ठंड और बरसात को लेकर मौसम विभाग की नयी अपडेट | फटाफट जाने
भारत में ठंडी हवाओं और बर्फबारी का बढ़ता असर प्रकोप
दोस्तों मौसम विज्ञानियों की भविष्यवाणी के अनुसार, पहाड़ों पर भारी बर्फबारी की संभावना है और ठंडी हवाएं देश के विभिन्न हिस्सों में जकड़ बना सकती हैं। विशेषकर उत्तर भारत के कई राज्यों में ठिठुरन भरी सर्दी और पाला गिरने की संभावना है। इस समय सर्दी ने जैसे आधे से ज्यादा देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है,
सर्दी का यह मौसम अपने साथ कई खास घटनाओं का संकेत भी देता है। विशेषकर पहाड़ी इलाकों में एक के बाद एक दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस (Western Disturbances) आ रहे हैं, जो बर्फबारी को बढ़ावा देंगे। वहीं, मैदानी इलाकों में इसका असर कुछ अलग रूप में दिखाई दे सकता है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में पाला गिरने और ओस जमने की घटनाएं आम होती जा रही हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि यह ठंड कैसी होगी और इसका असर किन क्षेत्रों में अधिक होगा।
पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला
वेस्टर्न डिस्टरबेंस जैसे मौसमीय बदलावों का मुख्य कारण हिमालय क्षेत्र में आने वाली हवाएं होती हैं, जो हर साल सर्दियों में देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों पर असर डालती हैं। इस बार भी दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस का आगमन हो रहा है, जो लगातार बर्फबारी और बारिश का कारण बन सकते हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी का सिलसिला दिसम्बर के अंत से जनवरी के पहले हफ्ते तक जारी रहेगा। ये वेस्टर्न डिस्टरबेंस विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और पंजाब जैसे उच्चतम पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी को बढ़ावा देंगे।
मैदानी इलाकों में पाला और ओस
वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर सिर्फ पहाड़ों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मैदानी इलाकों में भी यह प्रभाव देखने को मिलेगा। विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के विभिन्न जिलों में पाला गिरने की संभावना है। पाला गिरने के कारण तापमान में अचानक गिरावट हो सकती है, जिससे कृषि क्षेत्र को भी नुकसान हो सकता है। किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
साथ ही, ओस जमने की स्थिति भी बन सकती है। ओस की बर्फबारी में अधिक ठंड होती है, जिससे सर्दी का असर और भी बढ़ सकता है। ये बदलाव खासकर किसानों के लिए चिंता का कारण हो सकते हैं, क्योंकि उन्हें अपने खेतों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय करने होंगे।
मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनियों के अनुसार, 30 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में शीत लहर की स्थिति बन सकती है। शीत लहर का मतलब है कि इस समय का तापमान सामान्य से कहीं अधिक गिर सकता है, और ठंड बढ़ने की संभावना है। विशेष रूप से शीत दिवस (Cold Day) की स्थिति बनी रह सकती है, जब दिन के समय भी तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहेगा। इस दौरान, सामान्य दिनों की तुलना में अधिक सर्दी महसूस होगी। इस स्थिति में लोगों को घर से बाहर निकलने में बहुत सतर्क रहना होगा, खासकर सुबह और देर रात के समय।
घना कोहरा
कोहरे की समस्या भी इन दिनों अधिक बढ़ सकती है, खासकर पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में। कोहरे के कारण दृश्यता में कमी आएगी, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो सकता है। 30 दिसंबर से 1 जनवरी के दौरान हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भी घना कोहरा रहने की संभावना है। इसके अलावा, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी 30 और 31 दिसंबर के बीच घना कोहरा छा सकता है।
बंगाल की खाड़ी और दक्षिणी राज्यों पर असर
एक और महत्वपूर्ण बदलाव बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव के कारण हो सकता है। यह निम्न दबाव दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश और कुछ स्थानों पर ठंड का कारण बन सकता है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटका और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बारिश और ठंड की स्थिति बन सकती है, जो यहां के मौसम को प्रभावित कर सकती है। इस बदलाव के कारण इन राज्यों में सामान्य से अधिक ठंड का सामना हो सकता है।
इस समय, पूरे उत्तर भारत में ठंड का कहर देखा जा रहा है। शीतलहर ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को बुरी तरह से जकड़ा हुआ है। लोग इस बर्फीली ठंड से राहत पाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं,
मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड और कोहरे का डबल अटैक, यलो अलर्ट जारी
मध्य प्रदेश में भी बारिश का दौर खत्म होने के बाद कड़ाके की ठंड और कोहरे का प्रकोप बढ़ने लगा है। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। आगामी दिनों में तापमान में गिरावट के साथ ठंडी हवाओं का असर और भी गहरा सकता है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार:
- इस हफ्ते उत्तर-पश्चिम भारत में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि मध्य भारत में ठंड का प्रकोप रहेगा।
- उत्तर-पश्चिम भारत में अगले दो-तीन दिनों के दौरान पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा, जो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बर्फबारी करा सकता है।
- मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच, जबलपुर, पन्ना, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, मुरैना, श्योपुरकलां जैसे जिलों में अगले 24 घंटों में मध्यम कोहरा देखने को मिल सकता है।
इसके साथ ही, यलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे अगले 24 घंटे के दौरान इन जिलों में शीतल दिन की स्थिति हो सकती है। राजगढ़, रीवा, भोपाल, सतना, डिंडोरी, कटनी, और सागर जिलों में भी हल्का से मध्यम कोहरा छाने की संभावना है।
बीते 24 घंटों में:
- अमरकंटक (अनूपपुर) में न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य में अब तक का सबसे कम तापमान था।
- रायसेन, राजगढ़, छतरपुर, और टीकमगढ़ में शीतल दिन की स्थिति देखने को मिली, जहां दिन का तापमान सामान्य से कम रहा।
आगे की स्थिति: मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में ठंड का असर बना रहेगा। पंजाब और हरियाणा में कड़ाके की ठंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि मध्य भारत में गंभीर शीतलहर का अनुमान नहीं है।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।