सरसों में खरपतवार से निजात पानी है तो अभी से कर लें ये काम 

 

 किसान भाइयों, आज के समय में खेती करना मेहनत से अधिक तकनीक के सहारे ज्यादा लाभदायक हो गया है। आज के समय में कृषि में सही जानकारी और तकनीकों का होना अत्यंत आवश्यक हो गया है। खासकर जब बात हो सरसों जैसी महत्वपूर्ण फसल की, तो किसानों को यह समझना चाहिए कि बुवाई के समय से लेकर फसल के विकास तक हर कदम में सही तकनीक और सुझाव अपनाने से उनकी पैदावार और गुणवत्ता दोनों में सुधार आता है। इस रिपोर्ट में हम सरसों की खेती में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए सही हरबिसाइड के प्रयोग पर विस्तृत चर्चा करेंगे, ताकि किसानों को आरंभिक चरण से ही फसल में खरपतवारों का सही तरीके से नियंत्रण मिले और उन्हें अधिक लाभ मिल सके। सरसों की फसल में खरपतवारों का प्रकोप एक आम समस्या है, जो पौधों को प्राप्त होने वाले जरूरी पोषक तत्व और नमी की मात्रा को कम कर देते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि पौधों का विकास रुक जाता है और फसल के उत्पादन और गुणवत्ता में कमी आ जाती है। सरसों की फसल में खरपतवारों को खत्म करने के लिए आप सरसों की बुवाई के तुरंत बाद खरपतवार नाशी का छिड़काव करके खरपतवारों को रोक सकते हैं। इसके लिए सही हरबिसाइड का चुनाव करना बेहद आवश्यक है। सरसों की फसल में खरपतवारों को कम करने के लिए पैडी मेथन 38.7 प्रतिशत सीएस एक अत्यंत उपयोगी हरबिसाइड है, जो फसल को खरपतवारों से सुरक्षित रख सकता है। इस रिपोर्ट में हम चर्चा करेंगे कि इस हरबिसाइड का चयन कैसे करें, इसकी डोज कितनी होनी चाहिए, और इसे किस तरह से खेत में प्रयोग किया जाए ताकि किसान इसका उपयोग अपनी फसल में खरपतवारों की रोकथाम के लिए करें और इसके उपयोग से किसानों को अधिकतम लाभ प्राप्त हो। इन सब के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए चलिए पढ़ते हैं आज की यह रिपोर्ट।

पैडी मेथन का चुनाव 

किसान भाइयों, खरपतवार आज के दिन फसलों में एक बड़ी समस्या के रूप में परेशानियां पैदा कर रहा है। जब हम सरसों की बुवाई के बाद खरपतवारों से निपटने के लिए हरबिसाइड का चुनाव करते हैं, तो यह ध्यान रखना आवश्यक होता है कि वह हरबिसाइड फसल के लिए विशेष रूप से उपयुक्त हो। हर फसल के लिए हरबिसाइड्स अलग-अलग होते हैं, और इन्हें उनकी अनुशंसित मात्रा में ही प्रयोग करना चाहिए। सरसों के लिए पैडी मेथन 38.7 प्र सीएस फॉर्मूलेशन सबसे उपयुक्त है। इस फॉर्मूलेशन का प्रयोग सरसों की बुवाई के तुरंत बाद, यानी दो से तीन दिन के भीतर करना चाहिए, ताकि खरपतवारों का अंकुरण रोका जा सके। पैडी मेथन का चयन करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप 38.7 प्रतिशत सीएस (कैप्सूल सस्पेंशन) का प्रयोग कर रहे हैं। यह फॉर्मूला घास और अन्य खरपतवारों पर जल्दी प्रभाव डालता है और यह ब्रॉड स्पेक्ट्रम हरबिसाइड है, जो चौड़ी और संकरी दोनों प्रकार की पत्तियों वाले खरपतवारों को प्रभावी ढंग से रोकने में सक्षम है। इस प्रकार के हरबिसाइड को चुनना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह शुरुआती चरण में ही खरपतवारों को नियंत्रित कर देता है, जिससे पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते रहते हैं और वे अच्छे से बढ़ते हैं।

