहसुन: 9,000 से 9,500 कट्टे
इंदौर मंडी मे आज के भाव
- एक माल 9000 रुपये प्रति क्विंटल पर बिका, माल की फिनिशिंग अच्छी थी।
- एक और माल 10650 रुपये प्रति क्विंटल पर बिका, यह छरी पैटर्न का माल था।
- तुलसी वैरायटी का एक माल 19500 रुपये प्रति क्विंटल पर बिका, जो कि बहुत ही अच्छा और ठोस माल था।
- छोटे और बड़े साइज के मिश्रित माल का भाव 15120 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
- छरी पैटर्न के माल का भाव 8500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
आजादपुर मंडी में क्या रहे प्याज के भाव
नमस्कार प्यारे किसान साथियों, स्वागत है आपका हमारी साइट पर आज है 20 जुलाई 2024, शनिवार का दिन। आजादपुर मंडी में प्याज का बाजार कैसा रहा और भविष्य में कैसा रहने की संभावना है।
आजादपुर मंडी में सुबह की आवक
आज की अराइवल कल से थोड़ी कम है। कल 104 गाड़ियाँ आई थीं और आज 92 गाड़ियाँ हैं। कल की तुलना में 10-12 गाड़ियाँ कम आई हैं। आज कुल 39 गाड़ियाँ नई आई हैं और कल की 37 गाड़ियाँ बची हुई हैं, जिससे कुल मिलाकर 76 गाड़ियाँ मंडी में हैं। इन गाड़ियों में 15 नासिक की, 12 पुणे की, 20 एमपी की और 29 राजस्थान की हैं।
प्याज के भाव की स्थिति
राजस्थान और एमपी के प्याज की कीमत 700 से 1200 रुपये प्रति 40 किलो तक है। यदि अच्छी क्वालिटी का प्याज होता है, तो वह 1300 रुपये प्रति 40 किलो तक बिक सकता है।
नासिक के प्याज की कीमत 1500 से 2000 रुपये प्रति 40 किलो तक है।
पुणे के प्याज की कीमत 1350 से 1400 रुपये प्रति 40 किलो तक है। सुपर क्वालिटी के प्याज की कीमत 1400 रुपये प्रति 40 किलो तक जा सकती है।
अच्छी क्वालिटी: 32 से 35 रुपए प्रति किलो
लाल मथानिया प्याज: 27-28 रुपए प्रति किलो, थोड़ी डैमेज की शिकायत के साथ
अजमेर की प्याज: 28-33 रुपए प्रति किलो
उदयपुरवाटी एरिया: 28-32 रुपए प्रति किलो
कुचामन की प्याज: 30-31 रुपए प्रति किलो
पुणे की प्याज: 32-33 रुपए प्रति किलो
नासिक की प्याज: 30-33 रुपए प्रति किलो, अच्छी क्वालिटी 32 से 35 रुपए प्रति किलो
मंडी मे अभी दोपहर को प्याज के भाव सुबह के समय मंडी में कुल 40 गाड़ियों की आमदनी हुई थी और 60 गाड़ियों का बैलेंस था। सुबह के मुकाबले दोपहर का बाजार स्थिर रहा और कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया। मंडी में और 39 गाड़ियाँ ताजी प्याज की आई थीं, जिसमें राजस्थान की 29, मध्य प्रदेश की 20, नासिक की 15, और पुणे की 12 गाड़ियाँ शामिल थीं। प्याज की कीमतें गुणवत्ता के आधार पर भिन्न थीं। राजस्थान की अच्छी गुणवत्ता की प्याज 1200 रुपये प्रति 40 किलो के हिसाब से बिक रही थी, जबकि हल्की गुणवत्ता की प्याज 900 से 1100 रुपये प्रति 40 किलो पर बिक रही थी। मध्य प्रदेश की प्याज 1100 से 1200 रुपये प्रति 40 किलो , और पुणे की प्याज 1000 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल पर बिक रही थी।
अच्छी क्वालिटी की प्याज का भाव स्थिर है, जबकि हल्की क्वालिटी में 1 रुपए प्रति किलो की गिरावट आई है। प्याज की क्वालिटी को देखा जाए तो 10% बढ़िया क्वालिटी है, 70% एवरेज क्वालिटी है और 20% हल्की क्वालिटी है। एमपी से आने वाले प्याज में इस बार दागी प्याज की शिकायत ज्यादा है।
आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। सावन के महीने में बिक्री थोड़ी कम रहती है, लेकिन आवक भी नियंत्रित रहती है, इसलिए कीमतें स्थिर रह सकती हैं। अगर आवक बढ़ती है, तो कीमतों में गिरावट की संभावना हो सकती है, लेकिन फिलहाल ऐसा लग नहीं रहा है कि आवक बहुत ज्यादा बढ़ेगी।
कुल मिलाकर, आने वाले 15-20 दिनों में प्याज की कीमतों में ज्यादा बदलाव की संभावना नहीं है। इस साल जून से ही नया स्टॉक आ रहा है, जबकि आमतौर पर यह जुलाई के लास्ट में निकलता है। किसानों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, अच्छे माल के लिए 10 अगस्त तक का वेट करना उचित है जो किसान अपने प्याज को बेचना चाहते हैं, उन्हें धीरे-धीरे बेचते रहना चाहिए। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी स्थिति के अनुसार माल बेचें और बाजार के मौजूदा हालात का ध्यान रखें। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगेगी। धन्यवाद!
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।