नोयडा एयरपोर्ट के पास बनेगा ऑलम्पिक स्पोर्ट्स पार्क | 226 गांवों की जमीन होगी एक्वायर

 

उत्तर प्रदेश करेगा 'खेलों के महाकुंभ' की मेज़बानी: नोएडा एयरपोर्ट के पास बनेगा ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क

साथियों, उत्तर प्रदेश, जो पहले से ही अपनी विकास योजनाओं की वजह से सुर्खियों में है, अब एक और महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर चर्चा में है। यह परियोजना उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर क्षेत्र में नोएडा एयरपोर्ट के पास एक विशाल ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क (Olympic Sports Park) के निर्माण से संबंधित है। इस परियोजना को "यमुना प्राधिकरण मास्टरप्लान-2041" के हिस्से के रूप में लाया जा रहा है, जिसकी दिसंबर 2024 में प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। इस परियोजना से ना सिर्फ राज्य की खेल सुविधाओं को एक नई दिशा मिलेगी, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को खेलों के महाकुंभ की मेज़बानी की ओर भी एक कदम आगे बढ़ाएगा। दोस्तों, उत्तर प्रदेश सरकार की कोशिशें और केंद्र सरकार की मदद से उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क का निर्माण एक गेम-चेंजिंग परियोजना साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में नोएडा एयरपोर्ट के पास स्थित भूमि पर यह पार्क विकसित किया जाएगा। पार्क और एयरपोर्ट नजदीक होने के कारण यहां की ज़मीनों के भाव अचानक से सोने के भाव में परिवर्तित हो जाएंगे। इसके अलावा, यह पार्क न केवल क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन करने के लिए भी तैयार होगा। इस ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क में हर तरह के खेलों के आयोजन के लिए उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर होगा, ताकि यहां खेलों के सभी प्रकार आसानी से आयोजित किए जा सकें। इस पार्क का उद्देश्य सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि इसे इस तरह से डिज़ाइन किया जाएगा कि यहां पर विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जा सकें, जैसे ओलंपिक खेल, एशियाई खेल, और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं। इससे उत्तर प्रदेश की खेल सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और राज्य को खेलों के बड़े आयोजनों की मेज़बानी करने में एक महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा। पार्क के आस-पास जो भी विकास कार्य होंगे, वे क्षेत्र की जीवनशैली और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देंगे। तो चलिए उत्तर प्रदेश की इस परियोजना के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

कहां बनेगा ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क

साथियों, जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क नोएडा के सेक्टर-22F और सेक्टर-23B में बनाया जाएगा। यह स्थान नोएडा एयरपोर्ट के काफी पास है, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए एक आदर्श जगह बन जाता है। एयरपोर्ट के पास स्थित होने के कारण, खिलाड़ियों और अधिकारियों को यहां पहुंचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा, इस स्थान की विशेषता यह भी है कि यहां से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के संपर्क में आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिससे इस पार्क के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट भी बेहतर होगा। एयरपोर्ट के काफी नजदीक होने के कारण इस पार्क के निर्माण से स्थानीय क्षेत्र में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। और यहां पर बनने वाले खेल परिसर और सुविधाओं का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अलावा स्थानीय आयोजनों के लिए भी किया जा सकेगा, जिससे यह स्थान पूरे राज्य में खेलों का प्रमुख केंद्र बन जाएगा।

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पार्क का डिजाइन

दोस्तों, तैयार किए गए नक़्शे के अनुसार ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क का आकार विशाल होगा। यह पार्क लगभग 52.4 हेक्टेयर (कुल क्षेत्रफल) में फैला होगा। इस पार्क को इस प्रकार डिजाइन किया जाएगा कि यहां पर हर प्रकार के खेल आसानी से आयोजित किए जा सकें। इसमें विशेष ध्यान इस बात पर दिया जाएगा कि हर खेल के लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएं हों, जैसे ट्रैक और फील्ड, इनडोर और आउटडोर खेल सुविधाएं। इसके अलावा, एथलीट्स के लिए प्रशिक्षण स्थल और अन्य उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं भी सही ढंग से उपलब्ध हों। इसके अलावा, इस परियोजना में एक ओलंपिक विलेज का निर्माण भी किया जाएगा। इस विलेज में लगभग 5,000 फ्लैट्स बनाए जाएंगे, जो कि 1 बीएचके, 2 बीएचके, और 3 बीएचके के आवासों के रूप में होंगे। इन फ्लैट्स का उपयोग ओलंपिक खेलों के दौरान खिलाड़ियों, अधिकारियों, और अन्य संबंधित लोगों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, इन आवासों का उपयोग भविष्य में अन्य खेल आयोजनों के दौरान भी किया जा सकेगा, जिससे यह क्षेत्र एक स्थायी खेल केंद्र के रूप में विकसित होगा।

226 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण

दोस्तों, केंद्र सरकार और यूपी सरकार की मिलीजुली यह विशाल परियोजना तब संभव हो पाएगी, जब यमुना प्राधिकरण द्वारा 226 गांवों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें 131 गांव गौतमबुद्धनगर जिले से और 95 गांव बुलंदशहर जिले से होंगे। इन दोनों जिलों के 226 गांवों को मिलाकर "मास्टरप्लान-2041" तैयार किया गया है, जो उत्तर प्रदेश के इस नए शहर को एक विशाल और आधुनिक रूप देगा। इस मास्टरप्लान में पहले 171 गांवों को शामिल किया गया था, लेकिन अब उनकी संख्या बढ़ाकर 226 कर दी गई है। इस नए शहर का कुल क्षेत्रफल लगभग 796 वर्ग किलोमीटर होगा, और इसका विकास गांवों के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आएगा। जिन किसानों की ज़मीन अधिग्रहित की जाएगी, उनके लिए यह आर्थिक स्थिति में सुधार का अवसर साबित हो सकता है। उनके द्वारा योगदान किया गया भूमि का विकास न सिर्फ राज्य के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा। किसानों को अपनी ज़मीन के बदले उचित मुआवजा मिलेगा, जिससे उनके आर्थिक हालात बेहतर हो सकेंगे।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।