आम लोगों के लिए राहत भरी खबर दिल्ली NCR में हट सकते हैं ये टॉल प्लाजा | जाने क्या है इसकी वज़ह

 
toll plaza

दोस्तों दिल्ली और एनसीआर के शहरों के बीच प्रतिदिन यात्रा करने वाले लाखों लोगों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। वर्तमान में, दिल्ली में प्रवेश करने के लिए टैक्सियों को 100 रुपये की एंट्री फीस चुकानी पड़ती है, या फिर सीमाओं पर मौजूद एमसीडी के टोल बूथों पर लंबी कतारों का सामना करना पड़ता है। इन टोल बूथों पर ग्रीन टैक्स वसूला जाता है, जिससे यात्रियों को काफी समय और धन दोनों का नुकसान होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और नगर निगम दिल्ली (MCD) के बीच कई दौर की बातचीत हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली की सीमाओं पर स्थित टोल कलेक्शन पॉइंट्स को मुख्य हाईवे से हटाने की योजना बनाई जा रही है। इस कदम से हाईवे पर ट्रैफिक की गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी 

हाईवे से हटाए जाएंगे टोल पॉइंट्स

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनएचएआई जल्द ही एमसीडी को निर्देश देने वाला है कि दिल्ली की सीमाओं पर स्थित टोल कलेक्शन पॉइंट्स को मुख्य हाईवे से हटाया जाए। इस निर्णय का सबसे अधिक प्रभाव दिल्ली से गाजियाबाद और नोएडा को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 9 (NH9) और दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 48 (NH48) पर देखने को मिलेगा। ये दोनों हाईवे अत्यधिक व्यस्त रहते हैं, जहां प्रतिदिन हजारों वाहन गुजरते हैं। टोल बूथों की वजह से इन हाईवे पर बार-बार ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। कई बार वाहन चालकों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है, जिससे उनका समय बर्बाद होता है और ट्रिप की लागत भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, ट्रकों और भारी वाहनों की आवाजाही के कारण इन टोल बूथों पर भारी दबाव रहता है, जिससे स्थानीय यात्रियों को भी असुविधा होती है। यदि टोल बूथों को हाईवे से हटाकर किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाता है, तो यातायात की रफ्तार में सुधार होगा और दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में अपील

रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार, सड़क परिवहन मंत्रालय और हरियाणा सरकार मिलकर सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर करने की योजना बना रहे हैं। इस अपील के माध्यम से टोल कलेक्शन पॉइंट्स को सीमा से दूर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके अलावा, वर्ष 2015 में लागू किए गए पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ECC) के आदेश में संशोधन की भी मांग की जाएगी। ECC शुल्क विशेष रूप से व्यावसायिक वाहनों पर लागू होता है, जबकि टैक्सियों को इससे छूट दी गई है। हालाँकि, कई बार नियमों की अस्पष्टता के कारण टैक्सी चालकों को भी अनावश्यक शुल्क देना पड़ता है। यदि सुप्रीम कोर्ट इस अपील को स्वीकार करता है और ECC के नियमों में संशोधन करता है, तो इससे दिल्ली-एनसीआर में यात्रा करने वाले लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

क्या होगा अंतिम निर्णय ?

हाल ही में केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर दिल्ली और हरियाणा प्रशासन के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की है। अब इस योजना को लागू करने का अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट के रुख पर निर्भर करेगा। यदि अदालत इस मामले में सकारात्मक निर्णय लेती है, तो एनएचएआई और एमसीडी जल्द ही इन बदलावों को लागू करने के लिए काम शुरू कर सकते हैं। अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों को ट्रैफिक जाम से बड़ी राहत मिलेगी। समय की बचत होगी, ईंधन की खपत कम होगी, और ट्रिप की लागत में भी कमी आएगी। साथ ही, हाईवे पर ट्रैफिक संचालन में भी सुधार आएगा |
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।