धान खरीद में देरी को लेकर किसानों का चक्का जाम | जाने पूरी खबर

 

किसान साथियो पंजाब में धान की सरकारी खरीद में हो रही देरी के कारण किसानों में भारी रोष है। धान की खरीद में हो रही देरी से परेशान किसानों ने राज्यव्यापी चक्का जाम का फैसला लिया है। किसान यूनियनों ने घोषणा की है कि 26 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे से पूरे पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा। किसानों का कहना है कि वे पिछले एक महीने से सरकार से धान की खरीद में तेजी लाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, किसानों की मांग है कि धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाए और खरीद के समय की जाने वाली कटौती को बंद किया जाए। किसानों का यह आंदोलन सरकार पर दबाव बनाने और अपनी मांगों को मनवाने का एक प्रयास है।

पंजाब में धान की खरीद में हो रही देरी
पंजाब में धान की खरीद में हो रही देरी से किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसानों का आरोप है कि राज्य की अधिकांश मंडियां धान से लबालब हैं, लेकिन मिल मालिक धान का उठाव नहीं कर रहे हैं। राज्य सरकार भी इस मामले में उदासीन नजर आ रही है। धान की खरीद में देरी के कारण किसानों को अपनी फसल की कटाई रोकनी पड़ रही है। इससे गेहूं की बुवाई में देरी होगी और किसानों के पास पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त समय नहीं बचेगा। हालांकि, पंजाब के खाद्य मंत्री लाल चंद कटारूचक ने दावा किया है कि 24 अक्टूबर तक 30,07,937.77 टन धान की खरीद की जा चुकी है और 5,683 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी जिलों में धान का उठाव सुचारू रूप से चल रहा है। लेकिन किसानों के अनुभव इससे मेल नहीं खाते हैं। धान की खरीद में देरी से न केवल किसानों की आय प्रभावित होगी, बल्कि इससे कृषि क्षेत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सरकार को इस समस्या का शीघ्र समाधान ढूंढना होगा और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना होगा।

मंडियों के बाहर किसानों का विरोध
हरियाणा में चालू खरीफ विपणन सीजन 2024-25 में धान की खरीद में देरी देखने को मिल रही है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य की मंडियों में अब तक 39 लाख 66 हजार 50 टन धान की आवक हुई है, लेकिन एमएसपी पर सिर्फ 36 लाख 69 हजार 146 टन धान की ही खरीद की जा सकी है। सरकार द्वारा किसानों के खातों में 5337 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई गई है। हालांकि, धान की खरीद में देरी के साथ-साथ मंडियों से धान का उठाव भी धीमा रहा है। इसी का नतीजा है कि 23 अक्टूबर को राजौंद अनाज मंडी में किसानों ने गेट पर ताला जड़कर असंध-कैथल रोड पर जाम लगा दिया। किसानों का आरोप है कि सरकार द्वारा खरीद में देरी के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। किसानों को उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द धान खरीद की प्रक्रिया को तेज करेगी और मंडियों से धान का उठाव सुनिश्चित करेगी।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।