सरसों हुई धड़ाम | क्या और गिरेंगे भाव | देखें सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट
सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट : किसान साथियो सरसों में अब वो सब होने लगा है जो कई सालों में देखा नहीं गया है। सरसों तेल के रेट पिटते पिटते 100 रुपये प्रति किलो के नीचे आ गए हैं। जबकि सरसों की कीमत पिछले तीन साल के न्यूनतम भाव के आसपास मंडरा रही है। सरकार ने किसानों की अभी तक कोई सुध नहीं ली है और इस गिरावट को रोकने के लिए कोई फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। दो साल पहले जब सरसों के भाव बढ़े तब सरकार ने सरसों के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी जो कि अभी तक नहीं हटाई गई है। यदि सरकार वायदा कारोबार भी बहाल कर देती है तो सरसों भाव को थोड़ा सपोर्ट मिल सकता है। महंगाई के इस जमाने में सरसों के भाव अगर और गिरते हैं तो इससे सरसों किसानों की कमर ही टूट जाएगी। हम जानते हैं कि पिछले साल के बढ़ते हुए भाव के ट्रेंड को देखकर इस बार भी किसानों ने सरसों को रोक लिया है। ऐसे में मंडी भाव टुडे की पूरी कोशिश है कि हम आपको सरसों को लेकर सही समय पर सही जानकारी दें। आज की रिपोर्ट में हम सरसों के बाजार की सभी हलचलों को कवर करेंगे। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
ताजा मार्केट अपडेट
तेल मिलों की ग्राहकी कमजोर बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में बुधवार को लगातार तीसरे दिन सरसों के भाव में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 75 रुपये घटकर दाम 5,375 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। शाम को भाव और ज्यादा गिरने के समाचार भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि जयपुर में भाव 5250 तक आ गए हैं हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पायी है। भरतपुर में भी सरसों के रेट में गिरावट देखने को मिली और भाव 4941 के रह गए। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर सरसों के भाव गोता लगाते हुए 5000 के स्तर पर आ चुके हैं। हालांकि सरसों की दैनिक आवक 8.50 लाख बोरियों पर स्थिर बनी हुई है । सरसों में आज भी 50 रुपये का मंदा | जाने क्या खुले हैं आज सरसों के रेट Sarso Live Rate Today 26 Apr 2023
सरसों तेल मिलों पर क्या है माहौल
व्यापारियों के अनुसार घरेलू बाजार में तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं, जिस कारण इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। सलोनी प्लान्ट पर सरसों के भाव 5750 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे जबकि गोयल कोटा प्लान्ट पर भाव 5250 से गिरकर 5200 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव ₹5500 प्रति क्विंटल के रहे। सरकारी खरीद में तेजी | प्राइवेट में MSP के उपर बिक रहा गेहूं | भाव बढ़े तो अंकुश लगा सकती है सरकार
हाजिर मंडियों में क्या है सरसों के भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव की बात करें तो राजस्थान की नोहर मंडी में सरसों का भाव 4750 श्री गंगानगर मंडी में सरसों का भाव 4755 रावला मंडी में सरसों का रेट 4755 देवली मंडी में 42 कंडीशन का भाव 5007 सिरसा मंडी में सरसों का भाव 4800 ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 4808 नदबई मंडी में सरसों का भाव 4941 सुमेरपुर मंडी में सरसों का रेट 5000 श्योपुर मंडी में सरसों का भाव 4900 मेड़ता मंडी में सरसों का भाव 4800 खैरथल मंडी में सरसों का रेट 5000 अशोकनगर मंडी में सरसों का भाव 4700 अलवर मंडी में सरसों का भाव 4700 मंदसौर मंडी में सरसों का भाव 4700 गंजबासौदा में सरसों का रेट 4700 रुपए प्रति क्विंटल तक रहा। निराशा के माहौल में अब क्या करें सरसों के किसान। देखें आज की सरसों की तेजी मंदी रिपोर्ट
विदेशी बाजारों से क्या है अपडेट
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, BMD पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल की कीमतें 64 रिगिट कमजोर होकर 3,571 रिंगिट प्रति टन रह गई। हालांकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.08 फीसदी तेज हुई। सूत्रों के अनुसार इंडोनेशिया ने अप्रैल के अंतिम दो सप्ताहों के दौरान क्रूड पाम तेल (CPO) के संदर्भ मूल्य को 932.69 डॉलर के मुकाबले 1 मई से 15 मई की अवधि के लिए 955.53 डॉलर प्रति टन पर सेट करने का प्रस्ताव रखा है।
क्या सरकार खाद्य तेल के इम्पोर्ट पर ड्यूटी बढ़ाएगी
किसान साथियों सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात पर ड्यूटी बढ़ाने की अफवाहें बाजार में चल रही है। अभी तक यह केवल अफवाह ही है इसकी कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इसलिए व्यापारी भाइयों और किसान भाइयों से अनुरोध है कि वह थोड़ी सी सावधानी बरतें। बासमती धान और चावल के ताजा रेट
सरसों से अब क्या रखें उम्मीद
किसान साथियो अगर देखा जाए तो सरसों का इतना ज्यादा उत्पादन भी नहीं हुआ है कि सरसों के भाव इस तरह से गोता लगाते रहें। सरसों के भाव पर दबाव बनाने वाले कारणों को देखा जाए तो कुछ बातें सामने आती हैं। पहली तो यह कि अगले साल चुनाव होने हैं और व्यापरियों को डर है कि सरकार किसी भी समय कोई भी प्रतिबंध लगा देगी तथा सरसों के भाव को बढ़ने नहीं देगी। इसलिए सरसों स्टॉक में नहीं जा रही है। दूसरी यह कि उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बराबर बनी हुई है, तथा किसानों के पास सरसों का स्टॉक ज्यादा है। इसलिए अभी आवक बनी रहेगी। वैसे भी चालू रबी सीजन में का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। आयातित खाद्वय तेल सस्ते होने के कारण सरसों तेल में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर है, तथा आगामी दिनों में गर्मी बढ़ने पर इसकी मांग में और भी कमी आने की आशंका है। इन सब तथ्यों का अध्ययन करने पर यह तो कहा जा सकता है कि सरसों में बड़ी तेजी तो नहीं आएगी लेकिन अगर सरसों के भाव और गिरते हैं तो सरकार को सरसों किसानों को सपोर्ट करने के लिए कुछ ना कुछ तो निर्णय लेना ही पड़ेगा। क्योंकि सरसों किसान भी चुनाव में अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे ही। ऐसे में यहां से आगे बहुत बड़ी मन्दी की संभावना भी कम ही है। पहले ही सरसो के भाव 8000 से गिरते गिरते 4950 पर आ चुके हैं ऐसे में भाव इन्हीं स्तरों पर ठहर के कुछ समय बाद उपर की ओर जा सकता है। बाकी व्यापार अपने विवेक से करें देखे आज के नरमा और कपास के ताजा मंडी भाव 26 April 2023
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।