इंडोनेशिया तलाश रहा चीन से 10 लाख टन चावल आयात की संभावना | जाने इस रिपोर्ट में
दोस्तों चावल के बढ़ते हुए भावों को देखते हुए स्टॉक करने के प्रयासों के तहत इंडोनेशिया इंडोनेशिया देश चीन से 10 लाख टन चावल के आयात की संभावनाएं तलाश रहा है । यह जानकारी वहाँ कि नेशनल फूड एजेंसी (एनएफए) के हवाले से दी गई हैं । WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
दोस्तों जनसंख्या के हिसाब से देखें तो इंडोनेशिया दक्षिण-पूर्वी एशिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। इंडोनेशिया की जनसंख्या 27 करोड़ है। अलनीनो मौसमी चक्र के असर से निपटने के लिए इंडोनेशिया सरकार ने इस वर्ष देश की खाद्य खरीद एजेंसी, बुलॉग को 23 लाख टन चावल के आयात की अनुमति प्रदान की है । अलनीनो की वजह से इंडोनेशिया में मौसम भीषण गर्म हो जाता है जिसकी वजह से जंगलों में आग लगने की घटनाएं होती हैं और सूखा भी देखने को मिलता है। यही वजह है कि एशिया के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में मौसम गर्म होने के कारण फसलों के उत्पादन को खतरा हो जाता है ।
एनएफए ने अनुमान व्यक्त किया है कि देश के कुछ भागों पड़ा सूखा अलनीनो मौसमी चक्र की वजह से और गहरा सकता है । इसकी वजह से देश में पिछले वर्ष हुआ 3.154 करोड़ टन धान का उत्पादन हुआ था जो कि इस बार 5 से 7 प्रतिशत तक घट सकता है। एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि हमारे सामने चीन से 10 लाख टन चावल के आयात का विकल्प खुला है। आसियान सम्मिट के दैरान राष्ट्रपति ने चीन के अपने समकक्ष के साथ इस मुद्दे पर विचार- विमर्श किया था । उन्होंने आगे बताया कि इंडोनेशिया ने इस मुद्दे पर कंबोडिया के साथ भी बातचीत की है। कंबोड़िया इंडोनेशिया को 10 हजार टन चावल का निर्यात करने पर सहमत भी हुआ है।
देश की सांख्यिकी एजेंसी के अनुसार चालू वर्ष की जनवरी - अगस्त अवधि में इंडोनेशिया ने 15.90 लाख टन चावल का आयात किया है । एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 2,37,146 टन मात्रा का आयात किया गया था। बहरहाल, चावल के नवीनतम कुल आयात की आधे से अधिक मात्रा यानी 8.02 लाख टन चावल की आपूर्ति थाइलैंड ने की है । इसके बाद वियतनाम ने 6.74 लाख टन, भारत से 66 हजार टन और पाकिस्तान ने 45 हजार टन चावल की आपूर्ति की है ।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की कीमतों में तेजी की गति बीते एक दशक से भी कुछ अधिक समय की सबसे तेज रही है। केन्द्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार एक वर्ष पूर्व के आलोच्य महीने की तुलना में इस बार औसत कीमत में कम से कम 16 प्रतिशत का उछाल आकर यह 14 हजार रुपिहा (0.91 डॉलर) प्रति किलोग्राम हो गई है। इसका नवीनतम कीमत स्तर मार्च, 2017 के बाद का सबसे ऊंचा है। इससे पूर्व राष्ट्रपति ने कीमतों में आती जा रही तेजी के बाद भी देश में चावल का स्टॉक पर्याप्त होने का आश्वासन दिया था।
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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।