एक एकड़ से 3 लाख कमाने है तो जान लें टमाटर की खेती की यह उन्नत तकनीक
किसान भाई अगर आप खेती में रुचि रखते हैं और कम लागत में अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो टमाटर की खेती आपके लिए सही विकल्प हो सकती है। टमाटर की खेती में कम लागत आती है और इसका बाजार में हमेशा मांग रहती है। टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसे न केवल सब्जी के रूप में बल्कि सलाद, चटनी और सॉस बनाने में भी उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय या कहे कि नर्सरी तैयार करने का सही समय जुलाई से अगस्त, दिसंबर से जनवरी और मार्च से अप्रैल माना जाता है।
एक किसान भाई ने 8 एकड़ भूमि में सब्जी की खेती शुरू की और बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती कर रहे हैं। अलग-अलग मौसम में टमाटर की विभिन्न प्रजातियाँ लगाते हैं। वर्तमान में वे अभिलाष और आर्या प्रजाति के टमाटर की खेती कर रहे हैं, जिसमें एक एकड़ भूमि में लगभग 35 हजार रुपए की लागत आती है। इस खेती से वे एक सीजन में 3 लाख रुपए तक की कमाई कर लेते हैं। और अन्य किस्मे भी है जैसे
अरका रक्षक: यह वैरायटी हर प्रकार की जलवायु और भूमि में अच्छा उत्पादन देती है। अरका रक्षक के टमाटर बड़े और अच्छे साइज के होते हैं, जो बाजार में आसानी से बिक जाते हैं।
सिजेंटा कंपनी की साहो TO 3251: यह वैरायटी भी बरसात के लिए उपयुक्त है और इसका उत्पादन 60 से 65 टन प्रति एकड़ तक हो सकता है। इसके फल का वजन लगभग 90 ग्राम होता है और प्रति पौधा 15 से 18 किलो फल निकाला जा सकता है। इस किस्म की बीज की कीमत 700 से 850 रुपये प्रति 10 ग्राम होती है।
सेनीज कंपनी की अभिलाष F1: यह एक उत्कृष्ट किस्म है, जो बरसात के दिनों में भी नई किस्मों को टक्कर देती है। अभिलाष का स्वाद देसी टच के साथ आता है और टिकाऊ फल देती है। इसका उत्पादन 50 से 80 टन प्रति एकड़ तक हो सकता है और बीज की कीमत 550 से 700 रुपये प्रति 10 ग्राम होती है।
यूएस एग्री सीट्स की SW 1504 और 1508: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह किस्में काफी प्रसिद्ध हैं। ये किस्में बरसात के दौरान अच्छी पैदावार देती हैं और किसानों के बीच लोकप्रिय हैं।
नामधारी सीट्स की एनएस 962: यह वैरायटी भी बरसात के मौसम के लिए बेहतरीन विकल्प है और अन्य कंपनियों की वैरायटियों को टक्कर देती है।
2024-2025 में आधुनिक खेती की तकनीकों का उपयोग करके टमाटर की खेती को और उन्नत किया जा सकता है। सही किस्मों का चुनाव, बीमारियों से बचाव के लिए उचित फंगीसाइड का उपयोग, ड्रिप सिंचाई और उर्वरक शेड्यूल का पालन करके कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है।
टमाटर की खेती की शुरुआत कैसे की?
