किसानों के लिए कितना जरूरी है फार्मर आईडी | किन स्कीमों के लिए पड़ेगी जरूरत

 

किसान साथियो भारत सरकार ने किसानों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए डिजिटल कृषि मिशन के तहत फार्मर आईडी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत देश के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम और ओडिशा में किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाई जा रही है। फार्मर आईडी, एग्री स्टैक (Agri Stack) प्लेटफॉर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसानों की पहचान को सुरक्षित रखने और उन्हें सरकारी सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करने में मदद करता है। फार्मर आईडी प्राप्त करने के लिए किसानों को आधार कार्ड, राशन कार्ड या फैमिली आईडी और अपनी जमीन से संबंधित जानकारी देनी होती है। इस आईडी के माध्यम से किसानों को भविष्य में विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में आसानी होगी।

क्या है फार्मर आईडी?
फार्मर आईडी एक अनूठी डिजिटल पहचान है जो आधार कार्ड से जुड़ी हुई है और विशेष रूप से किसानों के लिए बनाई गई है। यह आईडी राज्य के भूमि रिकॉर्ड से सीधे जुड़ी होती है। इसका मतलब है कि जब भी किसान की जमीन से जुड़ी कोई भी जानकारी बदलती है, तो फार्मर आईडी भी अपने आप अपडेट हो जाती है। यह एक ऐसी प्रणाली है जो किसानों की भूमि संबंधी जानकारी को डिजिटल रूप में रखती है और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करती है।

क्या है मकसद फार्मर आईडी बनाने का
भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया डिजिटल कृषि मिशन किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन के तहत बनाई गई किसान आईडी का उद्देश्य किसानों को कृषि से जुड़ी सभी सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करना है। इस पहल से किसानों को कृषि ऋण लेने की प्रक्रिया सरल हो गई है। किसान आईडी के माध्यम से किसान बिना किसी दस्तावेजी कार्रवाई और बैंक के चक्कर लगाए एक घंटे के भीतर ही कृषि ऋण प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाले कृषि उपकरण, उर्वरक और बीजों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, किसानों को उनकी फसल और मिट्टी की जांच के लिए स्थानीय स्तर पर सलाह भी प्रदान की जाती है। किसान आईडी के माध्यम से सरकार सीधे किसानों के बैंक खातों में वित्तीय सहायता भेजकर पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। इस पहल से किसानों का बाजार तक पहुंचना भी आसान हो गया है और उन्हें अपने उत्पादों के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं। कुल मिलाकर, किसान आईडी किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है और इससे कृषि क्षेत्र में क्रांति आने की उम्मीद है।

फार्मर आईडी के क्या क्या लाभ है
भारत में कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण की ओर एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। देश के कई राज्यों में किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। यह एक डिजिटल पहचान पत्र है जो किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश में किसानों को गोल्डन कार्ड दिया जा रहा है, जो उनकी डिजिटल पहचान का प्रमाण है।

फार्मर आईडी के लाभ :
1. KYC की आवश्यकता नहीं: फार्मर आईडी होने से किसानों को बार-बार अपनी पहचान के प्रमाण देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2. वेरिफिकेशन: यह किसानों की पहचान को सत्यापित करने का एक आसान तरीका है।
3. सरकारी योजनाओं का लाभ: फार्मर आईडी के माध्यम से किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
4. डिजिटल आईडी: किसानों को एक डिजिटल आईडी (जैसे गोल्डन कार्ड) मिलेगा जो उनकी पहचान का प्रमाण होगा।
5. बेहतर योजनाएं: किसानों की जानकारी के आधार पर उनके लिए बेहतर योजनाएं बनाई जा सकेंगी।
6. कर्ज और सब्सिडी: किसानों को बैंक से आसानी से कर्ज मिल सकेगा और उन्हें खाद, बीज, कृषि उपकरण आदि पर सब्सिडी भी मिलेगी।

कुल मिलाकर, फार्मर आईडी किसानों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और दक्षता लाने में भी मदद करेगा।

फार्मर आईडी बनाने के लिए जरूरी दस्तावेज कोनसे है
फार्मर आईडी बनाने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेजों में शामिल हैं:
1. आधार कार्ड: आधार कार्ड आपकी पहचान का एक प्रमुख दस्तावेज है। यह सुनिश्चित करें कि आधार कार्ड में आपकी सभी जानकारी सही और अद्यतित हो।
2. आधार से लिंक मोबाइल नंबर: आपका आधार कार्ड आपके मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए ताकि आपको OTP और अन्य नोटिफिकेशन प्राप्त हो सकें।
3. फैमिली आईडी या राशन कार्ड: यह दस्तावेज आपके परिवार के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
4. जमीन की खतौनी: खतौनी में आपकी जमीन का विवरण होता है, जैसे कि गाटा या खसरा संख्या। यह दस्तावेज यह साबित करता है कि आप एक किसान हैं।

