MP के किसानो के लिए आयी नयी अपडेट | जाने कब से शुरू होगी समर्थन मूल्य पर खरीद

 

मध्य प्रदेश में किसानों के लिए फसलों के उपार्जन और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बिक्री से संबंधित नई योजना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाना है यह योजना धान, ज्वार, बाजरा और सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों के लिए बनाई गई है। इसमें सरकार ने पंजीकरण से लेकर उपार्जन तक की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाने पर जोर दिया है।  

दोस्तों अभी हाल में मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। कि राज्य सरकार ने धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए पंजीयन प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। अब मोटे अनाज जैसे बाजरा और ज्वार का उपार्जन 22 नवंबर 2024 से शुरू होगा, जबकि धान का उपार्जन 2 दिसंबर 2024 से प्रारंभ किया जाएगा। यह कदम सरकार द्वारा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी फसलों के उचित मूल्य दिलाने की दिशा में उठाया गया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने जानकारी दी है कि इस वर्ष MSP पर धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए 7 लाख 66 हजार 923 किसानों ने पंजीयन कराया है। पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या अधिक है, क्योंकि साल 2023 में 7 लाख 54 हजार 384 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इस वर्ष पंजीकृत किसानों का कुल रकबा 13 लाख 79 हजार 632 हेक्टेयर है, जिसका सत्यापन राज्य के राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। आगे बताते है कि मध्य प्रदेश में कितने किसान भाइयो ने पंजीकरण करा चुके है  

दोस्तों मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में पंजीकरण की स्थिति इस प्रकार है:

  •  किसान ने बालाघाट जिले में 1,28,327 किसानों ने पंजीयन कराया है, जो राज्य का सबसे बड़ा पंजीयन क्षेत्र है।
  • रीवा: 61,001 किसान
  • सतना: 54,639 किसान
  • जबलपुर: 54,465 किसान
  • सिवनी: 54,409 किसान
  • कटनी: 52,171 किसान
  • मंडला: 40,959 किसान
  • पन्ना: 33,213 किसान
  • शहडोल: 33,005 किसान
  • मैहर: 24,964 किसान
  • डिंडोरी: 24,091 किसान
  • उमरिया: 23,662 किसान
  • सीधी: 23,227 किसान
  • सिंगरौली: 23,238 किसान
  • अनूपपुर: 21,679 किसान
  • नर्मदापुरम्: 20,636 किसान
  • दमोह: 19,269 किसान
  • मऊगंज: 17,597 किसान
  • नरसिंहपुर: 11,825 किसान
  • रायसेन: 9,334 किसान
  • बैतूल: 7,800 किसान
  • सीहोर: 6,196 किसान
  • सागर: 3,922 किसान
  • ग्वालियर: 3,630 किसान
  • छिंदवाड़ा: 1,876 किसान
  • शिवपुरी: 1,162 किसान
  • दतिया: 1,026 किसान
  • भिंड: 2,239 किसान
  • विदिशा: 880 किसान
  • मुरैना: 7,781 किसान

 राज्य के लगभग सभी प्रमुख जिलों में किसानों ने उत्साहपूर्वक पंजीकरण कराया है, जिससे यह साफ़ होता है कि समर्थन मूल्य पर फसल विक्रय के प्रति किसानों का रुझान सकारात्मक है।

सोयाबीन उपार्जन की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार, प्रदेश में प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत सोयाबीन उपार्जन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। इसके लिए किसानों को ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण करने का अवसर दिया गया है। प्रदेश में सोयाबीन उपार्जन की प्रक्रिया भी MSP पर आरंभ की गई है। किसान भाई  20 अक्टूबर 2024 तक सोयाबीन उपार्जन के लिए अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस योजना के तहत, राज्य सरकार ने 25 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2024 के बीच सोयाबीन उपार्जन की समयसीमा तय की है। 

सोयाबीन खरीदी के लिए केंद्र और समर्थन मूल्य

सोयाबीन उपार्जन के लिए प्रदेश में 1400 केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहाँ पर जरूरत के अनुसार संशोधन भी किया जा सकेगा। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा 13.68 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर प्रति क्विंटल 4892 रुपये की दर से उपार्जन करने की योजना है। अगर निर्धारित मात्रा से अधिक सोयाबीन की खरीदी होती है, तो राज्य सरकार अपने स्तर पर भी सोयाबीन की खरीद करेगी, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।

राज्य सरकार का दीर्घकालिक उद्देश्य है कि किसानों को हर प्रकार से समर्थ बनाया जाए और उनकी आय को दोगुना किया जा सके। इसके लिए सरकार नई-नई योजनाओं और तकनीकों का भी उपयोग कर रही है, ताकि उपज बढ़ाई जा सके और किसानों की लागत को कम किया जा सके।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।