आजादपुर मंडी से आलू, टमाटर, लहसुन की तेजी मंदी रिपोर्ट | 20 जुलाई 24
आजादपुर मंडी मे आलू की तेजी मंदी रिपोर्ट
नमस्कार दोस्तों और प्यारे किसान साथियों, स्वागत करता हूं आप सभी का दिल्ली मंडी टुडे चैनल पर। आज तारीख हो चुकी है 20 जुलाई 2024 और दिन है शनिवार का। आज मंडी में आलू की स्थिति पर चर्चा करेंगे। शनिवार को अक्सर गाड़ी की आवक और बाजार के माहौल में बदलाव देखने को मिलता है। आज मंडी में गाड़ियों की संख्या कम है, कुल 81 गाड़ियां हैं, जिनमें से 22 गाड़ियां कल की बैलेंस हैं। नई गाड़ियां सिर्फ 60-61 ही आई हैं। इससे बाजार में थोड़ा स्थिरता का माहौल है। शनिवार को आमतौर पर ज्यादा गाड़ियां नहीं आती हैं और बिक्री भी कम हो जाती है।
आलू की आवक
- स्टोर आलू: 34 गाड़ियां आई हैं।
- एटा: 5 गाड़ियां।
- पंजाब: 2 गाड़ियां।
- समल: 13 गाड़ियां।
- चिप सोना: 13 गाड़ियां।
- डायमंड: 2 गाड़ियां।
पंजाब से आई आलू ज्यादातर हाइब्रिड होती है, जो कि सस्ती बिक रही है। पिछले सप्ताह के दौरान आलू के भाव में थोड़ी गिरावट आई है, जो कि गर्मी की वजह से है। स्टोर में जो आलू पहले 1200 से 1300 का था, अब 1100-1150 के बीच बिक रहा है।
आलू के प्रकार और उनके भाव
- एलआर (LR): 900 से 1100 प्रति क्विंटल।
- हाइब्रिड आलू: 850 से 950 प्रति क्विंटल।
- 3797: 1100 से 1200 प्रति क्विंटल।
- चिप सोना: 1200 से 1250 प्रति क्विंटल।
- सूर्या: 1300 से 1350 प्रति क्विंटल।
- चंदौसी का आलू: 1400 प्रति क्विंटल।
गर्मी की वजह से आलू का दागी होना और ग्राहकों की मांग में कमी के कारण भाव में थोड़ी गिरावट आई है। लेकिन रक्षा बंधन के बाद से आलू की कीमतों में सुधार की संभावना है। हम आशा है कि हमारे किसान भाई इस जानकारी का लाभ उठाएंगे और मंडी की स्थिति को समझते हुए अपने आलू की बिक्री के निर्णय लेंगे।
आजादपुर मंडी से टमाटर को लेकर अपडेट
यह रिपोर्ट दिल्ली की आजादपुर मंडी में टमाटर की मौजूदा स्थिति और भाव पर आधारित है। आज मंडी में टमाटर की आवक सामान्य से कम है, जिसका कारण बंगलौर और हिमाचल से आने वाले टमाटर की कम मात्रा है। इसके अतिरिक्त, बारिश के कारण भी टमाटर की गुणवत्ता पर असर पड़ा है। आज मंडी में पहाड़ों से आने वाला टमाटर और बंगलौर से आने वाला टमाटर उपलब्ध है। पहाड़ी टमाटर की गुणवत्ता अच्छी है, लेकिन कुछ टमाटर बारिश के कारण गले सड़े हुए हैं। बंगलौर से आने वाले टमाटर की भी विभिन्न गुणवत्ता की रेंज है, जिससे इसके भाव में भी अंतर देखा जा सकता है।
बंगलौर का टमाटर 1000 से 1600 रुपये प्रति क्रेट के बीच बिक रहा है, जबकि हिमाचल का टमाटर 800 से 1300 रुपये प्रति क्रेट के बीच बिक रहा है।
