सोयाबीन के भाव मे थोड़ा इंतजार के बाद फिर बन सकती है तेजी

किसान साथियों सोयाबीन के उत्पादन में कमी आने एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय सोया डीओसी के आयात मे गिरावट आ जाने के बाद अब वर्तमान भाव के कच्चे मालों में अब और गिरावट की गुंजाइश नहीं है। तेल तिलहन के जानकार मान रहे हैं कि सोयाबीन के भाव मे थोड़ा इंतजार के बाद फिर तेजी बन सकती है तथा यहाँ से आगे सोयाबीन में अब ज्यादा गिरावट की गुंजाइश नहीं है। खरीफ सीजन में पिछले 20 से 22 दिनों से सोयाबीन की नई फसल की आवक हो रही है। मध्य प्रदेश के दतिया, शिवपुरी, सुजालपुर, सुजालपुर, नीमच. रतलाम, दाहोद के अलावा राजस्थान कोटा एवं आसपास के क्षेत्रों में फसल का दबाव पिछले साल की तुलना मे कम देखने को मिल रहा है । इसके अलावा महाराष्ट्र के अकोला, जलगांव, परभणी, औरंगाबाद लाइन में भी इस बार सोयाबीन की फसल बहुत ज्यादा नहीं बता रहे हैं हालांकि जो फसल बोई गई है, उसकी क्वालिटी इस बार बढ़िया हुई है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें
इस साल प्लांटो मे क्या भाव मिल रहे है
साथियों नयी सोयाबेयन की फसल में तेल की प्रतिशतता भी अधिक देखने को मिल रही है, क्योंकि फसल पकने के समय इस बार लगातार बरसात नहीं होने से फसल दागिल नहीं हुई है। भाव की बात करें तो इस समय सोयाबीन के भाव में काफी मंदी का दौर चल रहा है । हालांकि मध्य प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन के भाव 4300 / 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक पिटने के बाद अब क्वालिटी के अनुसार 150 / 200 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी लूज ढेरियों में देखने को मिल रही है। बात प्लांटों की करें तो अब प्लांटो में 5300/5400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव हो गए हैं। इधर महाराष्ट्र के अकोला, जलगांव, औरंगाबाद लाइन में भी प्लांट पहुंच में सोयाबीन 5125/5175 रुपए प्रति क्विंटल के बीच कलर व तेल की प्रतिशतता के हिसाब से व्यापार हो रहा है। जसिया कि आप सबको पता है कि पिछले साल प्लांटो में इन दिनों 6700/6775 रुपए तक बढ़िया सोयाबीन बिकी थी। लेकिन सस्ते आयातित तेलों कि भरमार ने सरसों और सोयाबीन के भाव का बंटाधार कर दिया है । विदेशी खाद्य तेलों की भरमार होने से तिलहनों की पिराई कम हो पाई है। जिसके चलते व्यापारियों ने सरसों और सोयाबेन कि खरीद कम कीहै । दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पिछली फसल अधिक होने से हमारा निर्यात काफी कम रहा है, इन्हीं कारणों से बाजार काफी नीचे आ चुके हैं । देखा जाते तो व्यापारियों के लिए सीजन का मंदा हमेशा लाभदायक होता है । लेकिन किसान की इसमें कमर टूट जाती है ।
आने वाले दिनों मे बन सकती है तेजी
साथियों बाजार में गुफ्तगू चल रही है कि आने वाले दिनों मे सोयाबीन के किसानों को अच्छे भाव मिलने की संभावना है। उत्पादन की दृष्टि से देखा जाये तो पिछले साल सोयाबीन का उत्पादन 126 लाख मीट्रिक टन हुआ था, जबकि इस बार फसल को देखते हुए प्रत्यक्षदर्शी 120-121 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान लगा रहे हैं। सोया डीओसी के भाव 42500/43000 रुपए प्रति टन के बीच 45 प्रतिशत प्रोटीन वाले माल के चल रहे हैं, जो पिछले साल इन दिनो 64500/66000 रुपए प्रति टन चल रहे थे। इधर नीमच मंदसौर दतिया लाइन में सोया डीओसी के भाव 42000/42500 रुपए प्रति टन के बीच हो गए हैं तथा फिलहाल के भाव के डीओसी में अब ज्यादा गिरावट की गुंजाइश नहीं है बाकी व्यापार अपने विवेक से करे
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।