सरकार ने किसानों के लिए लॉन्च की नयी योजना | जानिए कैसे उठाए फायदा
राज्य सरकार ने छोटे किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है जिसे एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम कहा जाता है। इस योजना के तहत छोटे जोत वाले किसानों को बागवानी फसलों की 16 वैरायटी के पौधे मुफ्त में दिए जाएंगे। एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम के तहत राज्य सरकार ने एक विशेष पहल शुरू की है, जो छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस योजना को नरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत चलाया जा रहा है
इस योजना का उद्देश्य छोटे किसानों की आय को बढ़ाना, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें।और साथ ही किसानों को बागवानी फसलों की ओर प्रेरित करना, जिससे वे फसल विविधता के माध्यम से अपनी उपज और आय को बढ़ा सकें।यह योजना राज्य सरकार द्वारा छोटे किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।इस योजना के कारण बागवानी फसलों की खेती से किसान बाढ़ और सूखे जैसी समस्याओं से भी निपट सकते हैं।
कुल मिलकर इस योजना के तहत, छोटे किसान बागवानी की खेती में आने वाली लागत को कम कर सकते हैं और अपनी आय बढ़ा सकते हैं। नरेगा योजना के तहत इसे लागू करके, राज्य सरकार ने किसानों को रोजगार और आय दोनों का स्रोत प्रदान किया है, जिससे वे अपनी आजीविका में सुधार कर सकें।
16 वैरायटी के पौधे इस प्रकार
बागवानी (फलों में नट, फल, आलू सहित सब्जियों, कंदीय फसलें, मशरूम, कट फ्लावर समेत शोभाकारी पौधे, मसाले, रोपण फसलें और औषधीय एवम सगंधीय पौधे) का देश के कई राज्यों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है और कृषि जीडीपी में इसका योगदान 30.4 प्रतिशत है। यह पौधों की सूची क्षेत्र और मौसम के अनुसार बदल सकती है, लेकिन कुछ सामान्य पौधे निम्नलिखित हो सकते हैं:
फलदार पेड़: आम, सेब, अमरूद, आड़ू, लीची, बेर
सब्जियां: टमाटर, बैंगन, मिर्च, खीरा, गाजर, प्याज
मसाले: धनिया, जीरा, हल्दी, मिर्च
फूल: गुलाब, चमेली, मोगरा
आवेदन करने प्रक्रिया:
जो किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद, पात्र किसानों को फ्री पौध वितरण का लाभ मिलेगा।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को बागवानी फसलों की 16 प्रकार की वैरायटी के पौधे मुफ्त में दिए जाएंगे।
- न केवल पौधे मुफ्त में दिए जाएंगे, बल्कि पौधे लगाने के लिए गड्ढ़ा खुदाई का खर्च और साल में दो बार खाद का खर्च भी योजना के तहत कवर किया जाएगा। यह खर्च नरेगा के तहत मजदूरी के रूप में दिया जाएगा।
पात्रता और शर्तें:
मूल निवासी: आवेदन करने वाला किसान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
भूमि की सीमा: किसान के पास 5 एकड़ से कम खेती योग्य भूमि होनी चाहिए।
आयु सीमा: आवेदन करने वाले किसान की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:
नरेगा जॉब कार्ड: किसान का नरेगा जॉब कार्ड इस योजना में आवेदन के लिए अनिवार्य है।
खेत के कागजात: भूमि की पुष्टि के लिए खेत के कागजात (जैसे कि भूमि का स्वामित्व प्रमाणपत्र) आवश्यक होंगे।
बैंक खाता विवरण: किसान के बैंक खाता विवरण के लिए बैंक पासबुक की कॉपी अटैच करनी होगी।
पासपोर्ट साइज फोटो: किसान का पासपोर्ट साइज फोटो आवेदन फॉर्म के साथ संलग्न करना होगा।
संबंधित योजना का फॉर्म: एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम का आवेदन फॉर्म, जो नरेगा ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है।
आवेदन प्रक्रिया:
नरेगा ऑफिस से संपर्क करें: किसान को अपने नजदीकी नरेगा ऑफिस जाना होगा और वहां से एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम का फॉर्म प्राप्त करना होगा।
फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी सही-सही भरें। ध्यान दें कि सभी जानकारियां सटीक और पूर्ण होनी चाहिए।
आवेदन फॉर्म के साथ उपरोक्त दस्तावेजों की प्रतियां संलग्न करें।
फॉर्म और संलग्न दस्तावेज़ों को उसी नरेगा ऑफिस में जमा करें, जहां से आपने फॉर्म प्राप्त किया था।
सरकारी अधिकारी आपके द्वारा जमा किए गए फॉर्म और दस्तावेजों की जांच करेंगे। यदि आपका आवेदन और दस्तावेज़ सही पाए जाते हैं, तो आपको इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
ध्यान रखने योग्य बातें:
योजना का लाभ प्राप्त करने के बाद, किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे प्राप्त पौधों की उचित देखभाल करें। पौधों की बढ़वार और उनके संरक्षण का पूरा ध्यान रखना जरूरी है, ताकि योजना का उद्देश्य सफल हो सके।
यह योजना मुख्य रूप से छोटे किसानों के लिए बनाई गई है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप योजना की पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।
निष्कर्ष:
एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम में आवेदन करना आसान है, और यह योजना छोटे किसानों के लिए बहुत लाभदायक हो सकती है। सही दस्तावेज़ों के साथ आवेदन प्रक्रिया का पालन करके किसान इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत प्राप्त पौधों की अच्छी देखभाल करके, किसान अपनी आय में सुधार कर सकते हैं और राज्य सरकार की इस पहल का पूरा फायदा उठा सकते हैं।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।