मौसम का बदला मिजाज कई राज्यों में बारिश की संभावना | मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

 
मौसम का बदला मिजाज कई राज्यों में बारिश की संभावना | मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

9 अप्रैल को राजधानी दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में गर्म हवाओं और ऊंचे तापमान ने लोगों को बेहाल कर दिया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने लू को लेकर चेतावनी जारी करते हुए बताया कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा दर्ज किया गया। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और चंडीगढ़ में दोपहर के समय सूरज की तेज किरणों और गर्म हवाओं ने दिनचर्या को प्रभावित कर दिया। वातावरण में उमस और जलन इतनी ज्यादा थी कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। राजधानी दिल्ली में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को छू गया, जिससे गर्मी असहनीय हो गई। हालांकि, मौसम विभाग की मानें तो यह स्थिति अब ज्यादा समय तक टिकेगी नहीं, क्योंकि 10 अप्रैल से मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

10 अप्रैल से बदलेगा मौसम का मिजाज

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, 10 अप्रैल से उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में मौसम की दशा में परिवर्तन देखने को मिलेगा। दिल्ली-NCR सहित अन्य उत्तरी क्षेत्रों में आसमान पर बादल छा सकते हैं, जो पूरे दिन वातावरण को ठंडा बनाए रखेंगे। 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ठंडी हवाएं वातावरण को शीतल बनाएंगी। इसी के साथ ही हल्की बूंदाबांदी की संभावना भी व्यक्त की गई है, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया है कि 10 और 11 अप्रैल को बारिश की संभावना के चलते अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आएगी, जिससे लोगों को कुछ दिनों तक राहत मिलेगी।

मौसम विशेषज्ञों की पुष्टि

भारत मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आर. के. जेनामणि ने जानकारी दी कि दिल्ली-NCR समेत आसपास के क्षेत्रों में 10 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक झमाझम बारिश की शुरुआत हो सकती है। इस दौरान लगातार बादल छाए रहेंगे और बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ सकती है। यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ के कारण संभव है, जो हिमालय की ओर से आ रही हवाओं को रोककर क्षेत्रीय हवाओं में नमी भर देगा। इस बदलाव के चलते तापमान में दो डिग्री या उससे अधिक की गिरावट आ सकती है और लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिलेगी। झुलसाने वाली गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए यह खबर काफी राहत भरी है।

हीटवेव का अलर्ट समाप्त

मौसम विभाग ने यह भी साफ किया कि 9 अप्रैल को लू का अंतिम दिन था और 10 से 15 अप्रैल तक दिल्ली-NCR में किसी भी प्रकार की हीटवेव की संभावना नहीं है। विभाग ने यह घोषणा की कि हवा की दिशा और नमी की मात्रा में बदलाव के कारण गर्मी का प्रकोप थम जाएगा। 15 अप्रैल तक तापमान सामान्य स्तर पर बना रह सकता है, जिससे लोगों को कुछ समय तक सुकून मिलेगा। बीते दिनों की गर्म रातों और तपते दिन की स्थिति में अब ठंडी हवाओं और बादलों का प्रभाव देखने को मिलेगा, जिससे वातावरण अपेक्षाकृत आरामदायक बन सकता है।

राजस्थान के कई जिलों में जारी है येलो और ऑरेंज अलर्ट

राजस्थान के कई हिस्सों में लू की तीव्रता को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, नागौर, सीकर, अलवर, जयपुर, पाली, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बारां, कोटा, बूंदी और झालावाड़ में तेज गर्म हवाएं चल सकती हैं। वहीं, श्रीगंगानगर और झुंझुनूं में स्थितियों को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट लागू किया गया है। इन क्षेत्रों में तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे गर्मी का प्रकोप अधिक रहेगा। इन इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

दक्षिण भारत में बारिश का असर

भारतीय मौसम विभाग ने यह भी बताया कि दक्षिणी भारत के कई हिस्सों में इस सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र और मध्य महाराष्ट्र के ऊपरी भाग में बने चक्रवातीय परिसंचरण के कारण बारिश संभव है। 9 अप्रैल को पुडुचेरी, कराईकल, यनम, केरल और माहे में गरज-चमक के साथ वर्षा देखी जा सकती है। साथ ही पूर्वोत्तर भारत जैसे असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश में भी 10 अप्रैल को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इस दौरान बिजली गिरने और तेज हवाओं की भी आशंका है।

ओलावृष्टि और ठंडी हवाएं

10 अप्रैल से बिहार और जम्मू-कश्मीर के कुछ भागों में ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी 9 से 11 अप्रैल के बीच हल्की बारिश की उम्मीद है। इन पहाड़ी राज्यों में ठंडी हवाएं चलेंगी और आसमान में बादल छाए रहेंगे। इस बदलाव के कारण पर्यटन स्थलों पर मौसम ठंडा और खुशनुमा हो सकता है। साथ ही, पहाड़ी इलाकों में ठंडी हवाओं के कारण तापमान में कमी आने की भी प्रबल संभावना है, जिससे स्थानीय लोग और सैलानी राहत की सांस ले सकेंगे।

अल-नीनो का प्रभाव नहीं पर तापमान में हो सकती है बढ़ोतरी

हाल ही में मौसम विभाग ने इस बात की पुष्टि की है कि आगामी मानसून पर अल-नीनो का असर नहीं दिखेगा। अल-नीनो एक जलवायु से जुड़ी प्राकृतिक घटना है, जिसमें प्रशांत महासागर का ऊपरी सतही तापमान सामान्य से अधिक गर्म हो जाता है। इससे वैश्विक मौसम प्रणाली में असंतुलन आता है। इस बार अल-नीनो की संभावना न होने के बावजूद अप्रैल से जून 2025 के बीच देश के कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की चेतावनी दी गई है। विभाग के नए पूर्वानुमान के अनुसार हीटवेव के दिनों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे गर्मी का अहसास और तीव्र हो सकता है।

जानेगर्मी कैसे बढ़ाता है अल-नीनो

अल-नीनो की स्थिति में समुद्र की सतह गर्म हो जाती है, जिससे वह वातावरण में अधिक गर्मी छोड़ता है। यह गर्म हवा क्षेत्रीय हवाओं में मिलकर तापमान को तेजी से बढ़ा देती है। इससे ना केवल तापमान में वृद्धि होती है, बल्कि वर्षा के पैटर्न में भी व्यापक बदलाव देखने को मिलता है। कई बार सूखे की स्थिति बन जाती है, तो कभी-कभी अत्यधिक बारिश और बाढ़ की आशंका भी होती है। अल-नीनो का प्रभाव वैश्विक स्तर पर जलवायु असंतुलन का कारण बनता है, जिससे खाद्य उत्पादन, जल स्रोत और जन-जीवन पर सीधा असर पड़ता है। इसीलिए यह एक चिंताजनक कारक माना जाता है।

सोर्स मौसम विभाग

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।