सरकार के इस फैसले के बाद 100 रुपये तक जा सकते हैं प्याज़ के भाव | जाने पूरी डिटेल्स
किसान साथियो सरकार द्वारा प्याज पर से न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) हटाने के निर्णय के बाद प्याज की कीमतों में तेजी आने की संभावना है। इस निर्णय से किसानों को अपनी उपज का अधिक दाम मिल सकेगा और वे विदेशों में अधिक मात्रा में प्याज का निर्यात कर सकेंगे। हालांकि, इस निर्णय का एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता कम हो सकती है, जिससे इसकी कीमतों में वृद्धि हो सकती है। वर्तमान में खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही है, लेकिन अनुमान है कि आने वाले समय में यह बढ़कर 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। नई प्याज की फसल आने में अभी कुछ समय है और घरेलू बाजार में प्याज की मांग भी अधिक रहती है, ऐसे में कीमतों में वृद्धि होना लगभग तय है। इस स्थिति से आम उपभोक्ता को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
क्या लिया सरकार ने निर्णय?
भारत सरकार ने किसानों को राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने शुक्रवार को प्याज के निर्यात पर लगा न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) हटा दिया है। यह कदम प्याज के निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों की आय में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। पहले प्याज के एक टन के निर्यात के लिए 550 डॉलर का न्यूनतम मूल्य निर्धारित था, लेकिन अब इस प्रतिबंध को हटा दिया गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, यह फैसला देश के किसानों के लिए एक बड़ी राहत है और इससे उन्हें बेहतर दाम मिल सकेंगे।
बाजार में क्या चल रही है प्याज की कीमत?
प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों के बजट को बुरी तरह प्रभावित किया है। वर्तमान में, खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 60 से 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। पिछले कुछ हफ्तों में प्याज की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है। व्यापारियों का मानना है कि आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट और मांग में वृद्धि के कारण प्याज की कीमतें बढ़ी हैं। हाल ही में हुई बारिश ने भी इस समस्या को और गहरा कर दिया है। बारिश के कारण सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, जिससे प्याज की मंडियों तक पहुंचने में देरी हो रही है। नतीजतन, मंडियों में प्याज की आवक कम हो गई है और इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे
क्यों प्याज की कीमत बढ़ सकती है?
1. क्या एक्सपोर्ट में वर्द्धि होगी
प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की बंदिश हटाने के बाद किसानों को विदेशों में उच्च गुणवत्ता वाली प्याज बेचने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा। इससे किसानों को बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इस निर्णय के कुछ नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। प्याज का बड़े पैमाने पर निर्यात होने से देश में प्याज की उपलब्धता कम हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप घरेलू बाजार में प्याज की कमी हो सकती है और इसकी कीमतें बढ़ सकती हैं। साथ ही, उच्च गुणवत्ता वाली प्याज का निर्यात होने के कारण घरेलू बाजार में कम गुणवत्ता वाली प्याज ही उपलब्ध रह जाएगी। यह उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी समस्या हो सकती है।
2. नई फसल आने में अभी लगेगा और भी समय
आगामी दो महीनों में प्याज की नई फसल आने की उम्मीद नहीं है। इस कारण मंडियों में नई प्याज की आवक में कमी आएगी। किसान मौजूदा स्टॉक का निर्यात करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे और खुदरा बाजार में भी यही स्टॉक उपलब्ध रहेगा। नई फसल न आने से प्याज की उपलब्धता कम हो जाएगी, जिससे मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन पैदा हो सकता है। मांग अधिक होने और आपूर्ति कम होने की स्थिति में प्याज की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।