मंडियों में तैर रही धान की ढेरियां | सरकारी इंतजामों की निकली हवा

 

मंडियों में तैर रही धान की ढेरियां | सरकारी इंतजामों की निकली हवा

पिछले दो दिन से उत्तर भारत में जबरदस्त बारिश देखने को मिल रही है। बारिश के चलते धान की खड़ी फ़सल से लेकर मंडी तक में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है। ज्यादा दिन की बात नहीं हुई जब सरकार की तरफ से बयान आया था कि वह धान की फ़सल खरीदने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सोशल मीडिया पर घूम रहे वीडियो और फोटो सरकार के इस इंतजाम की हवा निकाल रहे हैं। किसानों की शिकायत है कि 4% की मंडी फीस लेने के बावज़ूद फसलों खरीद ले लिए मंडियों में पुख्ता इंतजाम क्यू नहीं है।

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खेत से लेकर मंडी तक किसान पर दोहरी मार

किसानों के लिए यह बारिश कहर से कम नहीं है । बारिश के चलते किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण खेत में पहले से जमा पानी की मोटर के द्वारा निकासी चल ही रही थी कि इस बारिश ने स्थिति को और गम्भीर कर दिया है। है। बहुत सारे इलाकों में खेतों में खड़ी फ़सल अब लेटने लगी है। जिसके कारण फ़सल में नुकसान होना तय है। अगर कटाई के समय तक खेतों में पानी खड़ा रह जाता है तो फ़सल काटने में किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। नुकसान के अलावा कटाई का लेबर खर्च भी डेढ़ से दोगुना हो जाता है। सरसों में बड़ा उछाल | रोके या बेचे | सरसों किसानों के लिए यह रिपोर्ट देखना जरूरी है
खराब मौसम के कारण मंडी में पहुंचने पर किसानों को अपनी फसल को व्यापरियों के मनमाने भाव पर बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों को निराशा के अलावा मंडी में कुछ नहीं मिल पा रहा। मंडियों में बेहत्तर सुविधा उपलब्ध करवाने के मार्केट कमेटी के दावों की पोल बारिश ने खोल दी। मंडियों में बने शैड के नीच आढ़तियों की फसल पड़ी होने के चलते किसानों को खुले में फसल डालने पर मजबूर होना पड़ा। धान के अलावा खेतों में खड़ी बाजरा और कपास की फसलों में भी नुकसान ही हुआ है।

जानें क्या है मौसम की अपडेट

हरियाणा और एनसीआर दिल्ली पर बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर एरिया ने पिछले दो दिनों से अपना रंग दिखा रहा है।  हरियाणा के पूर्वी और दक्षिणी जिलों के साथ केंद्रीय हिस्से में भी हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा रही है। उत्तरी राजस्थान व दक्षिणी हरियाणा पर लो प्रेशर एरिया बनने के कारण एक चक्रवातीय हवाओं का सर्किल बनने से बंगाल की खाड़ी से उठने वाली नम हवाओं का रूख मैदानी राज्यों की तरफ है। इसके अलावा इस चक्रवातीय सरकुलेशन को अरब सागर से भी सहारा मिलना शुरू हो गया है। इतनी मात्रा में नमी मिलने से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ अब एक टर्फ रेखा के रूप आगे बढ़ गया है।  जिसके कारण पश्चिमी और केन्द्रीय मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तरी राजस्थान के अलावा पूर्वी हरियाणा के साथ केंद्रीय हिस्से और दक्षिणी जिलों में पिछले दो दिनों से बारिश का माहौल देखने को मिल रहा है। देखें आज के नरमा और कपास के लाइव रेट | Narma and Cotton live Rate today 8 October

मौसम विभाग के अनुसार इस मौसम प्रणाली का हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में आज 09 से 11 अक्टूबर तक प्रभाव जारी रह सकता है । साथ ही हरियाणा के उत्तरी जिलों में भी 12 से 13 अक्टूबर को बारिश हो सकती है। हालांकि इस मौसमी प्रणाली का प्रभाव 9 अक्टूबर तक ज्यादा रहने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके पर येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। कल शाम से ही हरियाणा के करनाल, झज्जर, भिवानी, चरखी दादरी, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, हांसी, हिसार, सोहना, तावडू, नूंह, मेवात, फरीदाबाद, गुड़गांव, पलवल और एनसीआर दिल्ली में बारिश हो रही है। बारिश के कारण तापतान में सामान्य से करीब 10.0 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई है।  

हरियाणा में शाम 5.0 बजे तक बारिश के आंकड़े

नूंह व मेवात 43.0 मिलीमीटर, गुरुगाम में 42.0 मिलीमीटर, महेंद्रगढ़ में 40.0 मिलीमीटर, झज्जर में 26.5 मिलीमीटर, नारनौल में 23.0 मिलीमीटर, चरखी दादरी में 19.0 मिलीमीटर, रोहतक में 14.0 मिलीमीटर, भिवानी में 6.0 मिलीमीटर, हिसार में 2.0 मिलीमीटर  ( स्रोत भारतीय मौसम विभाग) बासमती धान के ताजा भाव | Basmati Paddy Rate Today 8 October 22