पैडी मेथन की मात्रा 

किसान साथियों, खरपतवार नियंत्रण के लिए किसी भी खरपतवार नाशी रासायनिक दवाई या हरबिसाइड का उपयोग करने से पहले उसकी सही मात्रा के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है क्योंकि अगर आपने दवाई का कम मात्रा में प्रयोग किया तो आपकी फसल से खरपतवारों का अंत नहीं होगा। दवाई की मात्रा कम होने के कारण वह खरपतवारों पर अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाएगी और यदि आपने दवाई का अधिक प्रयोग खरपतवारों को नष्ट करने के लिए किया तो दवाई की मात्रा अधिक होने के कारण इसका लटकारात्मक प्रभाव आपकी फसल पर पड़ सकता है, जिससे आपकी फसल में अत्यधिक नुकसान होने की संभावना है। इसलिए आप अपनी फसल में खरपतवार नाशी का सही और उचित मात्रा में प्रयोग करें, ताकि वह आपकी फसल को खरपतवार से मुक्त करके आपकी फसल में होने वाले नुकसान से बचा सके। इसलिए, पैडी मेथन 38.7 प्र सीएस का उपयोग करते समय इसकी मात्रा प्रति एकड़ 350 मिलीलीटर रखें। यह मात्रा पर्याप्त होती है, जिससे खरपतवारों पर नियंत्रण बना रहे और फसल को भी कोई नुकसान न हो। जब आप इसका उपयोग अपनी फसल के लिए करें तो इसके छिड़काव के लिए पानी की मात्रा भी ठीक से तय करनी चाहिए। इस हरबिसाइड के छिड़काव में प्रति एकड़ लगभग 160 लीटर पानी का उपयोग करना चाहिए। यदि आप नेप सेक (स्प्रे टैंक) का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें प्रत्येक टंकी में 15 लीटर पानी आता है, तो आपको लगभग 11 टंकियों का छिड़काव करना होगा। एक टंकी में 32 मिलीलीटर दवा मिलाएं और समान रूप से पूरे खेत में छिड़काव करें। इस प्रकार छिड़काव करने से दवा हर जगह प्रभावी रूप से पहुंच सकेगी और खरपतवारों पर सही ढंग से नियंत्रण हो पाएगा।

छिड़काव का समय

जब भी पैडी मेथन का छिड़काव करें, यह ध्यान रखें कि खेत में नमी होनी चाहिए। नमी की उपस्थिति से दवा का प्रभाव अधिक होता है। दवा का असर नमी से होता है जो खरपतवारों की अंकुरण प्रक्रिया को रोकता है। यह दवा उन खरपतवारों पर काम करती है जो अंकुरित होने के कगार पर होते हैं। इसलिए बुवाई के तुरंत बाद, यानी पहले तीन दिनों के भीतर ही इस दवा का छिड़काव करना अत्यंत आवश्यक है। देर करने से खरपतवारों की जड़ें मजबूत हो जाती हैं और पत्तियाँ निकलने लगती हैं, जिससे दवा का असर कम हो जाता है। किसान भाइयों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पैडी मेथन का छिड़काव शाम के समय करना उचित होता है। छिड़काव के दौरान यह सुनिश्चित करें कि कोई भी स्थान खाली न छूटे। एक समान छिड़काव से ही खरपतवारों पर अधिकतम नियंत्रण मिलता है। इस हरबिसाइड को इस्तेमाल करते समय इस बात का विशेष ध्यान दें कि यह ब्रॉड स्पेक्ट्रम हरबिसाइड है, जो न केवल संकरी पत्तियों वाले खरपतवारों बल्कि चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवारों पर भी असर डालता है।

सावधानियाँ

किसान साथियों सरसों की फसल में पैडी मेथन का प्रयोग न केवल खरपतवारों को नियंत्रित करता है बल्कि यह फसल की पैदावार को भी बढ़ावा देता है। सरसों की फसल में खरपतवारों के नियंत्रण से फसल के पौधों को बेहतर पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे पौधों का विकास सुचारू रूप से होता है। लेकिन इसका उपयोग करते समय आपको कुछ बातों का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें मौजूद विषैला तत्व न केवल खरपतवारों को नष्ट करते हैं बल्कि मनुष्य के शरीर के लिए भी हानिकारक होते हैं। इसका छिड़काव करते समय आपको विशेष प्रकार की सावधानी रखने की जरूरत है। छिड़काव के समय आप हाथों और चेहरे को किसी कपड़े या मास्क से ढक कर ही खेत में इसका स्प्रे करें। मास्क का उपयोग करने से दवाई की गंध नाक के द्वारा आपकी सांसों में नहीं जाएगी, जिससे आपको इसकी गंध से आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या से परेशानी नहीं होगी। छिड़काव के बाद किसी भी चीज को छूने से पहले हाथ अच्छी तरह से धो लें। दवा के छिड़काव के दौरान बच्चों और पालतू जानवरों को खेत से दूर रखें।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट के सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अपनाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।