एक एकड़ प्याज से हो सकता है साढ़े आठ लाख का मुनाफा | जाने पूरी गणना
किसान साथियों, प्याज की खेती अगर सही समय, लागत, उपज, कमाई और मुनाफे के आधार पर की जाए, तो यह एक बहुत ही लाभकारी व्यवसाय बन सकता है। विशेष रूप से रबी सीजन में प्याज की खेती किसानों के लिए बेहतरीन आय का स्रोत हो सकती है। इस मौसम में प्याज की बुवाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है। आने वाले दिनों में प्याज की बुवाई का काम शुरू हो जाएगा, और अगर इसे सही तरीके से किया जाए तो कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।
इस लेख में हम पाँच महत्वपूर्ण स्टेप्स के माध्यम से एक एकड़ प्याज की खेती का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे आप जान सकें कि प्याज की खेती कितनी फायदेमंद हो सकती है।
1. समय: प्याज की नर्सरी लगाने का सही समय
प्याज की नर्सरी को तीनों प्रमुख सीजन—रबी, खरीफ, और जायद—में लगाया जा सकता है।
खरीफ सीजन: इसके लिए नर्सरी लगाने का सबसे उपयुक्त समय मई और जून का महीना है। जुलाई में भी नर्सरी लगाई जा सकती है।
जायद सीजन: इसके लिए दिसंबर और जनवरी का समय उपयुक्त होता है। इस तरह आप साल भर प्याज की नर्सरी तैयार कर सकते हैं और दो बार प्याज की फसल से मुनाफा कमा सकते हैं।
अभी रबी सीजन का समय चल रहा है, और यह प्याज की खेती के लिए बहुत उपयुक्त समय है। अक्टूबर से नवंबर के बीच प्याज की बुवाई शुरू करने का सही समय है, क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा रहता है और प्याज के कंद अच्छी तरह से विकसित होते हैं। रबी सीजन में प्याज की खेती करने से न सिर्फ अच्छी पैदावार होती है, बल्कि फसल की गुणवत्ता भी बेहतर होती है, जिससे बाजार में प्याज की अच्छी कीमत मिलती है। इस मौसम में मिट्टी में नमी सही रहती है, और ठंडे तापमान में प्याज की फसल तेजी से बढ़ती है। यदि किसान इस समय पर बुवाई करते हैं और खेती के वैज्ञानिक तरीकों का पालन करते हैं, तो वे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
2. खर्च: प्याज की खेती में लागत का आकलन
प्याज की नर्सरी लगाने से लेकर हार्वेस्टिंग तक में कई प्रकार के खर्च होते हैं। आइए देखते हैं एक एकड़ में प्याज की खेती की अनुमानित लागत:
बीज का खर्च: एक एकड़ में करीब 3 किलो बीज की जरूरत होगी, जिसमें सेमिनस गुलमोहर बीज की कीमत ₹6330 होगी।
ट्रांसप्लांटिंग का खर्च: लेबर का खर्च करीब ₹10000 आता है। पौधों के बीच 4 इंच की दूरी रखी जाती है।
निराई-गुड़ाई: दो बार निराई-गुड़ाई कराई जाती है, जिसका खर्च ₹8000 होगा।
फसल सुरक्षा: फंगस, कीट, और रोग से बचाव के लिए स्प्रे और दवाई पर ₹4350 खर्च आता है।
खाद और टॉनिक: जैविक खाद, रासायनिक खाद और टॉनिक पर कुल खर्च ₹8500 होता है।
हार्वेस्टिंग और ट्रांसपोर्ट: हार्वेस्टिंग का खर्च ₹16000 और मंडी तक ले जाने का खर्च ₹4000 होता है। कुल मिलाकर, एक एकड़ प्याज की खेती पर ₹61380 का खर्च आता है।
3. उपज: प्याज की पैदावार
भारत के पाँच प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में प्रति एकड़ पैदावार अलग-अलग होती है:
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, और बिहार में प्रति एकड़ 120 से 180 क्विंटल प्याज का उत्पादन होता है।
देशभर का औसत उत्पादन लगभग 150 क्विंटल प्रति एकड़ रहता है। इसलिए, सामान्यतः एक एकड़ में 150 क्विंटल प्याज की उपज मिल सकती है।
4. कमाई: मंडी में प्याज की बिक्री
मंडी में प्याज का थोक भाव क्षेत्र और मौसम के अनुसार बदलता रहता है। कभी प्याज ₹50 प्रति किलो बिकती है, तो कभी ₹2 प्रति किलो।
अच्छे भाव: उदाहरण के तौर पर, एक बार हमारी प्याज की फसल ₹35 प्रति किलो बिकी थी और एक बार ₹25 प्रति किलो।
औसत कमाई: 150 क्विंटल प्याज की बिक्री से ₹150000 की कमाई हो सकती है, जब भाव ₹10 प्रति किलो हो।
5. मुनाफा: प्याज की खेती से लाभ
मुनाफा निकालने के लिए कुल कमाई से खर्च घटाया जाता है।
अगर प्याज ₹10 प्रति किलो बिकती है, तो ₹105000 की कुल कमाई होती है। इसमें से अगर ₹61380 का खर्च घटाया जाए, तो लगभग ₹43420 का मुनाफा होगा।
अगर प्याज ₹25 प्रति किलो बिकती है, तो मुनाफा और भी बढ़कर ₹301370 से अधिक हो सकता है।
यदि प्याज की कीमत ₹60 प्रति किलो हो, तो मुनाफा ₹ 8.5 लाख तक पहुँच सकता है।
प्याज की खेती में मुनाफा काफी हद तक बाजार के थोक भाव पर निर्भर करता है। सही समय पर नर्सरी लगाने, उचित प्रबंधन, और लागत का ध्यान रखने से एक एकड़ प्याज की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।