MSP पर धान की खरीद एक अक्टूबर से होगी शुरू | जाने पूरी जानकारी इस रिपोर्ट में

 

किसान साथियो भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाती है। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीदने की है। इस योजना के तहत सभी राज्य सरकारें किसानों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती हैं। इसका मतलब है कि सरकार किसानों को उनकी फसल का एक निश्चित न्यूनतम मूल्य देती है, चाहे बाजार में उस फसल का भाव कम ही क्यों न हो। इस योजना से किसानों को काफी लाभ होता है। उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए बाजार की मंडियों में भटकना नहीं पड़ता और उन्हें उचित मूल्य मिल जाता है। सरकार किसानों के डीबीटी पंजीकृत बैंक खातों में सीधे खरीद राशि का भुगतान करती है। हालांकि, किसानों को एमएसपी पर अपनी फसल बेचने के लिए पहले राज्य के खाद्य एवं रसद विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होता है। राज्य सरकारें फसल कटाई से पहले ही इस योजना के लिए तैयारियां शुरू कर देती हैं ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। खाद्य एवं रसद विभाग के माध्यम से खरीद केंद्रों की स्थापना की जाती है और किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस प्रकार, न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करती है।

यूपी में धान की खरीद शुरू होने जा रही है
उत्तर प्रदेश के धान किसानों के लिए खुशखबरी है। खरीफ की फसलें बोई जा चुकी हैं और किसान अब इनकी सिंचाई में जुटे हुए हैं। इस बीच, राज्य सरकार ने धान की खरीद के लिए एक अक्टूबर से शुरू होने की घोषणा की है। खाद्य एवं रसद विभाग ने इस संबंध में एक विस्तृत समय-सारिणी जारी की है। इसके अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होगी जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह प्रक्रिया एक नवंबर से शुरू होगी। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी धान की फसल बेचने का मौका मिलेगा। इससे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा और उन्हें आर्थिक लाभ होगा।

धान खरीद की तैयारियों हुई शुरू
उत्तर प्रदेश में धान की खरीद के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। खाद्य एवं रसद विभाग ने इस संबंध में सभी अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। धान खरीद के लिए समय-सारिणी निर्धारित कर दी गई है और इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ई-टेंडर के माध्यम से ठेकेदारों की नियुक्ति और परिवहन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में यह प्रक्रिया 25 अगस्त तक और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में 31 अगस्त तक पूरी की जानी है। इसके साथ ही, क्रय केंद्रों पर आवश्यक उपकरणों जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप, इंटरनेट, बोरे, इलेक्ट्रॉनिक कांटा, जनरेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह काम 15 सितंबर तक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर तक पूरा किया जाना है। धान और चावल की गुणवत्ता जांच के लिए भी आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि, सरकार द्वारा अभी तक धान खरीद का लक्ष्य घोषित नहीं किया गया है। फिर भी, प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

एमएसपी पर उपज बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
उत्तर प्रदेश के किसान जो अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेचना चाहते हैं, उनके लिए खाद्य एवं रसद विभाग ने एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की है। किसानों को अपनी उपज बेचने से पहले खाद्य एवं रसद विभाग उत्तर प्रदेश की वेबसाइट https://fcs.up.gov.in/ पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। यह पंजीकरण आधार कार्ड के माध्यम से किया जा सकता है। पंजीकरण के दौरान किसानों को अपने खेत का विवरण देना होगा, जिसमें खतौनी/खाता संख्या, प्लाट/खसरा संख्या, भूमि का रकबा (हेक्टेयर में) और फसल (धान/अन्य) का रकबा शामिल है। यदि किसी किसान को पंजीकरण प्रक्रिया में कोई समस्या आ रही है, तो वह टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 पर संपर्क कर सकता है। इसके अलावा, किसान मित्र (UP KISAN MITRA) मोबाइल ऐप के माध्यम से भी पंजीकरण करा सकते हैं। इस ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया से किसानों को एमएसपी पर अपनी उपज बेचने में आसानी होगी और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।

खरीफ 2024-25 के लिए एमएसपी कितना है
भारत सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित कर दिया है। खाद्य आयुक्त, उत्तर प्रदेश के अनुसार, सामान्य धान का एमएसपी 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ए ग्रेड धान का एमएसपी 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, बाजरा, रागी, ज्वार, मक्का, अहर (तुर), मूंग, उड़द और मूंगफली जैसी अन्य प्रमुख फसलों के लिए भी एमएसपी तय किए गए हैं। इनमें बाजरा का एमएसपी 2625 रुपये प्रति क्विंटल, रागी का 4290 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार (हाइब्रिड) का 3371 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार (मालदंडी) का 3421 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का का 2225 रुपये प्रति क्विंटल, अहर (तुर) का 7550 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग का 8682 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द का 7400 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली का 6783 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस निर्णय से किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा और उन्हें आर्थिक लाभ होगा।

सरकार किन फसलों की सरकारी खरीद करती है
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई प्रयास कर रही है। इन प्रयासों में से एक है सरकारी खरीद योजना। इस योजना के तहत, खाद्य एवं रसद विभाग राज्य में किसानों से गेहूं, धान, बाजरा, मक्का, ज्वार और कोदों जैसी फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए राज्य के सभी जिलों में लगभग चार हजार क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। किसानों से खरीदी गई धान को राज्य के 814 धान मिलों में भेजा जाता है, जहां इसे संसाधित किया जाता है। इसके बाद, इस धान को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को वितरित किया जाता है। किसानों से धान की खरीद एमएसपी पर 3752 क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक की जाती है। इस योजना से किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिलता है और उन्हें बाजार की मंडियों में अपनी उपज बेचने की चिंता नहीं करनी पड़ती।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।