बारिश के चलते आलू के भाव में हुआ बदलाव | जाने मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट
नमस्कार किसान साथियों और व्यापारी भाइयों पिछले वर्ष किसानों का नया आलू 300 से 500 रुपये प्रति 50 किलो के भाव पर बिक रहा था , आज के डेट मे आलू के भाव पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर दर पर है। यह पहली बार है जब किसानों को इस प्रकार के भाव प्राप्त हो रहे हैं। हालांकि, मंडी में अब आलू के अधिक आवक और मांग में कमी के कारण भाव में गिरावट का यह रुझान देखा गया है। पिछले एक महीने से आलू के बाजार में बड़ी गिरावट देखी जा रही है। जहां एक समय आलू ₹1200 प्रति कट्टा बिक रहा था, अब यह भाव ₹750 से ₹800 तक सीमित हो गया है।
आइए, अब आजादपुर मंडी के आलू बाजार की स्थिति और प्रमुख अपडेट्स पर चर्चा करते हैं।आज मंडी में आलू के भाव, बाजार की स्थितियां, ग्राहकी, और आवक की पूरी जानकारी देंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि मंडी में नया और पुराना आलू का मिश्रण कितना है, और मंडी में उतरे हुए आलू का बैलेंस क्या है।आज आलू की आवक कितनी हुई है, उठाव कैसा रहा, और ग्राहकी की स्थिति क्या है, यह सब हम आपको बताएंगे।
सबसे पहले मौसम की बात करें तो दिल्ली में आज का मौसम पूरी तरह बदल गया है। सुबह करीब 3 बजे से बारिश हो रही है, जो अब तक जारी है। बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ रही है। जब मैं रास्ते में था, तब हल्की बारिश हो रही थी, लेकिन अब बारिश कभी तेजी कभी मंदी-मंदी हो रही है
शुक्रवार का दिन और आलू बाजार की स्थिति
दोस्तों आजादपुर मंडी में कई बार शुक्रवार का बाजार शनिवार से भी बेहतर होता है क्योंकि डबल मंडी का माहौल दोनों दिनों में रहता है। लेकिन आज सुबह से बारिश कुछ अधिक ही हो गई है। दिल्ली में तेज बारिश हो रही है, और मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक-दो दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। इस बारिश के कारण किसानों में आलू को मंडी लाने या रोकने की चर्चा भी हो रही है।
मंडी में आवक और गाड़ियों की स्थिति
आज मंडी में कुल 150 गाड़ियां पहुंची हैं। इसमें से 70-75 गाड़ियां पिछले दिन की बैलेंस हैं, जबकि आज की नई आवक 80 गाड़ियों की रही। कल मंडी में 130-135 गाड़ियां आई थीं, कल व्यापार मंदा रहा और आलू की अधिकतर बिक्री नहीं हो पाई।
संभल और पंजाब से आलू की आवक बराबर बनी हुई है, दोनों क्षेत्रों से लगभग 60-60 गाड़ियां मंडी में पहुंच रही हैं। क्योंकि कभी-कभी आवक में थोड़ा अंतर हो सकता है, लेकिन फिलहाल दोनों का अनुपात समान है।
आने वाले दिनों में पंजाब से आलू की आवक में कमी आ सकती है। आमतौर पर पंजाब से आलू की आपूर्ति जनवरी के मध्य तक बनी रहती है, इसके बाद यह धीरे-धीरे घटने लगती है। वहीं, संभल से आलू की पीक आवक जनवरी के मध्य से शुरू होती है और मार्च-अप्रैल तक जारी रहती है।
आज की बारिश के कारण कुछ किसान आलू मंडी लाने में असमंजस में हैं। शुक्रवार का दिन होने के बावजूद, जो कि सामान्यतः शनिवार जितना ही व्यस्त रहता है, मौसम के कारण किसान अपनी फसल बेचने को लेकर असमंजस में हैं। हालांकि, खेतों से सीधे बिक्री की स्थिति मजबूत बनी हुई है। किसान अक्सर अपने खेतों में ही आलू बेचकर अधिक संतुष्ट रहते हैं। खेतों में फसल बेचने पर उन्हें तुरंत नकद भुगतान मिल जाता है, जबकि मंडी में आने पर परिवहन, समय, और अन्य खर्चे बढ़ जाते हैं। व्यापारी खेतों से आलू खरीदकर अपने हिसाब से मंडी में लाभ-हानि का गणित लगाते हैं।
शुगर-फ्री आलू की स्थिति और भाव