फार्मर आईडी के लिए कैसे करें रजिस्ट्र्रेशन
1. वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले एग्रीस्टैक प्लेटफार्म के यूपी फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल (upfr.agristack.gov.in/farmer-registry-up/) पर विजिट करें।
2. फार्मर विकल्प चुनें: दायीं ओर ऑफिशियल के बगल में फार्मर विकल्प पर क्लिक करें। यदि आप पहली बार इस वेबसाइट पर आ रहे हैं, तो नया अकाउंट क्रिएट करें।
3. नया अकाउंट बनाने के लिए eKYC करें: नया अकाउंट बनाने के लिए आधार eKYC करें। इस दौरान वेरीफिकेशन के लिए आधार लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। इसे भरकर सबमिट बटन पर क्लिक करें।
4. डेमोग्राफिक डिटेल की पुष्टि करें: केवाईसी पूरी होने के बाद आपकी डेमोग्राफिक डिटेल स्क्रीन पर खुल जाएगी। सभी डिटेल्स को अच्छे से चेक कर लें।
5. मोबाइल नंबर लिंक करें: एग्रीस्टैक प्लेटफार्म से मोबाइल नंबर लिंक करने के लिए कहा जाएगा। आधार लिंक मोबाइल नंबर भरें और ओटीपी द्वारा वेरिफाई करें। ध्यान दें कि एक अकाउंट से केवल एक मोबाइल नंबर ही लिंक किया जा सकता है।
6. पासवर्ड क्रिएट करें: पासवर्ड बनाने के लिए अल्फाबेट (M, m), डिजिट (1, 2) और स्पेशल कैरेक्टर (@, #) का उपयोग करें।
7. लॉगिन करें: मोबाइल नंबर और पासवर्ड या ओटीपी विकल्प चुनें, कैप्चा कोड भरें और लॉगिन करें।
8. फार्मर रजिस्ट्रेशन शुरू करें: लॉगिन करने के बाद, "Register as Farmer" बटन पर क्लिक करें।
9. मोबाइल नंबर बदलने का विकल्प: अगर आप मोबाइल नंबर नहीं बदलना चाहते, तो "No" बटन पर क्लिक करें।
10. ईमेल आईडी वेरीफाई करें (ऑप्शनल): ईमेल आईडी भरकर वेरीफाई करें। हालांकि यह ऑप्शनल है, आप इसे छोड़ भी सकते हैं।
11. व्यक्तिगत जानकारी भरें: नाम, पिता का नाम और पता (अंग्रेजी और हिंदी दोनों में) चेक करें। अगर बदलाव करना हो तो "Insert latest residential details" पर क्लिक करके अपडेट करें।
12. जमीन की जानकारी जोड़ें: Land Ownership Details में ओनर चुनें। Occupation Details में Agriculture और Land Owning Farmer दोनों बॉक्स को चेक करें। Land Details में "Fetch Land Details" पर क्लिक करें। जिला, तहसील और गांव का नाम चुनें। Survey Number में गाटा या खसरा नंबर भरें और सबमिट करें। स्क्रीन पर Owner and Identifier की लिस्ट में अपना नाम चुनें। "Verify All Land" बटन पर क्लिक करें।
13. सामाजिक जानकारी जोड़ें: Social Registry Details में राशन कार्ड या फैमिली आईडी भरें।
14. अनुमोदन प्रक्रिया: डिपार्टमेंट अप्रूवल के लिए रेवेन्यू चुनें। चेक बॉक्स में सहमति दें और "Save" बटन पर क्लिक करें।
15. eSign प्रक्रिया पूरी करें: "Proceed eSign" बटन पर क्लिक करें। आधार नंबर भरें और ओटीपी मंगाएं। ओटीपी भरकर सबमिट करें।
16. रजिस्ट्रेशन पूरा करें: ऐसा करते ही आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा और आपको एक फार्मर एनरोलमेंट नंबर जारी होगा।
17. स्टेटस चेक करें: एनरोलमेंट नंबर की मदद से फैमिली आईडी जनरेट होने का स्टेटस चेक कर सकते हैं।

किस मोड में बनाई जा रही है फार्मर आईडी
सरकार किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाने की एक व्यापक पहल कर रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक किसानों की पहुंच को आसान बनाना है। किसान आईडी बनाने के लिए, केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए कई तरह के मोड विकसित किए हैं, जैसे कि सेल्फ मोड (किसान खुद मोबाइल का उपयोग करके रजिस्टर कर सकते हैं), असिस्टेड मोड (प्रशिक्षित कार्यकर्ता या स्वयंसेवक किसानों की मदद कर सकते हैं), कैंप मोड (ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाए जाते हैं), सीएससी मोड (सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से) और अन्य। सरकार का लक्ष्य है कि देश के सभी किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके। इसीलिए, सरकार डिजिटल कृषि मिशन चला रही है, जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में डिजिटल ढांचा तैयार करना है। इस मिशन के तहत, केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर किसानों का रजिस्ट्रेशन कर रही है। फार्मर आईडी किसानों की एक तरह की डिजिटल पहचान होगी, जिसके माध्यम से वे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

किस राज्य में कितनी बनी फार्मर आईडी बन चुकी है
कृषि क्षेत्र में डिजिटलीकरण की दिशा में राज्य सरकारें तेजी से आगे बढ़ रही हैं। कृषि मंत्रालय के अनुसार, राज्यों ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल ढांचा विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें राजस्व और कृषि विभागों के बीच बेहतर समन्वय, प्रशासनिक सुधार, और तकनीकी बदलाव शामिल हैं। राज्यों ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) और समन्वय टीमों का गठन करके प्रगति की निगरानी और डेटा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम किया है। फार्मर आईडी बनाने के मामले में गुजरात सबसे आगे है, जहां 25% किसानों के पास फार्मर आईडी है। मध्य प्रदेश ने भी कम समय में उल्लेखनीय प्रगति की है और 9% किसानों के पास फार्मर आईडी है। महाराष्ट्र 2% के साथ इस सूची में शामिल है। उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों ने भी फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।