क्या सरकार MEP में दे सकती है छूट | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

 

किसान साथियो केंद्र सरकार भारतीय बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने पर विचार कर रही है। सरकार बासमती चावल पर लगाए गए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को कम करने की संभावना तलाश रही है। इस संबंध में सरकार और संबंधित पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार का मानना है कि एमईपी में कमी से भारतीय बासमती चावल की वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और इससे देश का निर्यात बढ़ेगा। वर्तमान में बासमती चावल पर 950 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगा हुआ है, लेकिन कई किस्मों की बाजार कीमतें इस निर्धारित मूल्य से कम हो गई हैं, जिससे व्यापारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। सरकार का लक्ष्य इस समस्या का समाधान ढूंढना और बासमती चावल के निर्यातकों को राहत देना है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

धान में बढ़ रही है गिरावट
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बासमती चावल के निर्यात में कमी आने के कारण इसका स्टॉक बढ़ गया है, जिससे मंडी में बासमती चावल की कीमतें गिर गई हैं। 1509 बासमती धान की कीमत अब 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जो पिछले साल के 3000 रुपये प्रति क्विंटल से काफी कम है। इसके अलावा, पूसा 1121 किस्म की नई फसल आने की उम्मीद है, जिससे इसकी कीमतें भी पिछले साल के स्तर से नीचे आ सकती हैं। इस साल पंजाब में बासमती धान की खेती का क्षेत्रफल 12% बढ़ गया है, जिसके कारण उत्पादन में भी 10% तक की वृद्धि होने का अनुमान है। इन सभी कारकों के कारण बासमती चावल के उत्पादकों को कम कीमतें मिलने की संभावना है।

MEP में छूट मिलने पर क्या होगा
पिछले साल अक्टूबर में बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया था। हालांकि, निर्यातकों का मानना है कि एमईपी का स्तर अभी भी अधिक है और यह घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों को प्रभावित कर रहा है। उनका तर्क है कि उच्च एमईपी के कारण घरेलू बाजार में बासमती चावल की मांग कम होती है, जिससे इसकी कीमतें गिर सकती हैं। पिछले साल देश में लगभग 70 लाख टन बासमती चावल का उत्पादन हुआ था, लेकिन घरेलू खपत केवल 20 लाख टन के आसपास रही। अधिक उत्पादन और कम घरेलू खपत के कारण बासमती चावल की कीमतों में और गिरावट आने की संभावना है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

चावल निर्यात में हुई 15 प्रतिशत की वृद्धि
चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट्स के प्रबंध निदेशक विजय सेतिया ने बताया कि पिछले साल भारत ने 50 लाख टन से अधिक सुगंधित चावल का निर्यात किया, जिसकी कुल कीमत 5.83 बिलियन डॉलर थी। यह दर्शाता है कि भारतीय बासमती चावल विश्वभर में काफी लोकप्रिय है। इस साल भी निर्यात में बढ़ोतरी देखी गई है। 2024-25 की शुरुआत में ही अप्रैल-मई महीनों में 9 लाख टन से अधिक बासमती चावल का निर्यात किया जा चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 15% अधिक है। भारत का बासमती चावल मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में उगाया जाता है। वैश्विक बाजार में भारत की बासमती चावल में लगभग 75-80% की हिस्सेदारी है, जो दर्शाता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बासमती चावल निर्यातक है। पाकिस्तान भी बासमती चावल का निर्यात करता है, लेकिन उसकी हिस्सेदारी लगभग 20% है।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।