सरसों के बाजार को लेकर आयी बड़ी ख़बर | जाने भाव पर क्या होगा असर | सरसों तेजी मंदी रिपोर्ट

 

किसान साथियो सरसों के बाजार में कई दिनों से चल रहे मंदी के दौर को और तेल तिलहन के विदेशी बाजारों की चाल को देखकर ऐसा लग रहा था कि गुरुवार जयपुर में सरसों के भाव 6000 के नीचे चले जाएंगे। हालांकि ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। जयपुर में सरसों के भाव ने न केवल 6000 के स्तर को होल्ड किया अपितु प्लांटों पर गुरुवार को 100 से लेकर 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिली। अब सोचने वाली बात है कि सरसों के बाजार का डटा रहने को क्या इस बात का संकेत माना जाए कि सरसों के भाव ने अपना बॉटम बना लिया है और भाव इसके नीचे नहीं जाएंगे। इस प्रश्न के उत्तर को समझने के लिए बाजार को प्रभावित करने वाले कुछ घटकों का विश्लेषण करना जरूरी है जिसे हम आज की रिपोर्ट में बारीकी से करेंगे अगर आप सरसों के किसान या व्यापारी हैं तो आपको यह रिपोर्ट अंत तक पढ़नी चाहिए।

क्या कहती है मरुधर एजेन्सी की रिपोर्ट
सरसों के उत्पादन और आवक को कवर करने वाली जयपुर की मरुधर एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई महीने के अंत तक भारत में लगभग 73.50 लाख टन सरसों का स्टॉक है इस स्टॉक में से 37 लाख सरसों किसानों के पास है जबकि 27 लाख टन सरसों है फेड और नेफेड जैसी सरकारी एजेंटीयों के पास है इसके अलावा स्टॉकिस्ट और प्रोसेसर के पास 9 लाख तान के आसपास सरसों बची हुई है । इतने स्टॉक को देखते हुए सरसों के बाजार में बहुत बड़ी तेजी तो नहीं लगती लेकिन बाजार के ऊपर की तरफ चलने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता।

बाजार में गुरुवार को क्या हुआ
सलोनी प्लान्ट पर सरसों खरीद सीमित रहने के बावजूद घरेलू बाजार में गुरुवार को सरसों के भाव डटे रहे। एक तरफ जहां जयपुर में कंडीशन की सरसों के दाम 6,025 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर स्थिर बने रहे। वहीँ दूसरी तरफ भरतपुर मंडी सुधार के साथ बंद हुई। भरतपुर मंडी में करीब 50 रुपये की तेजी देखने को मिली और भाव 5680 के स्तर पर पहुंच गए। बात दिल्ली लॉरेंस रोड़ की करें तो यहाँ पर सरसों का भाव 5925 पर स्थिर रहा। अन्य मुख्य मंडियों की बात करें तो खेरली मंडी में कंडीशन सरसों के भाव 5700, बीकानेर में 5400, कोटा में 5500, गंगापुर में 5780, अलवर में 5700 बरवाला में 5600, मुरैना में 5375, ग्वालियर में 5600 और खैरथल में सरसों का रेट उपर में 5700 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा।

प्लांटों पर क्या रहे भाव
ब्रांडेड तेल बिलों में सरसों के भाव में 100 से लेकर 150 रुपए की बढ़ोतरी की सलोनी प्लांट ने बुधवार के मुकाबले सरसों के भाव 75 रुपए तक तेज किया और अंतिम भाव 6450 का रहा बात गोयल कोटा प्लांट की करें तो यहां पर सरसों का भाव 5800, अदानी अलवर प्लांट पर 6100 और अदानी बूंदी प्लांट पर 6100 का भाव रहा। बीपी आगरा प्लांट पर सरसों सबसे ज्यादा तेज हुई और भाव 125 रुपये बढ़कर 6375 हो गए। शारदा प्लांट पर 6250 का भाव रहा।  सरसों की दैनिक आवक 25 हज़ार बोरी घटकर 3 लाख बोरियों की ही हुई।

विदेशी बाजारों से क्या है अपडेट
विदेशी बाजार में गुरुवार को खाद्वय तेलों की कीमतों में गिरावट का रुख रहा। मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में दूसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई, साथ ही शिकागो में शाम के समय सोया तेल की कीमतें कमजोर हुई। इसी तरह से चीन के डालियान में सोया तेल के साथ ही पाम तेल में नरमी दर्ज की गई। मलेशिया से  जुलाई महीने में  में पाम तेल के निर्यात में तो बढ़ोतरी हुई है लेकिन साथ ही उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए दबाव बना हुआ है। हालाँकि आज बाजार हरे निशान में खुले हैं और मामूली तेजी दिखा रहे हैं। फ़िलहाल विश्व बाजार में खाद्वय तेलों की कीमतों में एकतरफा बड़ी तेजी के आसार नहीं है। गुरुवार को बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, BMD पर अक्टूबर डिलीवरी के पाम तेल के वायदा अनुबंध में 37 रिगिंट यानी की 0.95 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,871 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। इसी तरह से डालियान कमोडिटी एक्सचेंज पर, सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.71 फीसदी की गिरावट आई, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.82 फीसदी कमजोर हुआ। बात अमेरिका की करें तो शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतों में 0.86 फीसदी की गिरावट आई।

घरेलू बाजार में तेल और खल के भाव की अपडेट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतों में गुरुवार को तेजी दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 3 रुपये तेज होकर दाम 1,156 रुपये प्रति 10 किलो हो गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी इस दौरान 3 रुपये बढ़कर 1,146 रुपये प्रति 10 किलो के स्तर पर पहुंच गए। जयपुर में गुरुवार को सरसों खल के भाव 2,575 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।

सरसों की आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 3 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी आवक 3.25 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में सरसों की 1.70 लाख बोरी, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 25 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 35 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 10 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 50 हज़ार बोरी की रही।

सरसों में तेजी की शुरुआत कब
किसान साथियों तेल उद्योग अब ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा है कि अब सरसों और सरसों तेल के और सस्ता होने की गुंजाईश नहीं है। अगर फिर भी ऐसा होता है तो जल्दी ही तेल उद्योग प्लांटों पर ताला लग जाएगा। इसलिए और मंदा मानकर  नहीं चलना चाहिए। इस समय बारिश का सीजन होने और त्यौहारी डिमांड निकलने से आने वाले समय में सरसों के फंडामेंटल मजबूती की तरफ जा सकते हैं । सरसों की आवक लगातार कम ही चल रही है। स्टॉकिस्ट घटे हुए भाव पर माल निकालना नहीं चाह रहे हैं। सरसों में तेजी आने की राह में रोड़ा अटकाने वाला एक ही फैक्टर दिख रहा है वह है विदेशी बाजारों की कमजोरी। सोया तेल में आयी गिरावट अन्य तेलों पर दबाव बना रही है। दोस्तो तेजी भले ही ना आए लेकिन अगर सोया तेल के भाव अगर स्थिर हो जाते हैं या फिर उसमें गिरावट रुक जाती है तो सौ के बाजार से दबाव हट जाएगा और जल्दी ही जयपुर में 6250 के भाव फिर से दिखेंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो जिस तरह से खाद्य तेल उद्योग की हालत है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह उद्योग ही बंद हो जाएगा और भारत को फिर पूरी तरह से विदेशी बाजारों से आयात पर ही निर्भर रहना होगा। आज मलेशिया में पाम का बजार मामूली सुधार दिखा रहा है। इसलिए आज बाजार में 25-50 का सुधार हो सकता है। बाजार के धीरे-धीरे ही उपर की तरफ जाने की संभावना है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।