उत्पादन के झंडे गाड़ने हैं गेहूं सरसों को दे दो ये 17 पोषक तत्व | पड़ोसी पूछेंगे क्या डाला भाई

 

फसल के लिए जरूरी 17 पोषक तत्वों की पूरी जानकारी, जानिए इस रिपोर्ट के माध्यम से

किसान भाइयों, खेती को सफल बनाने के लिए मिट्टी और पौधों की पोषण आवश्यकता को समझना बेहद जरूरी है। किसान का मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्ता और बेहतर उत्पादन हासिल करना होता है। इसके लिए जरूरी है कि फसल को सही मात्रा और प्रकार के पोषक तत्व उपलब्ध कराए जाएं। लेकिन आप पौधों को सभी पोषक तत्व उपलब्ध तभी करवा पाएंगे जब आपको फसल के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों की सही और पूरी जानकारी होगी। पौधों के लिए कुछ पोषक तत्व ऐसे हैं जिनके बिना उनका विकास रुक जाता है। इन पोषक तत्वों की कमी से न केवल फसल की उपज प्रभावित होती है, बल्कि उनकी गुणवत्ता पर भी विपरीत असर पड़ता है। इन्हीं पोषक तत्वों को "आवश्यक पोषक तत्व" कहा जाता है। इनकी पहचान यह है कि इनकी जगह कोई दूसरा तत्व काम नहीं कर सकता। यह पोषक तत्व पौधे के जीवन चक्र को पूरा करने में सहायक होते हैं। इस रिपोर्ट में हम जानेंगे कि फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं, उन्हें किस प्रकार वर्गीकृत किया गया है, उनके अंग्रेजी में सिंबल क्या होते हैं, और उनकी जरूरत को कैसे पूरा किया जा सकता है। इन सब बातों पर पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए चलिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट। सारी जानकारी प्रति हेक्टेयर की डोज के हिसाब से दी गई है । 1 हेक्टेयर में 2.5 एकड़ होते हैं।

आवश्यक पोषक तत्व क्या होते हैं?
किसान साथियों, आवश्यक पोषक तत्व वे तत्व होते हैं, जिनके बिना पौधे अपना जीवन चक्र पूरा नहीं कर सकते। ये तत्व दो प्रकार के होते हैं: प्रमुख पोषक तत्व और गौण पोषक तत्व। इन दोनों में क्या अंतर होता है, यह फसल में किस प्रकार कार्य करते हैं और उनके अंग्रेजी में सिंबल क्या-क्या हैं, आइए जानते हैं।

प्रमुख पोषक तत्व
किसान साथियों, प्रमुख पोषक तत्व उन्हें कहा जाता है जिनकी आवश्यकता पौधे को अधिक मात्रा में होती है। ये तत्व मिट्टी, पानी और खाद से प्राप्त होते हैं। इनका कार्य पौधे की वृद्धि, फूल, फल, और जड़ों को मजबूत बनाना होता है। इन प्रमुख पोषक तत्वों में कुल 9 तत्व आते हैं। आइए इनको विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं, जो इस प्रकार हैं:

1. नाइट्रोजन (N)
साथियों, नाइट्रोजन पौधों के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह पौधे की हरी पत्तियों में मौजूद क्लोरोफिल का निर्माण करता है, जो प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। नाइट्रोजन के मुख्य स्रोत यूरिया और अमोनियम सल्फेट हैं। नाइट्रोजन की आवश्यकता फसल में 100-120 किलो प्रति हेक्टेयर की होती है।

2. फास्फोरस (P)
दोस्तों, फास्फोरस पौधों की जड़ों और फूलों के विकास में सहायक होता है। यह ऊर्जा स्थानांतरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फास्फोरस के प्रमुख स्रोत सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) होते हैं। फसल में फास्फोरस की आवश्यकता 50 से 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की होती है।

3. पोटेशियम (K)
साथियों, पोटेशियम फसल को रोगों से बचाने और उनकी गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है। यह पानी और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ावा देता है। इसका मुख्य स्रोत म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP) होता है। फसल में पोटेशियम की आवश्यकता 30 से 40 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की होती है।

