इस एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे पंजाब, राजस्थान और हरियाणा | जानें किन इलाकों की ज़मीन होगी महंगी

 

इस एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे पंजाब, राजस्थान और हरियाणा | जानें किन इलाकों की ज़मीन होगी महंगी

साथियों, भारत में लगातार बढ़ रही जनसंख्या और व्यापारिक गतिविधियों के बीच सड़क कनेक्टिविटी का अहम स्थान है। केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में बड़े पैमाने पर कई इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं चल रही हैं, जिनका उद्देश्य न केवल यात्रा के समय को कम करना है, बल्कि इससे जुड़े इलाकों में आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करना है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसी ही एक महत्वपूर्ण परियोजना शुरू की गई है, जिसका नाम है अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे। सरकार द्वारा शुरू की गई यह परियोजना पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों को जोड़ते हुए भारत के सबसे बड़े आर्थिक गलियारों में से एक बनने जा रही है। इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह इन राज्यों के बीच परिवहन कनेक्टिविटी को नया आयाम देगा। विशेष रूप से राजस्थान के लिए यह एक्सप्रेसवे एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, क्योंकि इसका 45% हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरेगा। इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 जुलाई 2024 को किया था, और इसके जरिए यात्रा के समय को कम करने के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में परिवहन नेटवर्क का अहम योगदान होता है। इसलिए इस एक्सप्रेसवे के बनने से यह उम्मीद जताई जा रही है कि जुड़े हुए क्षेत्रों में व्यापार, उद्योग और आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ी से बढ़ेंगी। इसके साथ ही, इन क्षेत्रों में ज़मीनों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि बेहतर कनेक्टिविटी और औद्योगिक विकास के कारण इन इलाकों में निवेश बढ़ने की संभावना है। आइए, इस रिपोर्ट के माध्यम से विस्तार से जानें कि यह एक्सप्रेसवे कैसे काम करेगा, इसके बनने से किन-किन क्षेत्रों में बदलाव आएगा, और इसके द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का क्या प्रभाव होगा। तो चलिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे

दोस्तों, अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे एक 6-लेन का एक्सप्रेसवे है जो पंजाब से शुरू होकर गुजरात के जामनगर तक जाएगा। यह मार्ग राजस्थान के कई प्रमुख जिलों जैसे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर से होकर गुजरेगा। इसकी कुल लंबाई 1,224 किलोमीटर है, जो पहले की तुलना में यात्रा के समय को लगभग आधा कर देगी। इस एक्सप्रेसवे का कुल निर्माण खर्च 22,500 करोड़ रुपये है, जिसमें से राजस्थान का हिस्सा करीब 14,707 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के बीच यात्रा के समय को घटाना और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। इससे पहले अब तक अमृतसर से जामनगर तक पहुंचने में लगभग 23 घंटे का समय लगता था, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह समय केवल 12 घंटे रह जाएगा। इससे व्यापारियों को माल की आवाजाही में तेजी मिलेगी और सड़क मार्ग से माल के परिवहन में सुगमता आएगी।

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राजस्थान के लिए विशेष लाभ

साथियों, राजस्थान के लिए इस एक्सप्रेसवे का निर्माण बहुत लाभकारी साबित होगा। राजस्थान का 45% हिस्सा इस एक्सप्रेसवे से होकर गुजरेगा, जो इस राज्य के लिए ऐतिहासिक महत्व का है। राजस्थान के जो जिले इस एक्सप्रेसवे से जुड़े हैं, उनमें श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर और बाड़मेर शामिल हैं। इन जिलों में पहले से ही औद्योगिक इकाइयां और व्यापारिक गतिविधियाँ मौजूद हैं, और एक्सप्रेसवे के बनने से इन क्षेत्रों में और तेजी से विकास होगा। इसके अलावा व्यापारी वर्ग को इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि अब इन क्षेत्रों के व्यापारियों को सामान की डिलीवरी करने में काफी कम समय लगेगा। यह एक्सप्रेसवे इन जिलों के बीच व्यापारिक मार्गों को सरल और सुरक्षित बनाएगा, जिससे व्यापारिक लागत कम होगी और समय की भी बचत होगी। साथ ही, राजस्थान में औद्योगिक पार्कों, तेल रिफाइनरीज, थर्मल पॉवर प्लांट्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी, जो प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में सहायक साबित होगा।

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जमीनों की कीमतों में वृद्धि

दोस्तों, इस एक्सप्रेसवे के बनने से राजस्थान, पंजाब और गुजरात जैसे क्षेत्रों में ज़मीनों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि जब कोई क्षेत्र बेहतर परिवहन कनेक्टिविटी से जुड़ता है, तो वहां नए व्यापार, औद्योगिक इकाइयां और निवेश आकर्षित होते हैं। जिसके कारण उस क्षेत्र के विकास में तेजी आती है और ज़मीन की मांग बढ़ती है। राजस्थान में भी इस एक्सप्रेसवे के बनने से इन जिलों की ज़मीनों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, श्रीगंगानगर और बीकानेर जैसे शहर जो पहले ज्यादा विकसित नहीं थे, अब इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास और निवेश की संभावना बढ़ने से वहां की ज़मीन की कीमतों में इज़ाफा हो सकता है। इसके अलावा, बीकानेर, जोधपुर और कच्छ जैसे इलाकों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पर्यटन से जुड़ी संपत्तियों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।

एक्सप्रेसवे से मिलने वाली सुविधाएं

दोस्तों, केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे पर कई अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जो यात्रियों के अनुभव को और भी बेहतर बनाएंगी। इस एक्सप्रेसवे पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा, यह सिस्टम ट्रैफिक को सही दिशा में नियंत्रित करेगा और रास्ते में ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करेगा। और साथ ही इस एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा बनेगा, जिसके द्वारा यहां पर दूरी के हिसाब से टोल लिया जाएगा, जिससे यात्रियों को हर स्टेशन पर अलग से टोल न देना पड़े। इसके द्वारा औद्योगिक दृष्टिकोण से भी यह एक्सप्रेसवे काफी फायदेमंद होगा, क्योंकि औद्योगिक कनेक्टिविटी बढ़ने से एक्सप्रेसवे पर तेल रिफाइनरीज जैसे बठिंडा, बाड़मेर और जामनगर को जोड़ने से इन क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी। इसके अलावा एक्सप्रेसवे के मार्ग पर आने वाले गुरुनानक थर्मल प्लांट और सूरतगढ़ थर्मल पॉवर प्लांट जैसे ऊर्जा स्थलों तक पहुँच अधिक सुविधाजनक होगी।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।