प्याज में तेजी पर लग सकता है ब्रेक | सरकार ने प्याज के स्टॉक पर दी बड़ी अपडेट

 

बढ़ती महंगाई के आलम के बीच एक अच्छी खबर है कि प्याज, टमाटर और आलू जैसी प्रमुख सब्जियों की बुआई के रकबे में वृद्धि दर्ज की गई है। व्यापरियों का कहना है कि भले ही उत्पादन बढ़ने से भाव कम हो जाये लेकिन खरीफ मौसम के दौरान सब्जियों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि किसानों और बाजार दोनों के लिए फायदेमंद होगी। आंध्र प्रदेश के चित्तूर और कर्नाटक के कोलार जैसे क्षेत्रों में टमाटर की फसल की अच्छी स्थिति भी बाजार में आपूर्ति को स्थिर बनाए रखेगी, जिससे कीमतों में उतार-चढ़ाव कम होगा।
खरीफ आलू के तहत रकबा बढ़ाने का लक्ष्य इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आलू, प्याज और टमाटर की उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, जो कि उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा। कुल मिलाकर, यह बढ़ती हुई कृषि गतिविधि किसानों की आय में वृद्धि करने और उपभोक्ताओं को बेहतर कीमतों पर सब्जियां उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
सरकार का यह बयान कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता संतोषजनक है और खुदरा कीमतें स्थिर हो रही हैं, यह एक राहत की बात है प्याज जैसी रोज़मर्रा में उपयोग होने वाली फसल की उपलब्धता और कीमतें स्थिर रहना उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है।
खरीफ मौसम में प्याज की फसलों की बुवाई में 27 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान सरकार की कृषि नीतियों और किसानों की मेहनत को दर्शाता है। अच्छी और समय पर हुई मानसूनी बारिश ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे प्याज, टमाटर, आलू और अन्य बागवानी फसलों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है। हालांकि कुछ जगहों से भारी बारिश के कारण नुकसान होने की. खबरें भी मिली हैं।
राज्य सरकारों और कृषि मंत्रालय के आकलन के अनुसार, प्रमुख सब्जियों की बुआई के रकबे में उल्लेखनीय वृद्धि होने से देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी और किसानों की आय में वृद्धि होने की संभावना है। यह वृद्धि बाजार में स्थिरता लाने में भी मदद करेगी, जिससे आम आदमी को उचित कीमतों पर सब्जियां उपलब्ध होंगी। यह खबर कृषि क्षेत्र में सकारात्मकता और उत्साह बढ़ाने वाली है, और इससे किसान और उपभोक्ता दोनों लाभान्वित होंगे।
जैसा की किसान साथियों आप पता है कि  प्याज की फसल तीन मौसमों में प्राप्त की जाती है: रबी (मार्च-मई), खरीफ (सितंबर-नवंबर), और देर की खरीफ (जनवरी-फरवरी)। उत्पादन की बात करे तो रबी फसल कुल उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत योगदान करती है, जबकि खरीफ और देर की खरीफ मिलकर 30 प्रतिशत योगदान देती हैं।
हालांकि रबी-2024 सीजन में प्याज का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले थोड़ा कम रहा है। इस वज़ह से हाल फ़िलहाल प्याज के दामों में वृद्धि देखने को मिल रही है। लेकिन सरकार का यही कहना है कि घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता संतोषजनक बनी हुई है। वर्तमान में बाजार में उपलब्ध प्याज रबी-2024 की फसल है, जिसकी कटाई मार्च-मई 2024 के दौरान की गई थी।
इस संतोषजनक उपलब्धता का मुख्य कारण यह हो सकता है कि सरकार और किसानों ने बेहतर भंडारण और वितरण प्रबंधन किया है, जिससे बाजार में प्याज की कमी नहीं हुई। इसके अलावा, खरीफ और देर की खरीफ की बुआई में वृद्धि भी प्याज की समग्र उपलब्धता को बनाए रखने में मदद कर रही है।

कितना रहा खरीफ प्याज के क्षेत्र
सूत्रों के मुताबिक, इस साल खरीफ प्याज के तहत 3.61 लाख हेक्टेयर का लक्षित क्षेत्र निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 27% अधिक है। यह वृद्धि सरकार की खेती को प्रोत्साहित करने वाली नीतियों और किसानों की मेहनत का परिणाम है।
रबी-2024 के अनुमानित उत्पादन के अनुसार, 191 लाख टन प्याज का उत्पादन किया गया है। यह मात्रा प्रति माह लगभग 17 लाख टन की घरेलू खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
प्याज की कीमतें स्थिर हो रही हैं क्योंकि किसानों द्वारा बाजार में भेजी जाने वाली रबी प्याज की मात्रा बढ़ रही है। इसका कारण मंडी की कीमतों में वृद्धि और मानसून की बारिश की शुरुआत है। मानसून के दौरान उच्च वायुमंडलीय नमी के कारण भंडारण को नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए किसान अपने प्याज को जल्दी से बेचने की कोशिश करते हैं।
महत्वपूर्ण नोट
जैसा कि हमने पहले भी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किसानो को एक दम से अपना माल निकालने की जरूरत नहीं है। माल थोड़ा थोड़ा करके निकालें। बड़ा स्टॉक होल्ड करने पर भी नुकसान हो सकता है। आने वाला समय बारिश का और उमस भरा रहने वाला है इसलिए बड़ा स्टॉक हाथ में लेकर नहीं चलना चाहिए। भाव को डेली मानिटर करते रहे। प्याज की अगली फ़सल आने में कम से कम 2 महीने का समय है तब तक ऐसा नहीं लगता कि भाव में कोई मंदा आएगा। हालांकि सरकार इसमें कभी भी अड़ंगा डाल सकती है इसलिए बाजार को मानिटर करते रहे। व्यापार अपने विवेक से ही करें

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।