सरकार ने जारी की किसान कल्याण की नयी योजना | जानिए आपको इसका कितना फायदा मिलेगा

 

प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना को जारी रखने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्रदान करना और आवश्यक वस्तुओं की कीमत में स्थिरता बनाए रखना है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस योजना का मुख्य फोकस किसानों की आय में वृद्धि और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने पर है।

किसानों के हित में दो बड़े फैसले

दोस्तों केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों के हित में दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। पहला निर्णय प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना को जारी रखने से संबंधित है। दूसरा निर्णय रबी मौसम के लिए उर्वरकों पर सब्सिडी को मंजूरी देने का है। इन दोनों योजनाओं पर कुल लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए PM-AASHA योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया। इस योजना पर 35,000 करोड़ रुपये का व्यय होगा, जिसका उद्देश्य फसल के मूल्य में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करना और किसानों को सही समय पर उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना है।

किसी फसल के अत्यधिक उत्पादन के कारण कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए, इस योजना के अंतर्गत भंडारण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए 2025-26 तक 35,000 करोड़ रुपये का वित्तीय व्यय किया जाएगा। यह राशि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत दी जाएगी, ताकि फसलों के भंडारण की क्षमता को बढ़ाया जा सके और मूल्य स्थिरता को बनाए रखा जा सके।

फसलों की अधिक खरीद से किसानों को राहत
 
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना के तहत, मूल्य समर्थन योजना (PSS) के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अधिसूचित दलहन, तिलहन, और खोपरा की खरीद राष्ट्रीय उत्पादन का 25 प्रतिशत होगी। इस फैसले से राज्यों को संकटपूर्ण बिक्री रोकने और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। हालांकि, 2024-25 के लिए तुअर, उड़द और मसूर जैसी दालों के मामले में यह सीमा लागू नहीं होगी, क्योंकि सरकार ने पहले से ही इन दालों की MSP पर सौ प्रतिशत खरीद का निर्णय ले लिया है। यह कदम किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जिससे उनकी फसलों को उचित मूल्य मिल सकेगा।

किसानों को उर्वरक पर मिलती रहेगी रियायत

केंद्र सरकार ने रबी फसल सत्र 2024 के लिए फास्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की दरें तय करने के लिए रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस योजना पर 24,475 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे उर्वरकों की कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सकेगा।

सरकार 2010 से ही किसानों को उर्वरक कंपनियों और आयातकों के माध्यम से 28 ग्रेड के पीएंडके उर्वरक जैसे यूरिया, डीएपी, एमओपी, और सल्फर रियायती दर पर उपलब्ध करा रही है। इस फैसले के तहत, किसानों को रियायती दरों पर उर्वरक मिलते रहेंगे, जो उनकी खेती की लागत को कम करने में मददगार होगा।

फसल उत्पादन और भंडारण पर विशेष ध्यान

फसलों के अधिशेष उत्पादन की स्थिति में, सरकार ने उन फसलों के भंडारण और खरीद को प्राथमिकता दी है, जिनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का खतरा होता है। 2025-26 तक, इस दिशा में कुल 35 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे न केवल किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता देखने को मिलेगी।

मूल्य स्थिरीकरण और समर्थन योजनाओं का समायोजन

PM-AASHA योजना के अंतर्गत मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) जैसी योजनाओं को समायोजित किया गया है। यह कदम किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को विपरीत परिस्थितियों में राहत प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिले और उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं उचित दामों पर मिलें।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।