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निकट भविष्य में गेहूं में तेजी रुकनी मुश्किल | 3200 के पार जा सकते हैं रेट | जाने क्या कहती है गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट

निकट भविष्य में गेहूं में तेजी रुकनी मुश्किल | 3200 के पार जा सकते हैं रेट | जाने क्या कहती है गेहूं की तेजी मंदी रिपोर्ट
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किसान साथियो सरकार ने गेहूं में तेजी को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में गेहूं की बिक्री शुरू कर दी है। टेंडर के माध्यम से गेहूं बेचा जा रहा है, जिसका असर यह हुआ है कि पिछले महीने गेहूं की कीमतें जो तेजी से बढ़ रही थीं, उनमें थोड़ी कमी आई है। हालांकि, जब तक सभी रोलर फ्लोर मिलें और आटा चक्कियां अपनी क्षमता के अनुसार गेहूं नहीं प्राप्त कर पातीं, तब तक कीमतों में स्थाई गिरावट देखने को नहीं मिलेगी। सरकार ने महसूस किया है कि बिना खुले बाजार में गेहूं की बिक्री किए गेहूं में तेजी पर काबू पाना मुश्किल है। इसलिए, टेंडर के माध्यम से गेहूं की बिक्री शुरू की गई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि गेहूं की कीमतें जो कुछ समय पहले 3200 रुपये प्रति कुंतल थीं, पिछले दिनों यह घटकर 3100 रुपये प्रति कुंतल तक रह गया था लेकिन, कम मात्रा में गेहूं की बिक्री के कारण कीमतें फिर से बढ़कर 3165 रुपये प्रति कुंतल हो गया हैं। इसलिए, बाजार में गेहूं की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराना आवश्यक है। सरकार ने छोटी मिलों को 25 टन और बड़ी मिलों को 100 टन गेहूं बेचने की योजना बनाई है। इस योजना पर टेंडर प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, यह मात्रा मिलों की कुल क्षमता के मुकाबले बहुत कम है। इसलिए, अगर गेहूं की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। जिससे गेहूं की कीमते 3200 को भी पार कर जाएगी

गेहूं के भाव में क्यों बन रही है तेजी
गौरतलब तो यह है कि वर्तमान में छोटी मिलें सप्ताह में केवल 100 टन गेहूं की मिलिंग करती हैं, जबकि बड़ी मिलें 300 टन तक। यह मात्रा वर्तमान योजना के लिए बहुत कम है। इसे बढ़ाकर उपयुक्त स्तर पर लाना आवश्यक है ताकि गेहूं में तेजी को नियंत्रित किया जा सके। फसल आने में अभी चार से साढ़े चार महीने बचे हुए हैं। इस दौरान, यदि उचित कदम नहीं उठाए गए तो आम उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। गेहूं एक ऐसा अनिवार्य खाद्यान्न है, जिसका सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ता है। जनता के लिए इसकी किल्लत असहनीय होती है और इसका राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास भी होने लगता है। सरकार को चाहिए कि समय रहते हर सप्ताह नियमित रूप से गेहूं की बिक्री के लिए टेंडर जारी करे और मात्रा में वृद्धि सुनिश्चित करे। ऐसा करने से बाजार में संतुलन बनेगा और महंगाई से जनता को राहत मिलेगी। पिछले तीन महीनों में उपभोक्ताओं को भारी महंगाई का सामना करना पड़ा है। इसीलिए यह ज़रूरी है कि वर्तमान योजना की मात्रा को तुरंत बढ़ाया जाए ताकि भविष्य में किसी तरह की कमी या अफरा-तफरी से बचा जा सके।

गेहूं के क्या मिल रहे है भाव
गेहूं के बाजार में लगाता तेजी का माहौल बना हुआ है गेहूं का भाव धीरे धीरे 3200 की तरफ जा रहा है कल दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव 3150 को पार करके 3160 पर पहुंच गया है जिसमे 10 रूपये की तेजी देखने को मिली है और आज 5 रूपये की तेजी के साथ 3165 पर खुला है बाकि मंडियों की बात करे तो सिरसा मंडी में गेहूं का रेट 2850 का रहा, ऐलानाबाद मंडी में गेहूं का रेट 2911 का रहा, भुना मंडी में गेहूं का रेट 3060 में गाड़ी लोड हुई, सीतापुर गेहूं भाव ₹ 2880 तेजी ₹ 25 आवक 700 बोरी, गोंडा गेहूं भाव ₹ 2930 / 2990 तेजी ₹ 30 आवक 2000 बोरी, करनाल गेहूं भाव ₹ 3060, नरेला गेहूं भाव ₹ 2900 / 3050 आवक 200 बोरी, ललितपुर गेहूं भाव ₹ 2900 / 3000 मंदी ₹ 50 आवक 1000 कट्टे, औरैया गेहूं भाव ₹ 2910 आवक 600 बोरी, लखीमपुर गेहूं भाव ₹ 2848 तेजी ₹ 18 आवक 650 बोरी, प्रयागराज गेहूं भाव ₹ 2980 / 2990, जयपुर गेहूं भाव ₹ 3130 / 3150, गजरौला गेहूं भाव ₹ 3050, बेतूल गेहूं भाव ₹ 3020 बाकी भाव निचे दिए है और व्यापार अपने विवेक से करे

क्या गेहूं का भाव और बढ़ सकता है
जानकारों के अनुसार, गेहूं की खेती के लिए मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं है। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए पर्याप्त ठंड आवश्यक होती है, लेकिन इस बार सर्दी अपेक्षाकृत कम पड़ रही है। गेहूं के उच्च भाव को देखते हुए, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में किसानों ने गेहूं की बुवाई में बढ़ोतरी की है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गेहूं की बुवाई 6 लाख हेक्टेयर अधिक होने का अनुमान है। सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। नई फसल आने से पहले, महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सरकार को ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत गेहूं की अधिक मात्रा में बिक्री करनी चाहिए। यह कदम गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों में स्थिरता लाने में मददगार साबित होगा। अगर सरकार कोई कदम नहीं उठाती है तो गेहूं का भाव जल्द ही 3200 को पार कर जायेगा बाकि व्यापार अपने विवेक से करे

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।