इस दिन से बढ़ जाएंगे सोयाबीन के रेट | जाने क्या है इसकी वज़ह

 

अक्टूबर में सोयाबीन की आवक और समर्थन मूल्य पर खरीदी

नमस्कार  किसान साथियों, अब अक्टूबर महीने में कृषि उपज मंडियों में सोयाबीन की आवक धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। महीने के अंत में सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी शुरू हो जाएगी। सरकार द्वारा इस साल सोयाबीन का MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी MSP पर की जाएगी, और विशेष रूप से मध्य प्रदेश में यह प्रक्रिया 25 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।

आज के सोयाबीन के भाव

सोयाबीन की MSP पर खरीदी शुरू होने से पहले बाजार में इसके भाव कम बने हुए हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोयाबीन की MSP पर खरीदी शुरू होने के बाद, विशेष रूप से दीपावली के बाद, इसके भाव में तेजी आएगी। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा। विश्लेषकों के अनुसार, 25 अक्टूबर के बाद सोयाबीन के भाव में वृद्धि हो सकती है। अभी सोयाबीन के भाव 4500 रुपये प्रति क्विंटल से कम बने रहने की संभावना है, जबकि नवंबर महीने में यह 5000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक हो सकते हैं।

बीते सप्ताह मंडियों में सोयाबीन का हाल

कृषि उपज मंडियों में पिछले सप्ताह नमी युक्त सोयाबीन 4000 से 4200 रुपये प्रति क्विंटल बिका, जबकि सूखा सोयाबीन 4500 से 4600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। गीला सोयाबीन 3900 रुपये प्रति क्विंटल और 50% नमी युक्त सोयाबीन 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका। वहीं, 13% नमी वाला सोयाबीन 4500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका, जबकि पुराना सोयाबीन 4650 रुपये प्रति क्विंटल बिका। विश्लेषकों के अनुसार, आगामी सप्ताह में सोयाबीन की आवक बढ़ने की संभावना है, लेकिन अधिक आवक के बावजूद भाव में गिरावट कम ही देखने को मिल सकती है।

कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क और इसका प्रभाव

केंद्र सरकार ने 14 सितंबर को कच्चे खाद्य तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) को 5.5% से बढ़ाकर 27.5% कर दिया है। इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद रिफाइंड सोयाबीन तेल के दाम में 25 से 30 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। हालांकि, सोयाबीन के मंडी भाव में आशातीत बढ़ोतरी देखने को नहीं मिली है। सरकार ने त्योहारी सीजन के दौरान खाद्य तेल की कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया है। साथ ही, खाद्य तेल कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि जब तक आयातित खाद्य तेल स्टॉक खत्म नहीं हो जाता, तब तक तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) को बनाए रखा जाए।

सोयाबीन के भाव में तेजी हो सकती ?

विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य तेल कंपनियों के पास मौजूद स्टॉक खत्म होने के बाद, सोयाबीन तेल और सोयाबीन के भाव में तेज़ी देखने को मिलेगी। यह वृद्धि नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। भारत में सोयाबीन उत्पादन का 42% मध्य प्रदेश में होता है। साल 2023 में लगभग 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई की गई थी, और इस वर्ष 54 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है। किसानों को अभी मंडियों में सोयाबीन के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं, लेकिन कच्चे सोयाबीन तेल पर आयात शुल्क बढ़ने से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।