मंडी में शुगर-फ्री आलू की आवक का भी विशेष महत्व है। आज शुगर-फ्री आलू लगभग 15 से 20 गाड़ियों में पहुंचा है। अगर कट्टों के हिसाब से देखा जाए तो यह संख्या लगभग 15,000 से 20,000 कट्टों तक हो सकती है। इस आलू में नीचे बैलेंस कट्टों की मात्रा है, और अधिकतर पुराना आलू ही देखने को मिल रहा है। नया आलू इस समय अपेक्षाकृत कम मात्रा में उपलब्ध है।
फिलहाल मंडी में पंजाब और संभल, दोनों क्षेत्रों से आलू भी आए हुए है । ग्राहकों का रुझान इन दोनों में किस तरफ अधिक है, यह उनकी कीमतों पर निर्भर करता है। पंजाब का आलू 600 से 650 रुपये प्रति 50 किलो बिक रहा है, जबकि संभल का आलू थोड़ा सस्ता है, और दोनों में लगभग 100 रुपये का अंतर है।
पिछले 6-10 दिनों में आलू के भाव में काफी गिरावट देखी गई है। पहले जहां आलू 850 रुपये प्रति 50 किलो बिक रहा था, वह अब 700 से 750 रुपये पर आ गया है।
अगर पूरे महीने का आकलन करें, तो भाव में लगभग 50% तक की गिरावट आई है। एक महीने पहले आलू 1,100 से 1,200 रुपये प्रति 50 किलो तक बिक रहा था, जबकि अब यह आधा रह गया है। भाव 650 से 750 ,800 रु प्रति कट्टा के बीच आ गया है
भाव में गिरावट के कारण
पिछले एक महीने में बाजार में आलू के भाव में गिरावट देखने को मिली है। इसके पीछे मुख्य कारण आवक की बढ़ोतरी है। बाजार में रेट पहले तेज थे, लेकिन कच्चे आलू की प्रकृति के कारण इसे अधिक समय तक रोकना संभव नहीं है। कच्चे आलू को तुरंत बेचना पड़ता है क्योंकि इसकी त्वचा को पक्कने में समय लगता है। दूसरी ओर, पुराना आलू कई दिनों तक रखा जा सकता है क्योंकि उसकी त्वचा पक्की होती है, जिससे व्यापारियों को इसे रोकने और बेहतर भाव पर बेचने का समय मिल जाता है।
आलू की वैरायटी और भाव
मंडी में चिपसोना, शुगर फ्री और 3797 जैसे आलू की मिक्स वैरायटी उपलब्ध है, जिसमें दो से पांच गाड़ियां आ रही हैं।
- चंदौसी आलू: ₹1300 से ₹1400 प्रति कट्टा।
- चिपसोना और सूर्य आलू: ₹1700 से ₹1800 प्रति कट्टा।
- 3797 आलू: ₹1000 से ₹1100 प्रति कट्टा।
- एलआर (नया): ₹900 से ₹1000 प्रति कट्टा।
एलआर आलू की गाड़ियां मंडी में आ रही हैं, लेकिन उठाव (खरीदारी) अपेक्षाकृत कम हो रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि लाल आलू की त्वचा अभी थोड़ी कच्ची है। जैसे-जैसे इसकी त्वचा पकती जाएगी, उठाव में सुधार होने की संभावना है।
फिलहाल लाल आलू उगाने वाले किसानों के लिए घबराहट की कोई बात नहीं है। संबल में लाल आलू की औसत आवक पहले 15-20 कट्टे थी, जो अब बढ़कर 35-40 कट्टे तक पहुंच गई है।
अंत मे,
पिछले साल की तुलना में इस वर्ष लाल आलू के भाव बेहतर हैं। यह लगभग डेढ़ से दो गुना तक अधिक हैं। किसानों को इस बार अपने आलू के अच्छे भाव मिले है संभल और पंजाब से आलू की गाड़ियों का लोडिंग लगातार जारी है, जो नॉर्थ-ईस्ट, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों में भेजी जा रही हैं। इन क्षेत्रों में मांग बनी रहने तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी। स्थानीय मंडियों और गंतव्यों के बीच आलू के भाव में अंतर देखा गया है। परिवहन लागत अधिक होने के कारण व्यापारी और किसान बेहतर लाभ की उम्मीद में आलू वहां भेज रहे हैं। हालांकि, स्थानीय मंडियों में आज का भाव कल परिवहन और आवक के हिसाब से बदल सकता है, लेकिन बाहरी मंडियों में भाव अपेक्षाकृत अधिक रहता है।
जंगीराबाद मंडी में आलू की गाड़ियों का आगमन शुरू हो गया है। वर्तमान में यहां आलू ₹700 से ₹750 प्रति कट्टा बिक रहा है, जबकि हल्का आलू ₹650 प्रति कट्टा है। यह भाव संभल की तुलना में बराबर स ही बिक रहा है, जबकि पंजाब के आलू का भाव इससे भी कम है।
तो दोस्तों आज शुक्रवार का दिन है मंडी में लगभग 150 गाड़ियां उपलब्ध हैं, जिनमें 60 गाड़ियां संभल की, 60 पंजाब की, और 30 अन्य बैलेंस शामिल हैं। बारिश बंद होगी तो बाजार में चहल-पहल और हलचल बढ़ सकती है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।