धान के एक पौध से निकलेंगे इतने कल्ले की हैरान हो जाओगे | अपनाए 50 साल पुराना तरीका
किसान साथियो ज्यादातर किसानो ने धान की फसल की रोपाई कर दी हैं। किसान धान की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कई रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, किसान धान के पौधों में कल्ले बढ़ाने के लिए देसी नुस्खे भी अपनाते हैं। उनमें से एक है पाटा तकनीक, जो बेहद सस्ती और प्रभावी है।
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान धान में कल्ले बढ़ाने के लिए कई तरह के रासायनिक उर्वरक और पोषक तत्वों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी लागत बढ़ जाती है और आमदनी कम हो जाती है। लेकिन यदि किसान दशकों पहले इस्तेमाल की जाने वाली पाटा तकनीक का उपयोग करें, तो उन्हें बिना किसी लागत के अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग किसान आज से करीब 50 साल पहले किया करते थे।
पाटा तकनीक के क्या क्या फायदे है
त्रिपाठी जी का यह भी कहना कि जब धान की फसल 15 से 20 दिनों की हो जाए, तो किसान खेत में 3 से 4 इंच पानी भरने के बाद फसल के ऊपर पाटा चला सकते हैं। ऐसा करने से धान के पौधों में पत्तियों का रस चूसने वाले कीट मर जाएंगे और कल्लों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। यह तकनीक बेहद सस्ती और प्रभावी है।
कैसे लगाया जाता फसल पर पाटा?
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि 15 से 18 किलो वजन की पाटानुमा लकड़ी लें और उसके दोनों सिरों पर रस्सी बांधकर इसे धान के पौधों के ऊपर घुमा दें। पाटे की लंबाई लगभग 10 से 12 फीट होनी चाहिए। पाटा चलाते समय यह ध्यान रखें कि खेत में पानी अवश्य हो, क्योंकि पानी न होने की स्थिति में पाटा नहीं चलाना चाहिए।
ये तकनीक कैसे काम करती है फसल में?
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि धान की फसल में पाटा चलाने से मिट्टी की ऊपरी सतह अस्त-व्यस्त हो जाती है, जिससे वायु संचार बेहतर होता है। इसके परिणामस्वरूप धान की जड़ों का विकास होता है और वे गहराई तक जाती हैं, जिससे पौधे स्वस्थ होते हैं। इसके अलावा, पानी भी अधिक समय तक रुका रहता है, खेत में दरारें नहीं पड़तीं और खेत में मौजूद कीटों का लार्वा भी नष्ट हो जाता है।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।