Movie prime

550 चावल मिलें बंद, अब क्या होगा बासमती का ? बासमती धान तेजी मंदी रिपोर्ट

550 चावल मिलें बंद, अब क्या होगा बासमती का ? बासमती धान तेजी मंदी रिपोर्ट – डेली 80 करोड़ का नुकसान ? जानिये वजह दोस्तों जैसा कि आप सबको पता है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया है कि NCR के अंतर्गत आने वाली मिलें अब केवल
550 चावल मिलें बंद, अब क्या होगा बासमती का ? बासमती धान तेजी मंदी रिपोर्ट

550 चावल मिलें बंद, अब क्या होगा बासमती का ?

बासमती धान तेजी मंदी रिपोर्ट – डेली 80 करोड़ का नुकसान ? जानिये वजह

दोस्तों जैसा कि आप सबको पता है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया है कि NCR के अंतर्गत आने वाली मिलें अब केवल आठ घन्टा ही चल पाएँगी । सरकार के इस निर्णय का किस हद तक असर हो सकता है इस पोस्ट में हम यही जानने की कोशिश करेंगे ।

सरकारी फरमान का असर

दोस्तो दिल्ली NCR पिछले चार दिन से लगभग 550 मिलें बंद है इनमे लगभग 400 हरियाणा में हैं लगभग 2 लाख के आसपास श्रमिक खाली बैठ गए हैं । मिल मालिकों का कहना है कि सरकार ने जो प्रतिबंध लगाये हैं इस तरह के प्रतिबंध चावल उद्योग के लिए असहनीय हैं और इस तरह का फरमान चावल के उद्योग को डुबाने वाला साबित हो सकता है ।

क्यूँ हो रहा नुकसान

ज्ञातव्य है कि बासमती चावल तैयार करने की प्रकिया 24 घण्टों की होती है और आठ घण्टे की शिफ्ट में स्टीम चावल तैयार करना सम्भव नहीं है इसीलिए चावल मिलें बंद हो गई हैं । राइस इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को चावल उद्योग की जटिलताओं की समझ नहीं है इसलिए इस तरह का आदेश जारी किया गया है । हरियाणा राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार अपना आदेश वापिस ले नहीं तो एसोसिएशन आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएगी ।

निर्यात पर कितना असर

भारत से सालाना लगभग 35000 करोड़ रुपये का चावल का निर्यात होता है और इसमे से लगभग 22000 करोड़ का निर्यात सिर्फ NCR से होता है l मिलें बंद होने के कारण मिल मालिकों को लगभग 80 करोड़ का डेली नुकसान उठाना पड़ रहा है । अगर ऐसे ही चलता रहा तो निर्यात के ऑर्डर समय पर पूरे नहीं हो पाएंगे और भविष्य में इसका और खामियाजा भुगतना पड़ सकता है ।

धान की कीमतों पर असर

कारोबार ना होने के कारण मिलें और धान की खरीद करने में कम रुचि दिखा रही हैं इसके कारण धान की डिमांड कम हो गई है । फलस्वरूप धान की कीमतें पिछले एक हफ्ते में अपने टोप से लगभग ₹300 तक डाउन आ चुकी हैं । धान 1121 का समान्य भाव ₹ 3700 से 3900 के बीच रह गया है । बासमती 30 भी अपने टोप से लगभग ₹300 से 400 डाउन आ चुका है । हालांकि ईन खबरों के चलते सब जगह धान के भाव में गिरावट दिखी है लेकिन इसमें ज्यादा बड़ी गिरावट हरियाणा की मंडियों में देखने को मिल रही है जबकि पंजाब में उतना असर नहीं दिखा है । ऐसा तब हुआ जब चावल की कीमतें कम नहीं हुई हैं  और निर्यात के लिए भरपूर ऑर्डर उपलब्ध हैं ।

अब आगे क्या है उम्मीद

हालांकि हर साल की तरह इस बार भी लगभग 44-45 लाख टन बासमती चावल का निर्यात होने का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है लेकिन फसल पिछले सालों की तुलना में काफी कमजोर है । सीज़न खत्म होने को है और आवकें घटनी शुरू हो ही गई हैं । सब तथ्यों को देखा जाए तो लंबे समय में मंदी की संभावना कम है लेकिन फ़िलहाल किसी बड़ी तेजी के लिये इंतजार करना पड़ सकता है।

रोके या बेचे

हालातों के मद्देनजर फ़िलहाल मार्केट में मंदी जरूर लग रही है लेकिन चावल की सप्लाई कम है । कोरोना के चलते स्टॉकिस्टों के पास भी पुराना स्टॉक नहीं है । उत्पादन भी कम बताया जा रहा है । ऐसे में लंबे समय को देखें तो मंदी ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगी । जल्द ही अच्छे भाव देखने को मिल सकते हैं । वेबसाइट पर डेली अपडेट लेते रहें । मंडी भाव टुडे अपील करता है खरीदने बेचने का निर्णय अपने विवेक से लें ।

धान तेजी मंडी रिपोर्ट नवंबर दिसंबर 2021 यहाँ देखें 

धान के भाव की जानकारी के लिए विजिट करें – मंडी मार्किट  वेबसाइट पर

बासमती धान तेजी मंदी रिपोर्ट

बासमती धान तेजी मंदी रिपोर्ट