गेहूं में तेजी पर लगेगा ब्रेक | जानिए कितने गिर सकते हैं भाव

 
गेहूं में तेजी पर लगेगा ब्रेक | जानिए कितने गिर सकते हैं भाव

किसान साथियो सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी गेहूं के भाव बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले एक महीने में गेहूं के भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं। दिल्ली लॉरेंस रोड़ पर गेहूं के भाव 2550 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए है। पिछले एक साल में खुदरा बाजार में गेहूं की कीमत 6.77% और थोक बाजार में 7.37% बढ़ी है जबकि चावल के मामले में यह वृद्धि क्रमशः 10.63% और 11.12% है।

सरकार ने लिया बड़ा फैसला
साथियो अब गेहूं चल रही लगातार तेजी पर अब ब्रेक लगता दिखाई दे सकता है। गेहूं की बढ़ती कीमतों को काबू में करने के लिए केंद्र सरकार अब हरक़त में आ गई है। सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना, ओएमएसएस के माध्यम से 75 लाख टन अतिरिक्त गेहूं और चावल खुले बाजार में बेचने का फैसला किया है।

कितना रहेगा गेहूं और चावल का सरकारी भाव
केंद्र सरकार ने चावल के आरक्षित मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल को घटाकर 2900 रुपये प्रति क्विंटल किया है जबकि गेहूं का आरक्षित मूल्य फिलहाल 2150 पर स्थिर रखा गया है। ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री का मूल्य FAQ(Fair average Quality) श्रेणी का 2150 रुपये प्रति क्विंटल तथा URS श्रेणी का 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि हाल में गेहूं और चावल की कीमतों में तेजी आई है, इसलिए सरकार ने 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल खुले बाजार बिक्री योजना, (ओएमएसएस) के तहत बेचने का निर्णय किया है।

पहले भी बेचा गया था गेहूं
श्री चोपड़ा ने कहा कि इससे पहले बाजार बिक्री योजना के तहत केंद्र सरकार 15 लाख टन गेहूं और 5 लाख टन चावल बेचने का निर्णय लिया था। उन्होंने बताया कि अब तक 7 लाख टन गेहूं ओएमएसएस के तहत ई-नीलामी के जरिये बेचा गया है। जबकि इस दौरान चावल की बिक्री बहुत कम हुई है।

जून 2023 के अंतिम सप्ताह में सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना के तहत केंद्रीय पूल से गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री आरंभ की थी। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने के बाद भी इसकी कीमतें लगातार तेज बनी हुई हैं। बुधवार को दिल्ली में गेहूं के भाव 2,545 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

स्टॉक की क्या है स्थिति
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय पूल में पहली अगस्त को गेहूं का स्टॉक 280.39 लाख टन और चावल का स्टॉक 242.95 लाख टन है। पिछले साल पहली अगस्त को केंद्रीय पूल में गेहूं का 266.45 लाख टन का और चावल का 279.52 लाख को मिलाकर कुल 545.97 लाख टन का बकाया स्टॉक था। रबी विपणन सीजन 2023-24 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी) पर 262.02 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी, जोकि रबी विपणन सीजन के 187.92 लाख टन से 39.43 फीसदी ज्यादा है। हालांकि यह सरकार के खरीद लक्ष्य से काफी नीचे है।

भाव पर क्या होगा असर
साथियो 75 लाख टन अनाज की खुले बाजार में बिक्री गेहूं और चावल के बढ़ते भाव पर ब्रेक जरूर लगाएगी। इससे पहले भी ऐसा हो चुका है लेकिन इस बार की खास बात यह है कि सरकार द्वारा काफी ज्यादा मात्रा में गेहूं और चावल की सप्लाई की जा रही है जो कि गेहूं के भाव में ठहराव तो लाएगी ही साथ में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट(Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है