गर्मी से गेहू को नहीं होगा नुकसान | बम्फर उत्पादन की उम्मीद | जाने क्या कहते है जानकर
किसान साथियो आप की जानकारी के लिए बता दे की देश में फिलहाल गेहूं के दाम बढ़ने का कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहे है। पिछले कुछ दिनों में गेहूं के भाव बहुत ही तेजी से बढ़ने लगे थे लेकिन सरकार ने गेहू के भाव कम करने के सभी तरह तरह के उपाय करने शुरू कर दिए थे। और तो और सरकार ने कई बार खुले बाजार में गेहूं भी बेचा, ताकि गेहूं के बढ़ते भाव को कम किया जा सके।
किसान साथियो सरकार ने जो गेहू गोदामों में था उस गेहू को बाजार में उतारा और इससे सरकार को फायदा भी हुआ जिससे गेहू का भाव काबू में आगया । हाल ही के दिनों में गर्मी में तेज बढ़ोतरी के चलते इस बात की आशंका प्रबल होने लगी थी कि गेहूं का भाव दुबारा से फिर बढ़ सकता हैं। साथियो फरवरी के दूसरे सप्ता से ही गर्मी बढ़ने लग गयी थी। WhatsApp पर भाव पाने के लिए ग्रुप join करे
किसान साथियो आप की जानकारी के लिए बता दे की मौसम विज्ञानियों को आशंका थी की तापमान के बढ़ने से गेहूं की फसल खराब हो सकती है। साथियो इस बीच एक नई स्टडी सामने आई है, साथियो उस में कहा जा रहा था कि गेंहू की फसल पर फिलहाल तापमान का कोई भी असर नहीं होगा। किसान साथियो IMD ने कहा है कि अभी ऐसी गर्मी नहीं हुई है जो की गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा सके । और साथ ही में ये भी बताया की इस साल मार्च में तापमान पिछले 10 सालों के तापमान से कुछ अधिक रह सकता है, साथियो लेकिन वो इतना अधिक तापमान नहीं होगा जो कि गेहूं की फसल को गंभीर नुकसान हो सके। सरकारी उपायों के चलते गेहूं के किसानों को हो रहा नुकसान | क्या अब 2125 के उपर बिक पाएगा गेहूँ | देखें गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट
कब कटेगी गेहू की फसल
किसान साथियो आप की जानकारी के लिए बता दे की कृषि वैज्ञानिक रघुवर आचार्य बताते है कि 15 अप्रैल तक लगभग हर जगह गेहूं की कटाई हो जाती है। साथियो अगर किसी ने गेहूं की बुवाई देर से की हो तो भी गर्मी के एकदम से बढ़ जाने से पहले ज्यादातर फसलों की कटाई हो जाएगी। जानकारी के लिए बता दे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी और मध्यप्रदेश जैसे कई और राज्यों में गेहूं का अधिकतर फसले 15 अप्रैल तक कट जाएगी। क्या होली के बाद बढ़ेंगे धान के भाव | देखे धान की तेजी मंदी रिपोर्ट
गेहूं की नई किस्में सह सकती हैं गर्मी को
किसान साथियो आप की जानकारी के लिए बता दे की देश के ज्यादातर इलाकों में जो वैज्ञानिको ने गेंहू की नई किस्म तयार की थी वो अब लगाई जाने लगी है। जेनेटिक इंजीनियरिंग के दम पर इन फसलों को मौसम के बदलावों को सहन करने लायक बनाया गया है। कृषि वैज्ञानिक रघुवर आचार्य बताते हैं कि जिन लोगों ने नई परंपरागत बीजों का इस्तेमाल करते हुए गेहूं की फसल लगाई है, उनके लिए इतना काफी होगा कि वे खेत की मिट्टी में नमी बरकरार रखें। जरूरत पड़े तो हल्की सिंचाई करें, लेकिन अधिक पानी फसलों को गिरा सकता है, क्योंकि इन दिनों हवा काफी तेज चलती है। सरसों किसानों के लिए अच्छी खबर | जानिए होली के बाद क्या रहेंगे सरसों के भाव