गेहूं बुवाई में लेट हो गए हैं तो बस ये किस्म लगा लो | मिलेगा 75 मण से ज्यादा उत्पादन

 

गेहूं की पछेती बुवाई के लिए टॉप 5 किस्में, उत्पादन 30 क्विंटल से अधिक।

किसान भाइयों, गेहूं की खेती हर मौसम में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। गेहूं की खेती के लिए समय पर बुवाई और सही किस्म का चयन करना अच्छे उत्पादन और गुणवत्ता के लिए जरूरी है। लेकिन, कई बार खेतों की तैयारी में देरी या पिछली फसल की कटाई में लेट होने के कारण बुवाई का समय 15 नवंबर से आगे बढ़कर दिसंबर तक हो जाता है। ऐसे में सही किस्मों का चयन और बुवाई के तरीकों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। लेट बुवाई के समाधान के लिए आज हम आपको गेहूं की पछेती बुवाई के लिए उपयोगी पांच बेहतरीन किस्मों की जानकारी देंगे। ये किस्में न केवल उत्पादन में अच्छी हैं, बल्कि खराब मौसम और देरी से बुवाई के बावजूद किसानों को उच्च पैदावार देती हैं। ये पांच किस्में कौन सी हैं, इनमें से कौन से गुण हैं जो इन्हें उत्पादन के मामले में खास बनाते हैं, और इनका बिजाई का समय व उत्पादन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करने के लिए चलिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

1.श्रीराम 303
किसान भाइयों, श्रीराम 303 गेहूं की एक उन्नत किस्म है, जो पछेती बुवाई के लिए अत्यंत उपयुक्त मानी जाती है। श्रीराम 303 किस्म की बुवाई का समय 5 नवंबर से 5 दिसंबर तक है। समय पर बुवाई के लिए यह आदर्श है, लेकिन देरी से बुवाई (25 नवंबर के बाद) में भी यह अच्छी पैदावार देती है। अगर इसकी विशेषताओं की बात करें तो इसके पौधों की ऊंचाई 80 से 90 सेंटीमीटर होती है। इसके पौधों की ऊंचाई कम होने और तने मजबूत होने के कारण अधिक सिंचाई व तेज आंधी में गिरने का खतरा बहुत कम होता है। इस वैरायटी में फुटाव अत्यधिक मात्रा में होता है, जिससे पौधों में कलों की संख्या अधिक होती है और बालियां भी ज्यादा बनती हैं। यह किस्म 125-130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। श्रीराम 303 का औसत उत्पादन 25-27 क्विंटल प्रति एकड़ है, जबकि इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 30-32 क्विंटल प्रति एकड़ है। लेट बुवाई के लिए बीज की मात्रा बढ़ाकर 50-55 किलो प्रति एकड़ कर सकते हैं। यह खराब मौसम में भी बेहतर प्रदर्शन करती है।

2.एचडी 2851
एचडी 2851 गेहूं की एक और प्रमुख किस्म है, जो भारी और मीडियम जमीन के लिए आदर्श मानी जाती है। इसकी बुवाई का समय 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक है। यह किस्म बुवाई के लिए काफी लोकप्रिय और फायदेमंद मानी जाती है।इसके पौधों की ऊंचाई 86 सेंटीमीटर है, जो गिरने की समस्या को कम करती है। इसकी पकने की अवधि 125-135 दिनों की है। इस वैरायटी का औसत उत्पादन 25-27 क्विंटल प्रति एकड़ है, जबकि इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 32-35 क्विंटल प्रति एकड़ है। लेट बुवाई के लिए 60-70 किलो बीज प्रति एकड़ का उपयोग करें।

3.डीबीडब्ल्यू 173
डीबीडब्ल्यू 173 मुख्य रूप से लेट बुवाई के लिए विकसित की गई किस्म है। आप इसकी बुवाई दिसंबर के अंत तक भी कर सकते हैं। इसके पौधों की ऊंचाई 90-100 सेंटीमीटर होती है। तने मजबूत होने के कारण खराब मौसम में गिरने का खतरा कम होता है। इसकी बालियां बड़ी होती हैं और दानों का आकार व वजन अधिक होता है, जो उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। यह किस्म 140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसका औसत उत्पादन 25 क्विंटल प्रति एकड़ और अधिकतम 30 क्विंटल प्रति एकड़ है।

4.यूपी 2338
यूपी 2338 उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के किसानों के लिए एक लोकप्रिय पछेती किस्म है। इसकी बुवाई का समय 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक है, लेकिन इसे 25 दिसंबर तक भी बोया जा सकता है।यह किस्म 130-135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसका औसत उत्पादन 20-22 क्विंटल प्रति एकड़ और अधिकतम 26-30 क्विंटल प्रति एकड़ है।

5.एचडी 2888
एचडी 2888 पछेती बुवाई के लिए बहुत उपयुक्त किस्म है। इसकी बुवाई दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक की जा सकती है। इसके पौधों की ऊंचाई 91 सेंटीमीटर होती है, जिससे गिरने का खतरा कम रहता है। यह 120-130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसका औसत उत्पादन 18-20 क्विंटल प्रति एकड़ और अधिकतम उत्पादन 25 क्विंटल प्रति एकड़ है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट के सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।