अबकी बार 7000 पार | जानिए सरसों में कितना फिट बैठ रहा 7000 के रेट का समीकरण

 

किसान साथियो हमने अपनी कल की रिपोर्ट में बताया था कि बढ़ते भाव के साथ साथ अगर सरसों की आवक भी बढ़ती है तो भाव पर थोड़ा बहुत दबाव आ सकता है। कल के बाजार में ठीक ऐसा ही देखने को मिला। सोमवार को जब बाजार खुले तो किसानों ने अपनी सरसों को मंडी में लेकर आना जारी रखा जिसके चलते सरसों की आवक बढ़कर 3 लाख 75 हजार बोरी के पार हो गई। बढ़ती आवक का सरसों के भाव पर दबाव आना ही था और सरसों के भाव 50 से लेकर 75 रुपये तक कमजोर होते नजर आये। बची खुची कमी विदेशी बजारों ने पूरी कर दी। मलेशिया की बाजार में पाम तेल के भाव में पूरे दिन गिरावट होती रही जिसके कारण भारतीय बाजार भी कमजोर ही रहे। हालांकि सोयबीन के भाव में कोई कमजोरी नहीं दिखाई दी बजारों में सोयबीन की आवक ना के बराबर है। सोयबीन के किसान सोयबीन का रेट ₹6000 करने के लिए सरकार बर दबाव बना रहे  हैं यही करण है की देश भर में सोयबीन की आवक केवल 45000 बोरी की हुई कमजोर आक के करण सोयबीन का भाव कीर्ति प्लांट पर 4950 के स्तर को पार कर गया। सरसों और सोयाबीन का बाजार आने वाले कुछ दिनों में कैसे रह सकता है आज की रिपोर्ट में हम इसी का विश्लेषण करने वाले हैं। अगर आपने अभी तक सरसों को नहीं बेचा है तो ये रिपोर्ट आपके लिए उपयोगी हो सकती है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

ताजा मार्केट अपडेट
मलेशिया के बाजारों में कमजोरी को देखते हुए और सरसों की बड़ी आवक के दबाव में जयपुर और भरतपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव ₹25-50 तक टूट गए। जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का अंतिम भाव 6425 का रहा जबकि भरतपुर में यह लगभग ₹50 कमजोर होकर 5960 के स्तर पर बंद हुआ। अन्य मंडियों में भी भाव या तो स्थिर रहे या फिर हल्की कमजोरी के साथ बंद हुए। दिल्ली लारेंस रोड पर सरसों का अंतिम भाव 6200 का रिपोर्ट किया गया है। बात चरखी दादरी लाइन की करें तो यहां पर सरसों का भाव 6175  मिल पहुंच में रिपोर्ट किया गया है। सोमवार को सरसों की आवक में बढ़ोतरी देखने को मिली और यह 25 हजार बोरी बढ़ कर 3 लाख 75 हजार बोरी की हो गई।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के भाव की बात करें तो ऐलनाबाद मंडी में सरसों का रेट 5881 रुपए/क्विंटल,  सिरसा मंडी में सरसों 5400-5930 रुपए/क्विंटल, श्री गंगानगर अनाज मंडी में सरसों 5211-5849 रुपए/क्विंटल, जैतसर मण्डी में सरसों (41.35 लैब की) 5347/5730  रुपए/क्विंटल , बीकानेर अनाज मंडी में सरसो 5000 से 5641 रुपए/क्विंटल और पिली सरसो 5200 से 6100 रुपए/क्विंटल, संगरिया मंडी में सरसों 5439-5782 (lab 40.32) रुपए/क्विंटल, नोहर मंडी में सरसों 5970, अनूपगढ़ मंडी में सरसों का रेट 5722, भट्टू में 5854, आदमपुर में 6005, गोलूवाला में 5751 और श्री विजयनगर मंडी में सरसों उपर में 5701 रुपये प्रति क्विंटल तक रही चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