पहले अन्य सब्जियों की खेती की थी, लेकिन अनुभव की कमी के कारण उन्हें नुकसान झेलना पड़ा। इस असफलता के बाद उन्होंने टमाटर की खेती करने का फैसला किया। टमाटर की पहली फसल में उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ और इसके बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती शुरू कर दी। वर्तमान में वे अभिलाष और आर्या प्रजाति के टमाटर उगाते हैं, जिनका सही बुवाई का सही समय जुलाई से अगस्त, दिसंबर से जनवरी और मार्च से अप्रैल होता है है। गर्मी के मौसम में वे क्लाउज की अलंकार किस्म का टमाटर उगाते हैं, जो उच्च तापमान सहन करने की क्षमता रखता है।
अभिलाष और आर्या प्रजाति का टमाटर 75 से 80 दिनों में तैयार हो जाता है। एक एकड़ भूमि में इस किस्म की खेती करने में 50 से 78 हजार रुपए का खर्च आता है, जबकि एक सीजन में 3 लाख रुपए के करीब तक की कमाई होती है। गरमा टमाटर की खेती में प्रति एकड़ 50 से 60 हजार रुपए खर्च होते हैं, लेकिन कमाई 3 लाख रुपए तक पहुंच सकती है। गरमा टमाटर की खेती में मेहनत ज्यादा होती है क्योंकि इस समय तापमान अधिक होता है, जिससे खेती की चुनौतियां बढ़ जाती हैं।
1. उपयुक्त मिट्टी और नर्सरी की तैयारी
टमाटर की खेती के लिए हर तरह की मिट्टी का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन बलुई दोमट, लाल मिट्टी, और काली चिकनी मिट्टी सबसे बेहतर होती है। टमाटर की नर्सरी तैयार करने का सही समय जुलाई से अगस्त, दिसंबर से जनवरी और मार्च से अप्रैल होता है। नर्सरी एक महीने में तैयार हो जाती है, और जब पौधे की लंबाई 10-15 सेंटीमीटर हो जाए, तब खेत में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। पौधों की दूरी 40-60 सेंटीमीटर और कतारों के बीच की दूरी 60-75 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।
2. टमाटर की खेती की लागत
टमाटर की खेती में दो प्रमुख तरीकों से बुवाई की जा सकती है:
रोटरी ट्रे में कोको पीट के माध्यम से: इस विधि में एक एकड़ के लिए लगभग 2880 रुपये का बीज खर्च आता है। इसके अलावा, नर्सरी तैयार करने के लिए कोको पीट, प्रोट्रेट, और पेरालाइज्ड की लागत लगभग 2200 रुपये आती है।
नर्सरी से पौधे खरीदना: एक एकड़ में 8000 पौधों की जरूरत होती है, और पौधे की लागत 1-1.5 रुपये प्रति पौधा होती है। यह खर्च 12000 रुपये तक जा सकता है।
खेत की तैयारी के लिए जुताई, खाद, और उर्वरक पर कुल खर्च 16500 रुपये आता है। रोग नियंत्रण और कीट प्रबंधन पर 8000 रुपये, मल्चिंग पेपर पर 8000 रुपये, और अन्य खर्च मिलाकर कुल लागत लगभग 78,000 रुपये हो जाती है।
3. उत्पादन
एक पौधे से 5 किलो तक टमाटर का उत्पादन हो सकता है। एक एकड़ में 8000 पौधे होते हैं, जिनमें से 20% पौधे खराब मान लिए जाएं तो कुल 6400 पौधे बचते हैं। औसतन 280 क्विंटल तक टमाटर का उत्पादन हो सकता है। उत्पादन कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे मिट्टी की गुणवत्ता, सही समय पर बुवाई, और किस्म का चयन।
4. आमदनी और लाभ
टमाटर का मंडी भाव मौसम और मांग के आधार पर बदलता रहता है। हमने टमाटर का न्यूनतम भाव 7.5 रुपये प्रति किलो माना है। इस हिसाब से, 280 क्विंटल टमाटर का कुल मूल्य 2,10,000 रुपये होता है। कुल लागत 78,000 रुपये घटाने के बाद 1,32,000 रुपये का शुद्ध लाभ होता है।
लाभ प्रतिशत: 169%।
5. टमाटर का भाव अच्छा पाने की रणनीति
टमाटर की खेती को दो हिस्सों में विभाजित कर, बुवाई एक महीने के अंतराल पर करें। जैसे कि अगर पहली बुवाई 15 जुलाई को करें, तो दूसरी 15 अगस्त को करें। इससे टमाटर की फसल की आपूर्ति ज्यादा दिनों तक बनी रहती है, और अलग-अलग समय पर मंडी में अच्छा भाव मिल सकता है।
टमाटर की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली खेती साबित हो सकती है, खासकर अगर सही समय और सही प्रजाति का चयन किया जाए।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।