अमेरिका से टेरिफ को लेकर क्या है लेटेस्ट अपडेट | जाने क्या है पूरा मामला

किसान साथियो और व्यापारी भाइयो डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में आने के बाद वैश्विक स्तर पर एक हलचल सी मच गई है। उनके द्वारा नाटो से अलग होने और टैरिफ बढ़ाने जैसे कदमों ने विश्व व्यापार में अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है। इससे 'टैरिफ युद्ध' की आशंका बढ़ गई है, जिसका प्रभाव चीन और भारत जैसे देशों पर सबसे अधिक पड़ने की संभावना है। खबर है कि 2 अप्रैल, 2025 से अमेरिका 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लागू करेगा, जिसका अर्थ है कि अमेरिका उन देशों से आयात पर उतना ही शुल्क लगाएगा, जितना वे देश अमेरिकी सामानों पर लगाते हैं। ट्रम्प ने भारत को 'टैरिफ किंग' बताते हुए इस फैसले का सबसे अधिक प्रभाव भारत पर पड़ने की आशंका जताई है। इसे दुनिया में 'टैरिफ युद्ध' की शुरुआत माना जा रहा है।
क्या होता है टैरिफ?
टैरिफ एक प्रकार का कर है जो सरकार आयात या निर्यात होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाती है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करना या सरकारी राजस्व में वृद्धि करना होता है। टैरिफ आमतौर पर सामान की कीमत या मात्रा के प्रतिशत के रूप में लगाया जाता है। जब विदेश से आने वाली वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाया जाता है, तो विदेशी सामान महंगे हो जाते हैं, जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलता है। उदाहरण के लिए, यदि भारत में कोई कंपनी विदेश से 100 रुपये का सामान आयात करती है और सरकार 20 प्रतिशत का आयात टैरिफ लगाती है, तो कंपनी को 20 रुपये अतिरिक्त टैरिफ के रूप में चुकाने होंगे, जिससे सामान की कुल लागत 120 रुपये हो जाएगी।
भारत पर क्या असर पड़ेगा इस टैरिफ से ?
भारतीय उत्पादों के निर्यात पर वस्तुओं की कीमतें बढ़ने का प्रभाव पड़ सकता है, जिससे अमेरिका में बिकने वाले भारतीय सामान महंगे हो सकते हैं। यदि भारत वस्तुओं का आयात करता है, तो अमेरिकी सामान की लागत में बदलाव आएगा। भारत द्वारा आयात शुल्क कम करने पर अमेरिकी सामान सस्ता हो सकता है, लेकिन यदि भारत आयात शुल्क बढ़ाता है, तो यह महंगा भी हो सकता है। इसका सीधा प्रभाव देश की आम जनता पर महंगाई के रूप में पड़ेगा। इस कदम से व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ने से दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव बढ़ सकता है, जिससे कारोबारी माहौल प्रभावित हो सकता है। अमेरिका का तर्क है कि व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए दोनों देशों को समान शुल्क नीति अपनानी चाहिए। इस नीति का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों को नुकसान से बचाना है। यह निर्णय भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को एक नई दिशा दे सकता है।
नोट :- अगर आपको धान, चावल, सरसों, सोयाबीन, और चना के लाइव भाव whatsapp पर चाहिए तो आप 500 रुपए दे कर 6 महीनो तक लाइव भाव की सर्विस ले सकते है | जिन्हे लेनी है वही व्हाट्सअप पर मैसेज करे 9518288171 इस नंबर पर खाली भाव पूछने के लिए काल या मैसेज ना करे |
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस नीति पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और व्यापार जगत पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। टैरिफ भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे इम्पोर्ट टैरिफ, जब किसी देश में बाहर से आने वाले सामान पर कर लगाया जाता है, ताकि स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा मिल सके। एक्सपोर्ट टैरिफ वह है जो किसी देश से बाहर भेजे जाने वाले वस्तुओं पर शुल्क लगाया जाता है, जिससे सरकार को राजस्व प्राप्त होता है। जब एक देश दूसरे देश पर उतना ही टैरिफ लगाता है, जितना वह देश उसके उत्पादों पर लगाता है, तो इसे रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाता है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलित रखने की कोशिश की जाती है। उदाहरणतः यदि भारत अमेरिका से आयात होने वाले सामान पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी भारत से आने वाले सामान पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगा सकता है। भारत द्वारा अमेरिका से आयात की जाने वाली जिंसों या वस्तुओं में शीर्ष पांच उत्पाद शामिल हैं।
भारत द्वारा आयातित वस्तुओं पर आयात शुल्क लगाने से घरेलू उत्पादों का महत्व बढ़ जाता है। हालांकि, कुछ आवश्यक वस्तुओं की घरेलू कमी के कारण, उन्हें भारी मात्रा में आयात किया जाता है। ऐसे में, आयात करने वाले देश पर कम शुल्क लगाकर अधिक आयात किया जाता है। उदाहरण के लिए, कच्चा तेल, जिसका 80% तक भारत आयात करता है। आयात और निर्यात शुल्क के अलावा, विशिष्ट शुल्क, मूल्य-आधारित शुल्क और सुरक्षात्मक शुल्क जैसे अन्य प्रकार के शुल्क भी हैं। सुरक्षात्मक शुल्क विदेशी सस्ते सामानों से घरेलू उद्योग को बचाने के लिए लगाया जाता है। यह शुल्क घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने में मदद करता है और उन्हें विदेशी सस्ते सामानों के मुकाबले समान अवसर प्रदान करता है।
👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट
👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव
👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें
About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।