प्लांटों ने घटाए भाव
ब्रांडेड तैल मिलों ने सरसों की भाव में सोमवार को कटौती कर दी। सलोनी प्लांट पर शनिवार को सरसों के भाव ₹6950 के स्तर पर पहुंच गए थे लेकिन सोमवार को भाव 6875 का रह गया। यानी कि सीधे तौर पर 75 रुपये कमजोर हो गया। इसी तरह से गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव 6275 से घटकर 62 00 अदानी अलवर और बूंदी प्लांट पर सरसों का रेट 6450 से घट कर 6400, बीपी प्लान्ट पर 6600 से घट कर 6575, शारदा प्लान्ट पर 6650 से घट कर 6600 रुपये प्रति क्विंटल का रह गया।

विदेशी बाजारों की अपडेट
सोमवार को अधिकतर विदेशी बजारों में गिरावत का माहौल देखने को मिला एक तरफ जहां मलेशियाई वायदा कारोबार में पाम तेल के दाम कमजोर हुए, साथ ही चीन के डालियान बाजार में भी खाद्वय तेलों के भाव पर दबाव बना रहा । पिछले कुछ दिनों मे आयी लगातार तेजी के बाद निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली के कारण मलेशियाई क्रूड पाम तेल (CPO) वायदा में सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज, BMD पर नवंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 44 रिंगिट यानी की 1.11 % की गिरावट के बाद भाव 3,933 रिंगिट प्रति टन रह गए। इसी तरह से चीन के डालियान के सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 1.24 % का मंदा आया, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 1.76 % की गिरावट दर्ज की गई। अवकाश के कारण अमेरिकी बाजार शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड बंद रहा। गिरावट का एक और कारण यह भी रहा कि डॉलर के मुकाबले मलेशियाई रिंगिट में 0.74 फीसदी की गिरावट आई, जिससे पाम तेल विदेशी खरीदारों के लिए सस्ता हो गया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंडोनेशिया ने सितंबर के लिए अपने क्रूड पाम तेल के संदर्भ मूल्य को अगस्त के 820.11 डॉलर से बढ़ाकर 839.53 डॉलर प्रति टन कर दिया है। चावल के लाइव भाव देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे

क्या तेजी पर ब्रेक लग गया है
किसान साथियो पिछले कुछ दिन से सरसों के बाजार और सोयबीन के बाजार में जो तेजी चल रही थी, इस तेजी के पीछे मुख्य कारण खाद्य तेलों की आयात पर ड्यूटी लगाने की खबरों का था। लेकिन कल केबिनेट की मीटिंग में आयात ड्यूटी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इसलिए सोमवार को बाजार सुस्त ही रहा। अन्य कारणों में मलेशिया के बाजार का कमजोर रहना, बढ़े हुए भाव पर मुनाफावसूली आना और सरसों की आवक के बढ़ने को शामिल किया जा सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरसों के भाव में कोई बहुत बड़ी कमजोरी नहीं आयी है और न ही आवक बहुत ज्यादा बढ़ी है इसलिए  भाव के फिर से संभलने की पुरी पुरी गुंजाईश है। क्योंकी जयपुर में सरसों के भाव 6400 के ऊपर चल रहे हैं। इसलिए किसान साथी चाहें तो थोड़ा बहुत माल इस स्तर पर निकाल सकते हैं। आगे के माहौल को देख तो सरसों का भाव आने वाले समय में सरसों की आवक पर ही निर्भर रहने वाला है। ऐसा नहीं लगता कि आने वाले समय में सरसों की आवक बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है। इसलिए जो किसान साथी दिवाली तक इंतजार कर सकते हैं वह कर ले, लेकिन आपको इस बात को ध्यान में रखना है कि जयपुर में कंडीशन 42% सरसों का रेट 6250 के नीचे ना जाए। अगर सरसों की आवक नहीं बढ़ती है तो दिवाली आते-आते सरसों में 6700-7000 तक के रेट मिलने की संभावना है। व्यापार अपने विवेक से करें

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।