MSP पर सरसों बेचने के लिए उमड़ी किसानों की भीड़ | लगी कई किलोमीटर की लाइन | जाने पूरी खबर

 

साथियो जैसा कि आप सबको पता है सरसों के मंडी भाव MSP से 400-500 रुपये नीचे चल रहे हैं। मंडियों में किसानो को 4700-5100 के उपर के रेट नहीं मिल रहे जबकि सरकार ने 5650 का MSP घोषित किया हुआ है। यही कारण है कि अप्रैल महीने में सरसों की सरकारी खरीद शुरू होते ही किसान MSP पर अपना माल बेचने के लिए दौड़ पड़े हैं। आलम यह हो गया है कि हरियाणा के भिवानी और हिसार मंडियों में सरसों उगाने वाले किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए टोकन (मंडियों में प्रवेश पास) लेने के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है।  सरकार हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन (HSWC) और हरियाणा फेडरेशन (HAFED) के माध्यम से सरसों की खरीद कर रही है। हरियाणा सरकार ने खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए पूरे राज्य में 106 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

किसान साथियो जैसा कि आप सबको पता है कि पोर्टल पर अपनी फसल दर्ज कराने वाले किसान ही एमएसपी पर अपनी फसल बेच सकते हैं। आपको अपनी सरसों को मंडी के अंदर ले जाने और उसे हैंडलिंग एजेंट को बेचने के लिए एक टोकन (प्रवेश पास) की पड़ेगी।

भिवानी के पाटवन गांव के किसान रामेश कुमार ने बताया कि उन्हें काउंटर पर भीड़भाड़ के कारण टोकन लेने के लिए तीन घंटे इंतजार करना पड़ा।  रमेश ने बताया कि एक किसान एक दिन में मात्र 25 क्विंटल सरसों ही बेच सकता है और वह अगले दिन भी इतनी ही सरसों ला सकता है। यही कारण है कि मंडी के बाहर ट्रैक्टरों का जमावड़ा लगा रहता है। ट्रैक्टर अनाज मंडी से 3 से 4 किमी दूर तक खड़े हो गए हैं।

भिवानी के एक अन्य किसान नेता दयानंद पूनिया ने दावा किया कि उन्होंने बहल की मंडी का दौरा किया, जहां उन्होंने हैंडलिंग एजेंटों और सरकार की ओर से कई खामियां मिली हैं । उन्होंने कहा, "खरीद प्रक्रिया चार दिन पहले शुरू हुई थी, लेकिन इस प्रक्रिया को अभी और दुरुस्त करने की जरूरत है। हैंडलिंग एजेंट फसल में नमी की मात्रा के नाम पर किसानों से राशि काट रहे हैं। किसान संत राम ने बताया कि 8% नमी पर 1 किलो, 9% पर 2 किलो, 10% पर 3 किलो की कटौती की जा रही है। किसानों का कहना है कि सरकार को सरसों खरीद की प्रक्रिया में सुधार करना चाहिए और साथ ही उन किसानों से भी फसल खरीदनी चाहिए जिन्होंने पोर्टल पर फसल दर्ज नहीं कराई है।" MP में कंपनी सीधी कर रही हैं खरीद | सोयाबीन में 4700 के उपर के भाव लेने हैं तो यहां बेचे अपना माल

खरीद एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने हिसार में 14,000 क्विंटल से अधिक सरसों की खरीद की है और निजी व्यापारियों द्वारा लगभग 3,000 क्विंटल की खरीद की गई है। अधिकारी के अनुसार खरीदी गई सरसों का लगभग 40% उठा लिया गया है। उनका कहना है कि किसानों को टोकन लेने के लिए लंबा इंतजार इसलिए करना पड़ा क्योंकि अधिक किसान अपनी उपज बेचने के लिए पहुंच रहे हैं।

सरकार को उम्मीद है कि मंडियों में लगभग 14.28 लाख मीट्रिक टन सरसों आएगी। मंडी भाव टुडे पर हम काफी समय से बता रहे हैं कि किसानों को सरसों को MSP पर बेचने की सारी औपचारिकताएं समय से पूरी कर लेनी चाहिए। क्योंकि बिना पोर्टल पर दर्ज किए फ़सल की खरीद सम्भव नहीं है। जींद के डाडोदा गांव के एक किसान सचिन कुमार ने बताया कि उन्हें सरकारी एजेंसी द्वारा उनकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने से इनकार करने के बाद 4,900 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर एक निजी व्यापारी को अपनी उपज बेचनी पड़ी क्योंकि उन्होंने इसे सरकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं कराया था। मंडी भाव टुडे की किसानों से रिक्वेस्ट है कि वे संयम बनाए रखें क्योंकि हरियाणा सरकार पोर्टल पर दर्ज पूरी फ़सल को खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।