बासमती में बालियां निकलने से पहले जरूर कर लें यह काम | मिलेगा भरपूर उत्पादन

 

किसान साथियो उम्मीद करते हैं कि आपकी धान की फ़सल अच्छी लगी हुई होगी। साथियो इस समय आपकी बासमती धान की फ़सल एक सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव की तरफ जा रही है। वो पड़ाव है धान में गाभा अवस्था या फिर बालियां निकलने से पहले की अवस्था। इस समय धान की फ़सल को दिया गया सही पोषण और सही रख रखाव आपके उत्पादन में चार चांद लगा सकता है। कई बार ऐसा होता है कि बालियां निकलने के समय लापरवाही हो जाती है और अच्छी फ़सल लगे होने के बावजूद भी बढ़िया उत्पादन नहीं मिलता है। इस समय फ़सल में बीमारियों का प्रकोप हो सकता है इसलिए खेत का मुआयना करके सही कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिये। आज की पोस्ट में हम उन सभी पहलुओं की जानकारी देंगे जो गाभा अवस्था में आपके लिए जानना जरूरी है। इस समय क्या डालना है क्या स्प्रे करना है कितना पानी रखना है इन सब पहलुओं को कवर करने की कोशिश की गई है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करे 

किसान साथियो इस समय किसान साथियो को कन्फ्यूजन होता है कि कब NPK 0-52-34, बोरोन और NPK 0-0-50 का स्प्रे करें या फिर कीटनाशकों का स्प्रे करें। तो साथियो आपकी जानकारी के लिए बता दे की NPK 0-52-34 में 52% फास्फोरस और 34% पोटाश की मात्रा होती है। तो साथियों फास्फोरस का काम धान में बालियों की संख्या बढ़ाने, दाने  क्वालिटी को मेंटेन करने, दाने को कमजोर होने से रोकने और बालियों को भरपूर पोषण देने का होता है। इसलिए गाभा अवस्था में यानि कि बालियां निकलने से पहले इसका स्प्रे जरूरी है। बालियां निकालने के बाद स्प्रे का महत्व थोड़ा कम हो जाता है। बोरोन की जहां तक बात है इसका काम भी बालियां निकालने से पहले ही शुरू होता है। इसका काम फल फूल और परागण के समय पोषण देने का होता है। यह पौधों में परागण की गति को भी बढ़ाता है। इसलिए इसे भी गाभा अवस्था में ही प्रयोग करना चाहिए। बोरो का अधिकतम डोज 100 ग्राम प्रति एकड़ से ज्यादा नहीं करना चाहिए।

जहां तक पोटाश की बात है इसका मुख्य काम बलिया निकालने के बाद शुरू होता है। इसलिए बाली निकलने के बाद NPK 0-0-50 का स्प्रे  किया जा सकता है। धान के पौधों में पोटाश का मुख्य काम ट्रांसपोर्ट का होता है। पोटाश धान के पौधे द्वारा पत्तों में बनाए गए खाने को धान की बालियों में भेजता है। जिससे दोनों को सही पोषण मिलता है और दाने मोटे चमकदार और वजनदार बनते हैं। दोस्तो आपको यह जानना जरूरी है कि दवाइयों के साथ NPK मिला कर डालने से दवाइयों का असर कम होता है, कई बार इससे पत्तियों की नोक पीली पड़ जाती है। लेकिन दोस्तो आजकल बाजार में HD NPK मिल रहा है जिसे दवाइयों के साथ मिला कर स्प्रे किया जा सकता है।

बलिया निकालने के समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि स्प्रे सुबह की बजे दोपहर या फिर शाम को करना है। सुबह के समय बालियों के दाने का मुँह खुला रहता है जिसके अंदर दवा नहीं जानी चाहिए। नहीं तो दाना नहीं बनेगा और दाना काला पड़ जाता है। दूसरी ध्यान देने वाली बात यह है कि धान में स्प्रे करते समय पानी की मात्रा 160 लीटर से कम नहीं रखनी चाहिए। तीसरी ध्यान देने वाली बात यह है कि बालियां निकलते समय खेत में भरपूर सिंचाई रहनी चाहिए। पानी को ज्यादा मात्रा में खड़ा भी नहीं करना है। गीला सूखा खेत रखा जाना चाहिये। अगर आपने अधिक मात्रा में पानी खड़ा कर दिया है तो बीमारियों के आने का खतरा बढ़ सकता है।

बालियां निकलते समय खेत में ज्यादा यूरिया का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यूरिया पौधे की ऊंचाई को बहुत बढ़ा देगा और आपका धान का पौधा टेढ़ा होकर गिर सकता है।

नोट :- दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इन्टरनेट पर उपलब्ध विश्वसनीय स्त्रोतों से प्राप्त की गई है। किसी भी प्रकार का छिड़काव करने से पहले नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।