पंजाब की सभी मंडियों में आढ़तियों और लेबर ने की स्ट्राइक | कैसे बिकेगा पंजाब के किसानो का धान

 

किसान साथियो फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन पंजाब और आढ़ती एसोसिएशन पंजाब ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है। यह हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की फसल में नमी सूखने के कारण अनाज की आपूर्ति रोकने के फैसले के खिलाफ है। इसके अलावा, आढ़ती अपने कमीशन दर को 2.5 प्रतिशत करने के सरकार के फैसले से भी नाखुश हैं। आढ़ती एसोसिएशन पंजाब के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा कि वे पंजाब सरकार से नाराज़ हैं क्योंकि आरडीए का मामला कोर्ट में ले जाया गया है, लेकिन उनकी कमीशन दर बढ़ाने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। हड़ताल के दौरान आढ़ती धान की खरीद नहीं करेंगे। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

पंजाब में 45 हजार आढ़ती हैं और उन्होंने सरकार से अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि सरकार अन्य वर्गों को मुफ्त बिजली और अन्य सुविधाएं दे रही है, लेकिन आढ़तियों का बकाया 192 करोड़ रुपये देने में आनाकानी कर रही है। आढ़तियों का यह भी कहना है कि गेहूं की कमी के लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं। अगर गेहूं समय पर नहीं उठा और गर्मी के कारण नमी सूख गई तो इसमें सरकार और ट्रांसपोर्टरों की गलती है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले उनके बकायेदारों से घाटे का पैसा काट लिया जाता था या फिर दबाव बनाकर निरीक्षकों द्वारा जबरन वसूला जाता था। अब उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि 72 घंटे के बाद काटी गई किसी भी फसल के वजन में कमी के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार एक अक्टूबर से राज्य स्तर पर धान खरीद शुरू करने जा रही है।

सरकारी कर्मचारियों ने किया राजपुरा मंडी का दौरा
पटियाला जिले की सभी 109 मंडियों में धान खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह जानकारी डिप्टी कमिश्नर पटियाला डाॅ. प्रीती यादव ने राजपुरा की अनाज मंडी का दौरा करने के बाद पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि पटियाला जिले में सबसे पहले धान की आवक राजपुरा से शुरू होती है, इसलिए यहां की तैयारियों का जायजा लेना बेहद जरूरी था। जिले की सभी मंडियों में 126 यार्ड बनाए गए हैं और इनमें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। आढ़तियों और किसानों से बातचीत के दौरान, डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल को मंडियों में लाने से पहले पूरी तरह सुखा लें, ताकि नमी की वजह से उन्हें किसी तरह की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि अगर मौसम अनुकूल रहा तो इस साल धान की रिकॉर्ड पैदावार होने की उम्मीद है और जिले में लगभग 14.04 मीट्रिक टन धान की आवक होने का अनुमान है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

आढ़तियों की सरकार से क्या है मांग
पंजाब में धान की सरकारी खरीद 1 अक्तूबर से शुरू हो रही है, लेकिन आढ़ती एसोसिएशन पंजाब ने इस बार धान की खरीद का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इस निर्णय का समर्थन करते हुए तपा सब-डिवीजन की आढ़ती एसोसिएशन ने भी धान की बोली न लगाने का निर्णय लिया है। आढ़तियों ने आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार ने उनकी आढ़त की दरें घटा दी हैं, जिससे किसानों को परेशानी हो सकती है, क्योंकि मंडी में धान की बोली आमतौर पर आढ़तियों के माध्यम से ही होती है। जिला आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार और महासचिव मनीष कुमार ने बताया कि पहले आढ़तियों को 2.5 प्रतिशत आढ़त मिलती थी, लेकिन 6 साल पहले इसे घटाकर 46 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया। सरकार के पोर्टल पर खरीद के समय आढ़त 58 रुपए प्रति क्विंटल मिलती है, लेकिन उन्हें 12 रुपए कम दिए जा रहे हैं। आढ़तियों ने मांग की है कि आढ़त को 58 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए, गेहूं में नमी के कारण जो कटौती की गई थी, उसे वापस लिया जाए, लोडिंग के लिए मजदूरी दरों को बढ़ाया जाए, आढ़तियों के बकाया 50 करोड़ रुपए ब्याज सहित दिए जाएं, और मंडियों में बारदाने तथा लोडिंग-अनलोडिंग की उचित व्यवस्था की जाए। इस बहिष्कार के कारण किसानों को अपनी फसल मंडी में बेचने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि आढ़तियों के बिना धान की बोली नहीं लग सकेगी।

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मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।