बासमती के किसानों के साथ हुआ धोखा | मंडी में सामने आई यह बात

 

किसान साथियो, किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। मोटे धान की खरीद में देरी के कारण किसानों को अपना भुगतान नहीं मिल पा रहा है। गेहूं की बुवाई का समय आ गया है, लेकिन डीएपी खाद की कमी से किसान परेशान हैं। इसके अलावा, बीजों को लेकर भी किसानों को धोखा दिया जा रहा है। कई दुकानदार जी 1121 किस्म का बीज बताकर बेच रहे हैं, लेकिन जब किसान अपनी उपज मंडी में ले जाते हैं तो मिलर उसे 1718 या 1885 किस्म बताते हैं। इस तरह की शिकायतें कृषि विभाग में लगातार आ रही हैं। किसान यूनियन ने भी जिला प्रशासन को नकली खाद और बीजों के बारे में शिकायत दी है। किसानों को इन समस्याओं के कारण काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है और उनका मनोबल भी गिर रहा है।

बीज में कर रहे है देखा धड़ी
बुडशाम गांव का किसान सतपाल अपनी धान की फसल लेकर मंडी पहुंचा था। दिन भर मंडी में इधर-उधर भटकने के बाद भी उसे कोई खरीददार नहीं मिला। शाम ढलने पर एक ग्राहक आया, लेकिन उसने सतपाल की 1121 किस्म की धान को 1885 किस्म का बताकर कम दाम देने की कोशिश की। सतपाल ने बीज 1121 किस्म का ही लिया था, लेकिन खरीददार अपनी बात पर अड़ा रहा। ऐसे में किसान को धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा। इसके अलावा, रात में फसल चोरी होने का डर भी किसानों को सता रहा है। मजबूरी में किसानों को मंडी में ही रात भर पहरा देना पड़ रहा है।

दुकानदार ने दिया 1121 का बीज लेकिन मिलर ने बताया 1885 किस्म है
किसान धर्मबीर मलिक ने बताया कि उन्होंने 22 एकड़ जमीन में धान की 1121 किस्म का बीज बोया था। लेकिन जब फसल तैयार होकर मंडी में पहुंची तो खरीददारों ने दावा किया कि यह 1885 किस्म का धान है। उनके पास बीज की खरीद का पर्चा भी है जिसमें साफ तौर पर 1121 किस्म का बीज लिखा हुआ है। इस धोखे के कारण उन्हें प्रति क्विंटल लगभग 400 रुपये का नुकसान हुआ है। इसी तरह, बुद्धशाम निवासी सतपाल ने भी बताया कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ है। उन्होंने भी 1121 किस्म का बीज बोया था लेकिन खरीददारों ने उसे 1885 किस्म का बताया और खरीदने से मना कर दिया। किसानों ने आढ़तियों को इस समस्या से अवगत कराया लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं मिला। किसानों को अपनी फसल की रक्षा के लिए रात भर मंडी में जागना पड़ा।

1121 को खरीद रहे है 1718 किस्म बता कर
किसान महेंद के साथ एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने स्थानीय दुकानदार से 1121 किस्म का धान का बीज खरीदा था। लेकिन जब फसल तैयार हुई और उन्होंने धान को मंडी में बेचने के लिए ले गए, तो खरीदारों ने इसे 1718 किस्म का बताया। उन्होंने अन्य खरीदारों से भी इसकी पुष्टि करवाई और सभी ने यही बताया। इस धोखाधड़ी के कारण महेंद को प्रति क्विंटल लगभग 500 रुपये का नुकसान हुआ है। किसान महेंद का कहना है कि ऐसे धोखेबाज दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अन्य किसानों के साथ ऐसी घटनाएं न हों।

किसान पहुंचे डीसी के पास
चार दिन पहले, असंध रोड किसान यूनियन के अध्यक्ष सूरजभान रावल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त से मुलाकात की थी। उन्होंने जिले में बेची जा रही नकली खाद, बीज और दवाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। किसानों की इस शिकायत पर जिला उपायुक्त ने तुरंत ही खाद्य विभाग को निर्देश दिए कि वे ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। इसके बाद, खाद्य विभाग की टीम ने जिले के विभिन्न स्थानों से नमूने एकत्रित किए हैं। किसानों की समस्या के समाधान के लिए प्रशासन का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है।

किसानों की शिकायतों पर होगी कार्रवाई
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एसडीओ डॉ. देवेंद्र कुहाड़ ने बताया है कि किसानों द्वारा खाद, दवाइयों और बीजों के दामों में मनमानी किए जाने की कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। किसानों का आरोप है कि दुकानदार उनसे अधिक दाम वसूल रहे हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारी किसानों से मांगे गए बिलों की जांच कर रहे हैं और दोषी दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, गुणवत्ता नियंत्रण निरीक्षकों की एक टीम को खाद, दवाइयों और बीजों की दुकानों पर भेजा गया है जो नियमित रूप से नमूने ले रहे हैं। इस कदम से किसानों को मानक गुणवत्ता वाली कृषि सामग्री उपलब्ध करवाने में मदद मिलेगी और उन्हें ठगी से बचाया जा सकेगा।

👉 यहाँ देखें फसलों की तेजी मंदी रिपोर्ट

👉 यहाँ देखें आज के ताजा मंडी भाव

👉 बासमती के बाजार में क्या है हलचल यहाँ देखें

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।