4. कैल्शियम (Ca)
किसान भाइयों, कैल्शियम का भी फसल की उन्नति में अहम भूमिका होती है। कैल्शियम कोशिकाओं की दीवार को मजबूत करता है और पौधों में एंजाइम को सक्रिय करता है। कैल्शियम का मुख्य स्रोत जिप्सम होता है। कैल्शियम की फसल में 20 से 25 किलो मात्रा प्रति हेक्टेयर बताई जाती है।

5. मैग्नीशियम (Mg)
भाइयों, मैग्नीशियम पौधों में क्लोरोफिल का निर्माण करता है और एंजाइम गतिविधियों को बढ़ाता है। मैग्नीशियम का मुख्य स्रोत डोलोमाइट है। इसकी आवश्यकता फसल में 10 से 15 किलो प्रति हेक्टेयर की होती है।

6. सल्फर (S)
किसान भाइयों, फसल में सल्फर प्रोटीन और एंजाइम के निर्माण में सहायक होता है। यह तिलहनी फसलों के लिए अत्यंत आवश्यक बताया जाता है क्योंकि यह तिलहनी फसलों की उपज बढ़ाने के साथ-साथ बीजों में तेल की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद करता है। सल्फर का मुख्य स्रोत सल्फर सल्फेट होता है। सल्फर की आवश्यकता फसल में 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की होती है।

7. कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन
किसान भाइयों, कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन यह तीनों पोषक तत्व पौधों को हवा और पानी से मिलते हैं और इनके लिए खाद की आवश्यकता नहीं होती। ये पौधों को संरचना और ऊर्जा प्रदान करते हैं। इनके अलावा बाकी 6 पोषक तत्व पौधों को मिट्टी के द्वारा प्राप्त होते हैं जो हमें उर्वरकों के माध्यम से देने पड़ते हैं।

गौण पोषक तत्व

किसान भाइयों, गौण पोषक तत्व उन्हें कहते हैं जिनकी आवश्यकता पौधों को कम मात्रा में होती है। हालांकि, इनकी कमी होने पर फसल की वृद्धि और उत्पादन पर गहरा असर पड़ता है। फसल के उत्पादन को बढ़ाने में गौण पोषक तत्वों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। गौण पोषक तत्वों की श्रेणी में कुल 8 तत्व आते हैं। इनके बारे में विस्तार से जानते हैं, जो इस प्रकार हैं:

1. लोहा (Fe)
साथियों, फसल के लिए जरूरी पोषक तत्व लोहा पौधों में एंजाइम सक्रियता और क्लोरोफिल निर्माण में मदद करता है। इसका मुख्य स्रोत फेरस सल्फेट होता है।

2. जिंक (Zn)
दोस्तों, जिंक पौधों की वृद्धि और हार्मोन को सक्रिय करता है। जिंक का मुख्य स्रोत जिंक सल्फेट होता है।

3. कॉपर (Cu)
किसान भाइयों, पोषक तत्व कॉपर पौधों के लिए आवश्यक एंजाइम गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका मुख्य स्रोत कॉपर सल्फेट होता है।

4. मैंगनीज (Mn)
किसान भाइयों, मैंगनीज फसल में आवश्यक प्रकाश संश्लेषण क्रिया को बढ़ाने में अत्यधिक सहायक होता है। मैंगनीज का मुख्य स्रोत मैंगनीज सल्फेट है।

5. बोरॉन (B)
किसान भाइयों, बोरॉन पोषक तत्व की भी फसल की उन्नति में अहम भूमिका होती है। बोरॉन बीज निर्माण और फल के आकार को सुधारता है। बोरॉन का मुख्य स्रोत बोरॉन सल्फेट होता है।

6. मोलिब्डेनम (Mo)
साथियों, मोलिब्डेनम फसल में नाइट्रोजन के अवशोषण को बढ़ाता है। मोलिब्डेनम का मुख्य स्रोत मोलिब्डेनम साल्ट होता है।

7. क्लोरीन (Cl)
किसान भाइयों, क्लोरीन फसल के लिए पौधों में पानी की मात्रा को संतुलित करता है।

8. निकेल (Ni)
दोस्तों, निकेल फसल में एंजाइम गतिविधियों को बढ़ाने में सहायक होता है।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट के सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।