आगामी दिनों में महाराष्ट्र से टमाटर की आवक बढ़ने की संभावना है, जिससे बाजार में टमाटर की उपलब्धता बढ़ेगी और भाव पर भी असर पड़ सकता है। कुल मिलाकर, टमाटर की आवक और गुणवत्ता के आधार पर भाव में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी। फिलहाल तो इस सीजन में किसानों ने अपनी मेहनत और उत्पादन से अच्छे लाभ कमाए हैं, और आगे भी अच्छी कीमतों की उम्मीद बनी हुई है, जिससे उनका उत्साह बढ़ा हुआ है।
आगे मंडी के आढ़तियों ने यह भी बताया कि टमाटर की स्थिरता बनाए रखने के लिए किसानों को अच्छी कीमत मिलनी चाहिए, ताकि वे प्रोडक्शन बढ़ा सकें और बाजार में स्थिरता बनी रहे।इस समय किसानों को बेहतर कीमतें मिल रही हैं, जिससे उन्हें प्रोडक्शन बढ़ाने का हौसला मिलेगा और बाजार में टमाटर की स्थिरता बनी रहेगी।
आजादपुर मंडी में कल की लहसुन की स्थिति पर अपडेट
आजादपुर मंडी में 19 जुलाई 2024, शुक्रवार की लहसुन के बाजार की स्थिति पर नज़र डालते हैं। आज मंडी में लहसुन की आवक 12 गाड़ियों की रही, जिसमें पाँच गाड़ियाँ एमपी से, एक यूपी से, दो हरियाणा से, एक चीपा से, एक कोटा से, और एक हिमाचल से आई हैं। इस समय मंडी में लहसुन का बाजार सामान्य बना हुआ है, ग्राहकी मध्यम रही और ऊँचे रेट पर बिकने वाला माल थोड़ा कम बिका है।
भाव और क्वालिटी
- एमपी, कोटा, चीपा बड़ौत का डैमिज माल:
- 100 से 170 रुपये प्रति किलो
- हिमाचल का माल:
- सिंगल ए: 140 से 170 रुपये प्रति किलो
- डबल ए: 200 रुपये प्रति किलो
- ट्रिपल ए: 220-220 रुपये प्रति किलो
- सुपर माल 240 रुपये प्रति किलो
- यूपी का माल:
- 100-150 रुपये प्रति किलो
- पंजाब का माल:
- वीआईपी माल: 180-190 रुपये प्रति किलो
5. श्रीनगर का लहसुन: ₹125 प्रति किलो
6. चाइना का लहसुन: बढ़िया माल ₹200 प्रति किलो
अन्य जानकारी:
- ऊटी का लहसुन मंडी में कम आ रहा है और उसका भाव भी कम है।
- श्रीनगर का लहसुन ₹90 से ₹105 प्रति किलो बिक रहा है।
बाजार की स्थिति और भविष्यवाणी: मंडी आढ़तियों के अनुसार, सावन के बाद हिमाचल का लहसुन बाजार में अधिक मात्रा में आने की संभावना है, जिससे बाजार पर थोड़ा प्रभाव पड़ेगा। विदेशी माल (जैसे ईरान और इराक से) आने की संभावना भी है, लेकिन उसका असर थोड़ा सीमित रहेगा क्योंकि उनका मूल्य अधिक होता है। सावन के बाद लहसुन के स्टॉक को धीरे-धीरे निकालना शुरू कर देना चाहिए। हल्का माल अभी निकालते रहें और उच्च गुणवत्ता वाला माल सितंबर, अक्टूबर, और नवंबर में निकालना बेहतर रहेगा। कुछ किसानों ने एक महीने पहले खरीदा लहसुन अब अच्छे भाव पर बेचा और 20-30 रुपये प्रति किलो का लाभ कमाया है। जो किसान लाभ कमा रहे हैं, उन्हें धीरे-धीरे अपनी स्टॉक बेचना चाहिए ताकि उन्हें अच्छे भाव मिलते रहें।मंडी का माहौल स्थिर बना हुआ है और किसानों के लिए सलाह है कि वे अपने माल को सही समय पर बेचें ताकि उन्हें अधिकतम लाभ मिल सके।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।