ईरान से आयी बड़ी खबर | और तेज हो सकते हैं बासमती के भाव | जाने पूरी खबर

 

किसान साथियो ईरान से बासमती की मांग बढ़ने की उम्मीद के चलते, बासमती धान के दामों में लगातार तेजी देखी जा रही है। अक्टूबर महीने के मुकाबले, विभिन्न किस्मों के धान के दाम 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गए हैं। हरिभूमि की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ईरान में स्थानीय बासमती की आवक कम होने पर, ईरान सरकार विदेशों से बासमती धान के आयात पर प्रतिबंध लगा देती है। जब स्थानीय उत्पादन फिर से बढ़ता है तो यह प्रतिबंध हटा लिया जाता है। एक्सपोर्टर्स और व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले 10-15 दिनों में ईरान सरकार यह प्रतिबंध हटा देगी। इससे भारत से बासमती धान का निर्यात बढ़ेगा और स्थानीय बाजार में भी दामों में और अधिक सुधार हो सकता है।

बासमती धान के दामों में हो रहा है उतार-चढ़ाव
फतेहाबाद जिले में बासमती धान की खेती करने वाले किसानों के लिए इन दिनों चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि, इस वर्ष 40% फसल बिक चुकी है, लेकिन दामों में अचानक आई तेजी ने किसानों को हैरान कर दिया है। जिले में इस साल 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई की गई थी, जिसमें से 1.55 लाख हेक्टेयर में बासमती की विभिन्न किस्में जैसे 1401, 1121, और 1509 बोई गई थीं। सरकार द्वारा परमल धान की खरीद 15 नवंबर को बंद कर दी गई है, जबकि बासमती धान की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की जाती है। बासमती धान के दाम पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करते हैं। पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा निर्यात मूल्य में वृद्धि करने के बाद निर्यातकों की हड़ताल के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव आया था। लेकिन इस बार हालात सामान्य हैं। फिलहाल, किसी भी देश से बासमती धान की मांग न होने के कारण दाम स्थिर थे। लेकिन अब दामों में अचानक आई तेजी ने किसानों को चिंतित कर दिया है। किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बासमती धान के दामों में और वृद्धि होगी। यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि उन्हें अभी भी अपनी बची हुई फसल बेचनी है। वे चाहते हैं कि उन्हें अपने उत्पादन का उचित मूल्य मिले।

ईरान से धान में तेजी की उम्मीदें
अक्टूबर महीने में जब धान की नई फसल मंडियों में आनी शुरू हुई थी, तब बासमती धान की विभिन्न किस्मों के दाम अलग-अलग थे। उदाहरण के लिए, 1509 किस्म का धान 2800 रुपये, 1121 किस्म का 3900 रुपये और 1718 किस्म का धान 3300 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बिक रहा था। हालांकि, हाल के दिनों में बासमती धान के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। इसका मुख्य कारण ईरान में चावल का बाजार है। ईरान ने हाल ही में स्थानीय चावल की उपलब्धता के कारण चावल के आयात पर रोक लगा दी थी। लेकिन उम्मीद है कि स्थानीय चावल का स्टॉक खत्म होने के बाद ईरान फिर से भारतीय बासमती चावल का आयात शुरू कर देगा। एक्सपोर्टरों का मानना है कि ईरान से बासमती चावल की मांग बढ़ने से भारत में बासमती धान के दामों में और सुधार हो सकता है। इसी उम्मीद के चलते मंडियों में बासमती धान की खरीददारी बढ़ी है और इसके दामों में तेजी आई है। वर्तमान में, 1509 किस्म का धान 3300 रुपये, 1121 किस्म का हाथ से कटा हुआ धान 4000 से 4400 रुपये और 1718 किस्म का धान 3300 से 3600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।

खाड़ी देशों में बढ़ सकती है डिमांड
सरकार ने परमल धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित समय सीमा, यानी 15 नवंबर तक पूरा कर लिया है। परमल धान की खरीद सरकार द्वारा की जाती है, जबकि बासमती धान की खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की जाती है। इस साल बासमती धान के दामों में पिछले साल की तुलना में काफी तेजी देखी गई है। बासमती धान के दाम पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करते हैं। जब विदेशों में बासमती धान की मांग बढ़ती है, खासकर खाड़ी देशों में, तो भारत में बासमती धान के दामों में भी तेजी आ जाती है। इस साल बासमती धान का निर्यात शुरू होने और विदेशों में मांग बढ़ने के कारण ही इसके दामों में तेजी आई है।

ईरान में हैट सकता है बासमती चावल के आयात पर से प्रतिबंध
फतेहाबाद के जाने-माने चावल निर्यातक अजय जिंदल के अनुसार, ईरान में स्थानीय बाजार में बासमती चावल की उपलब्धता बढ़ने के कारण इस वर्ष ईरानी सरकार ने विदेशों से चावल के आयात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अब ईरान में स्थानीय स्टॉक खत्म होने के कगार पर है और आने वाले 10-15 दिनों में ईरानी सरकार द्वारा आयात प्रतिबंध हटाने की संभावना है। इस निर्णय से भारतीय बासमती चावल के दामों में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। यह तेजी लंबे समय तक बनी रह सकती है जिससे भारतीय किसानों और व्यापारियों दोनों को लाभ होगा। बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।