चना के भाव में बन सकती ही 500 से 700 तक की तेजी | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में
किसान साथियो चने के भावों में हाल ही में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जब चने का भाव 7700 रुपये प्रति क्विंटल था, तो विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि भाव में 300 से 400 रुपये की गिरावट आ सकती है और यह 7175 से 7200 रुपये के बीच पहुंच सकता है। अनुमान के अनुसार, भाव में कुछ हद तक गिरावट देखने को मिली, लेकिन फिर इसमें 150 रुपये की बढ़ोतरी भी दर्ज की गई। पिछले साल मई में ही चने के भाव में तेजी आने की भविष्यवाणी की गई थी, जो कि लगभग 90 प्रतिशत तक सही साबित हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली के बाद चने के बाजार में एक बार फिर तेजी का दौर आ सकता है। नवंबर-दिसंबर महीनों में चने के भाव में 500 से 700 रुपये तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि, यह तेजी अस्थायी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़े समय बाद चने की मांग में कमी आ सकती है और इस दौरान भाव में तेजी देखने को मिल सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
ऑस्ट्रेलियाई चने के बाजार से क्या मिल रही है रिपोर्ट
ऑस्ट्रेलियाई चने का बाजार फिलहाल उतार-चढ़ाव का सामना कर रहा है। नवंबर-दिसंबर के लिए चने की डिलीवरी कीमतें 5735 से 740 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के बीच हैं। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई किसान अपनी फसल को 700 डॉलर प्रति टन में बेचने को तैयार नहीं हैं। वे कम से कम 900 से 950 डॉलर प्रति टन की कीमत चाहते हैं, जो उनकी उत्पादन लागत को पूरा कर सके। यदि उन्हें उचित दाम नहीं मिले तो वे अगले साल चने की खेती कम कर सकते हैं। भारत में भी चने का बाजार इस पर नजर रख रहा है। अनुमान है कि फरवरी के अंत तक ऑस्ट्रेलिया से चार से पांच लाख टन चना भारत आएगा। ऑस्ट्रेलिया से चने का निर्यात 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच होने की उम्मीद है। भारत में वर्तमान में लगभग 10 से 12 लाख टन चने का स्टॉक है, जिसमें से 7 से 8 लाख टन चने का इस्तेमाल बीज के रूप में होने की संभावना है। ऑस्ट्रेलियाई किसानों की उच्च कीमतों की मांग और भारतीय बाजार में चने की उपलब्धता, दोनों ही कारक मिलकर चने के वैश्विक बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में चने की कीमतें किस दिशा में जाती हैं और इसका भारतीय बाजार पर क्या असर पड़ता है।
चने के भाव में तेजी आने के पीछे क्या है कारण
चने के भाव में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, चने की नई फसल अभी तक मंडियों में नहीं पहुंची है। दूसरा कारण यह है कि स्टॉकिस्टों और सरकार के पास चने का स्टॉक बहुत कम है। तीसरा कारण यह है कि दिवाली के बाद शादियों का सीजन शुरू होने वाला है जिससे चने की दाल और बेसन की मांग में वृद्धि होगी। इन सभी कारणों के चलते चने की मांग अधिक होने की उम्मीद है जबकि आपूर्ति सीमित है। इसीलिए चने के भाव में तेजी आने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में चने के भाव 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, नए सीजन में चने की आवक शुरू होने के बाद भावों में कुछ स्थिरता आ सकती है। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।