मटर के किसानो के खिले चेहरे | मटर के भावों ने तोड़ा पिछले 25 साल का रिकॉर्ड | जाने पूरी खबर

 

किसानों के लिए खुशियों का साल

किसान साथियों, इस साल सभी किसान भाइयों के लिए एक सुखद अनुभव रहा है, चाहे वह आलू के किसान हों या प्याज के। इस साल उनकी फसल के अच्छे दामों ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। अब सुनने में आया है कि मटर की फसल ने पिछले 25 वर्षों में पहली बार इतने ऊंचे दामों तक पहुंचकर किसानों की मेहनत का सही फल दिया है। शिमला की मंडीयो में मटर के दाम 130 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसके अलावा, गोभी और बीन जैसी अन्य सब्जियों के भी दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे किसानों को भारी मुनाफा हो रहा है। हालांकि इस साल मटर की उपज कुछ कम रही है, लेकिन फसल के ऊंचे दामों ने इस कमी को पूरी तरह से भर दिया है।

मटर की फसल से भारी कमाई

शिमला के किसानो का कहना है कि मंडियों में मटर की क्वालिटी के हिसाब से मटर के दाम मिल रहे हैं। एवरेज क्वालिटी के मटर 60 से 85 रुपये प्रति किलो तक बिक रहे हैं, जबकि सुपर क्वालिटी के मटर का दाम 20 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। किसानो ने यह भी कहा कि मौसम की अनुकूलता न होने की वजह से फसल में देरी हुई, लेकिन अच्छे दामों ने इस कमी को पूरी तरह से ढक लिया है। इस प्रकार, किसान अब मटर की फसल से 20 हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।

उत्पादन लागत और परिवहन

मटर की फसल की खेती करने में किसानों को कई प्रकार की लागत का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले, मजदूरी की बात करें, तो किसान को प्रतिदिन प्रति मजदूर 500 रुपये की मजदूरी चुकानी पड़ती है। इसके अलावा, मंडी तक फसल पहुंचाने में भी हर बोरी पर 300 रुपये का खर्च आता है। हालांकि, फसल के ऊंचे दाम मिलने से यह लागत पूरी हो रही है और किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है।

हालांकि फसल की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन फसल की मात्रा कम होने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन और लोडिंग पर अधिक खर्च आ रहा है। मंडी तक फसल पहुंचाने वाली गाड़ियों के मालिकों को लोडिंग कम होने के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है। बावजूद इसके, इस साल की ऊंची कीमतें किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं, और मटर के दामों में आए इस बम्पर तेजी ने किसानो की मेहनत का उचित इनाम  दिया है।

25 वर्षों में सबसे अधिक दाम

कुछ भाइयो ने बताया कि वह पिछले कई सालो से मंडी में काम कर रहे हैं, लेकिन इस साल सभी सब्जियों को जो दाम मिल रहे हैं, वह पहले कभी नहीं मिले। गोभी 45 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जबकि बीनस का भाव भी 81 से 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। शिमला मिर्च का भाव 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है। त्योहारी सीजन के चलते मटर के दाम 100 से 130 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं, जो पिछले 25 सालों में सबसे ऊंचे दाम हैं।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।