ट्रम्प की नीति के कारण अमेरिका में हो रही अंडों तक की स्मगलिंग | जाने क्या है मामला

 
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दोस्तों अमेरिकी अर्थव्यवस्था इस समय असंतुलन की स्थिति में है। बढ़ती मुद्रास्फीति, सरकारी टैरिफ नीतियों और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण अमेरिका में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संरक्षणवादी टैरिफ और व्यापार नीतियों ने घरेलू बाजार में वस्तुओं की कीमतों को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया है। विशेष रूप से किराने के सामान की कीमतों में तेजी देखी गई है, जिससे आम नागरिकों की लाइफस्टाइल प्रभावित हो रही है। अंडों की कीमतें इस समस्या का प्रमुख उदाहरण हैं, जो हाल के महीनों में ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं। अमेरिका में मुद्रास्फीति की दर 40 वर्षों के उच्चतम स्तर पर है। श्रम लागत में वृद्धि, आपूर्ति श्रृंखला की समस्याएं और वैश्विक महामारी के प्रभाव ने इस संकट को और बढ़ा दिया है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि से विशेष रूप से निम्न और मध्यम वर्ग के परिवार प्रभावित हो रहे हैं। स्थिति यह हो गई है कि लोग अब अमेरिका से सस्ता सामान खरीदने के लिए पड़ोसी देशों, जैसे कि मेक्सिको और कनाडा की ओर रुख कर रहे हैं।

क्यूँ आई अंडों की कीमतों में तेजी

अमेरिका में अंडों की कीमतों में बढ़ोतरी का एक और बड़ा कारण बर्ड फ्लू महामारी है। बर्ड फ्लू के कारण लाखों मुर्गियों को मारा गया, जिससे अंडों की आपूर्ति में भारी गिरावट आई। इस संकट ने अंडों की कीमतों को इतना बढ़ा दिया कि अब ये आम आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। कई अमेरिकी शहरों में एक दर्जन अंडों की कीमत 10 डॉलर (करीब 870 रुपये) तक पहुंच गई है। जबकि मेक्सिको में यही अंडे 2 डॉलर प्रति दर्जन से भी कम में मिल रहे हैं। बर्ड फ्लू का असर केवल उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने अंडों की आपूर्ति श्रृंखला पर भी गंभीर प्रभाव डाला है। अमेरिका के कई पोल्ट्री फार्म बंद हो चुके हैं या सीमित उत्पादन कर रहे हैं। इसके अलावा, अंडों के आयात पर लगे प्रतिबंधों के कारण बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हो गई है, जिससे कीमतों में और अधिक उछाल आ गया है।

अंडों की तस्करी मे तेजी

अंडों की बढ़ती कीमतों और अमेरिका में उनके आयात पर प्रतिबंध के कारण तस्करी के मामलों में तेजी आई है। अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर भारी संख्या में अंडों की तस्करी के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अमेरिकी सीमा सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि अंडों की तस्करी में 36% की वृद्धि हुई है, जबकि सैन डिएगो जैसे कुछ क्षेत्रों में यह आंकड़ा 158% तक पहुंच गया है। तस्कर अलग-अलग तरीकों से अंडों की स्मगलिंग कर रहे हैं। कुछ लोग इन्हें स्पेयर टायर में छिपाकर ला रहे हैं, तो कुछ अंडों को कंबल और अन्य सामानों के बीच छिपाकर ला रहे हैं। कई मामलों में तस्करों ने किराने के सामान के साथ अंडों की खेप को मिलाकर लाने का प्रयास किया। सीमा पर पकड़े जाने पर कई लोगों ने दावा किया कि उन्हें इस कानून की जानकारी नहीं थी।

कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन एजेंसियों की सख्ती

अमेरिकी कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर से अब तक पक्षियों और मुर्गी से संबंधित 3,700 से अधिक अवैध उत्पाद बरामद किए गए हैं। यह संख्या उसी अवधि में केवल 352 फेंटेनाइल (एक खतरनाक ड्रग) की बरामदगी की तुलना में बहुत अधिक है। इससे स्पष्ट है कि अंडों की तस्करी अब संगठित अपराध का एक नया रूप ले चुकी है। सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने तस्करी रोकने के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। पहली बार अंडे की तस्करी करते पकड़े गए व्यक्ति पर 300 डॉलर तक का जुर्माना लगाया जाता है, जबकि बार-बार पकड़े जाने पर यह जुर्माना बढ़ जाता है। जब्त किए गए अंडों को नष्ट कर दिया जाता है ताकि वे किसी भी तरह बाजार में न पहुंच सकें।

सोशल मीडिया का प्रयोग

तस्करों ने अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करना शुरू कर दिया है। वे सोशल मीडिया, वॉट्सऐप ग्रुप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए ग्राहकों तक अंडे पहुंचा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन अंडों की बिक्री के लिए कई तरह की छूट और ऑफर दिए जा रहे हैं, जिससे इनका अवैध व्यापार और बढ़ रहा है। इन तस्करी किए गए अंडों को खरीदने के लिए बड़े-बड़े अमेरिकी कारोबारी भी लाइन में लगे हैं। अमेरिकी बाजार में अंडों की भारी मांग के कारण लोग जोखिम उठाकर इन्हें अवैध रूप से देश में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

अमेरिकी सरकार ने क्या किये उपाय

अमेरिकी सरकार इस संकट से निपटने के लिए कई उपाय कर रही है। बर्ड फ्लू से प्रभावित पोल्ट्री फार्मों को राहत पैकेज दिए जा रहे हैं, जिससे वे अपने उत्पादन को फिर से शुरू कर सकें। इसके अलावा, सरकार खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ नीतियों पर पुनर्विचार कर रही है। हालांकि, जब तक उत्पादन सामान्य नहीं होता और आपूर्ति श्रृंखला स्थिर नहीं होती, तब तक अंडों की कीमतों में गिरावट की संभावना कम है। 

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।