बासमती किसानो के लिए आई बड़ी खबर | दिसंबर मे बढ़ा 20 प्रतिशत तक बासमती का निर्यात

 

किसान साथियो अक्टूबर की तुलना नवंबर में देश से जहां बासमती चावल के निर्यात में 19.87 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 3.74 फीसदी की कमी आई। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार नवंबर में देश से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 3.86 लाख टन का हुआ है, जबकि अक्टूबर में इसका निर्यात 3.22 लाख टन का ही हुआ था। हालांकि गैर बासमती चावल का निर्यात नवंबर में कम होकर 3.60 लाख टन का ही हुआ है जोकि अक्टूबर में हुए 3.74 लाख टन की तुलना में कम है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

साथियो चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान देश से जहां बासमती चावल के निर्यात में 9.59 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस दौरान गैर बासमती चावल के निर्यात में 33.51 फीसदी की भारी गिरावट आई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2023- 24 की पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 9.59 बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 29.94 लाख टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान इसका निर्यात केवल 27.32 लाख टन का हुआ था। गैर बासमती चावल के निर्यात में चालू वित्त वर्ष की पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान 33.51 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 76.92 लाख टन का ही हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 105.70 लाख टन का हुआ था। केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद

भी चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र ने 25 अगस्त 2023 को आदेश दिया था कि केवल 1,200 डॉलर प्रति टन या उससे अधिक मूल्य वाले बासमती चावल के निर्यात अनुबंधों को ही पंजीकृत किया जायेगा। इसके विरोध में उत्तर भारत के निर्यातकों के साथ ही चावल मिलों ने हड़ताल कर दी थी, साथ ही मंडियों में किसानों से धान की खरीद भी बंद कर दी थी। अत- 28 अक्टूबर 23 को एक्सपोर्ट प्रमोशन संस्था एपिडा को भेजे एक पत्र में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि बासमती चावल के निर्यात के लिए कॉन्ट्रैक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए मूल्य सीमा को 1,200 डॉलर प्रति टन से संशोधित कर 950 डॉलर प्रति टन करने का निर्णय लिया था। केंद्र सरकार ने 20 जुलाई 23 को गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इसके अलावा पिछले साल सितंबर 2022 में ब्रोकन चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया था।

धान को रोके या बेचे
हालांकि गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद कई देशों ने भारत सरकार से इस पर पुनर्विचार करने और निर्यात पर प्रतिबंध न लगाने की मांग की थी। अत- सरकार ने समय, समय पर कई देशों के अनुरोध को मानते हुए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की मंजूरी दी है। इसके बावजूद भी गैर बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है। व्यापारियों के अनुसार लाल सागर संकट का असर चावल के निर्यात पर भी पड़ा है, जिस कारण घरेलू बाजार में हाल ही में बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में मंदा आया है। इस दौरान बासमती चावल की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। हालांकि उत्तर भारत के राज्यों में धान की दैनिक आवकों में कमी आई है, तथा जानकारों का मानना है कि फरवरी में गल्फ फूड के कारण बासमती चावल में फिर से मांग निकल सकती है। अगर किसी कारण से मांग नहीं निकलती है तो हमे लाल सागर वाले रूट का ही इंतजार करना पड़ेगा जब तक ये रूट नहीं खुल जाता तब तक धाम में तेजी की उम्मीद कम है और रही बात धान को रोके या बेचे की तो हम आप को बता दे की हमने आप को नवंबर में ही बता दिया था की आप धान को बेचना चाहते हो तो बेच सकते हो उस समय धान के भाव हरियाणा में 5200/5300 के और पंजाब में 5400 से 5500 के मिल रहे थे हमने आप को बोल दिया था की अब ये सीजन के टॉप भाव मिल रहे है तो आप बेच दो लेकिन कुछ किसान जो 100 से 200 रुपए की लालच में आकर उन्होंने धान को रोक लिया और वो अब हम को बोल रहे है की आप की वजह से हम ने धान को रोका था अगर आप हमारी बात इतनी ही मानते हो तो जब हमने कहा की बेच दो तो बेचा क्यों नहीं अगर ये लाल सागर वाले रूट में दिक्त न आती तो ये सिर्फ 100 से 200 रुपए तक की ही गिरावट आती लेकिन अब धान के भाव गिरते ही जा रहे है अब हम आप को बोल दे की बेच दो तो आप को भी नुकसान होगा और आगे की किसी को पता नहीं की क्या होगा तो हम आप को नहीं बोल सकते की बेचो या रोको क्योकि हमारा काम है आप तक जानकारी पहुंचना बाकि काम आप का की आप बेचे या रोके हम हर पोस्ट में बताते है की व्यापार अपने विवेक से करे इसका यही मतलब है की व्यापार खुद से करे हम सिर्फ आप को जानकारी देते है

चावल मार्किट उपडेट
दिल्ली में सोमवार को पूसा 1,509 किस्म के बासमती सेला चावल का भाव घटकर 6,800 से 7,000 रुपये और इसके स्टीम चावल के भाव कमजोर होकर 7,500 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से पूसा 1,121 किस्म के स्टीम चावल का भाव दिल्ली में कमजोर होकर 9,300 से 9,500 रुपये तथा इसके सेला चावल का दाम 8,000 से 8,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा की सिरसा मंडी में सोमवार को पूसा 1,401 किस्म के धान का भाव 4,000 से 4,502 रुपये, तथा पीबी 1 किस्म के धान के भाव 4,000 से 4,312 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। पंजाब की कोटकपूरा मंडी में पूसा 1,121 किस्म के धान का भाव 4,525 रुपये, तथा 1,718 किस्म के धान के भाव 4,200 से 4,450 रुपये एवं 1,401 किस्म के धान के दाम 4,380 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।