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75-80 दिन का गेहूं होने पर बाद यह स्प्रे कर देना | ग्रोथ देखकर पड़ोसी भी चौंक जाएंगे

75-80 दिन का गेहूं होने पर बाद यह स्प्रे कर देना | ग्रोथ देखकर पड़ोसी भी चौंक जाएंगे
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75-80 दिन का गेहूं होने पर बाद यह स्प्रे कर देना | ग्रोथ देखकर पड़ोसी भी चौंक जाएंगे

किसान भाइयों, गेहूं की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को कई तरह की तकनीकों का सहारा लेना पड़ता है। खासकर अगर हम बात करें अती बिजाई और लंबी कद वाली गेहूं की किस्मों की, तो बंपर पैदावार हासिल करने के लिए सही समय पर और सही तरीके से की गई देखभाल बहुत महत्वपूर्ण होती है। गेहूं के पौधों का झंडा पत्ता निकलना और तने की गांठों की दूरी बढ़ना, यह संकेत होते हैं कि पौधा अब वृद्धि के अगले चरण में जा रहा है। इस समय पौधा अपनी लंबाई खींचने की प्रक्रिया में होता है, और इसी समय तने के अंदर बाली का निर्माण भी होता है। विज्ञानियों के अनुसार, इस महत्वपूर्ण चरण में पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करने और फसल को अधिक लाभकारी बनाने के लिए कुछ खास स्प्रे की सिफारिश की जाती है। इनमें Lysine और Tab Gozol का मिश्रण, और सही पोषक तत्वों जैसे Phosphorus और Potash का स्प्रे शामिल हैं। इस रिपोर्ट में हम उन तकनीकों और उपायों पर चर्चा करेंगे जिनसे गेहूं की फसल की पैदावार में वृद्धि हो सकती है, और साथ ही यह भी चर्चा करेंगे कि इस प्रक्रिया में किसानों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए इन सब बातों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करने के लिए पढ़ते हैं यह रिपोर्ट।

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झंडा पत्ता और तने की वृद्धि

किसान साथियों, जब गेहूं की फसल 75 से 80 दिन के आसपास होती है, तब पौधे में झंडा पत्ता निकल आता है और तने की गांठों की दूरी बढ़ने लगती है। इस समय पौधा अपनी लंबाई में वृद्धि कर रहा होता है, जिससे तना ज्यादा लम्बा और कमजोर हो सकता है। इस चरण में पौधे के अंदर बाली का निर्माण भी शुरू हो जाता है। इसलिए इस समय फसल को सही मात्रा में पोषक तत्व मिलना जरूरी है, ताकि पौधा सही से विकसित हो सके और बाली भी मजबूत बने। इसके अलावा, अगर तने की गांठों की दूरी बढ़ती है, तो फसल गिरने का खतरा बढ़ सकता है। इसीलिए इस समय पर Lysine और Tab Gozol के स्प्रे की सिफारिश की जाती है, जो इस अवस्था में गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। ये स्प्रे तने की गांठों की दूरी कम करते हैं, तने को मजबूत बनाते हैं और फसल गिरने के जोखिम को कम करते हैं। इसके अलावा, ये स्प्रे बाली और झंडे पत्ते की दूरी को भी नियंत्रित करते हैं, जिससे पैदावार अधिक होती है।

Lysine और Tab Gozol का उपयोग

किसान साथियों, Lysine एक प्रकार का growth regulator है, जो पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करता है। गेहूं की फसल में इसका उपयोग करने के लिए इसका 0.2 प्रतिशत घोल 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे किया जाता है। अगर आप पानी की मात्रा 120 लीटर कर रहे हैं, तो Lysine का घोल 240 मिलीलीटर प्रति एकड़ प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, Tab Gozol का 0.1 प्रतिशत घोल, 100 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे किया जाता है। ये दोनों मिलकर तने की गांठों की दूरी को कम करते हैं और तने को मजबूत बनाते हैं। इनके अलावा, इन दोनों तत्वों को एक साथ मिलाकर स्प्रे करने से फसल को एक साथ कई लाभ मिलते हैं। इससे पौधे की लंबाई पर नियंत्रण रहता है और बाली की गुणवत्ता भी बढ़ती है।

Phosphorus और Potash का उपयोग

किसान साथियों, जब गेहूं की फसल 70 से 80 दिन की अवस्था में पहुंच जाती है तो गेहूं की फसल में Phosphorus और Potash जैसे तत्वों का बहुत महत्व होता है, क्योंकि ये दाने की संख्या और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इस समय फसल को Phosphorus की अत्यधिक आवश्यकता होती है क्योंकि यह पौधे के विकास को मजबूत करता है और बाली के अंदर दानों की संख्या बढ़ाता है। साथ ही, गेहूं की इस अवस्था में फसल को Potash की भी जरूरत होती है, क्योंकि यह पौधों को रोगों से लड़ने की ताकत देता है और उन्हें मजबूत बनाता है। गेहूं की फसल में उनकी पूर्ति करने के लिए NPK 05234 जैसे मिश्रण से इन दोनों तत्वों को आसानी से दिया जा सकता है। यदि आप 150 लीटर पानी में इस मिश्रण का प्रयोग करते हैं, तो NPK 05234 का 2 किलो प्रति एकड़ उपयोग किया जा सकता है। इससे पौधों को सही मात्रा में Phosphorus और Potash मिलता है, जो पैदावार में वृद्धि का कारण बनता है।

बोरन (Boron) का उपयोग

किसान साथियों, गेहूं की फसल में बलिया निकालने की अवस्था में Boron की सिफारिश भी की जाती है, क्योंकि यह फसल की प्रजनन क्रिया को बढ़ाता है यानी कि यह नर-मादा के मिलन में मदद करता है और परागण प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, यह बाली के अंदर दानों की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। अगर आपकी गेहूं की फसल इस समय 70 से 80 दिन की अवस्था में पहुंच चुकी है तो आप अपनी फसल में बोरन का इस्तेमाल अवश्य करें। Boron का प्रयोग 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से किया जाता है। यह मात्रा बहुत अधिक नहीं होती, लेकिन इसका असर बहुत ज्यादा होता है। Boron के प्रयोग से गेहूं की फसल में बेहतर परागण होता है, जिससे अधिक दाने विकसित होते हैं। इसलिए इसे एक महत्वपूर्ण तत्व माना जाता है जो गेहूं की फसल में बंपर पैदावार के लिए जरूरी है।

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स्प्रे के समय पर ध्यान रखें

किसान साथियों, गेहूं की फसल में स्प्रे करते समय यह जरूरी है कि पहले छोटे पैमाने पर इन सभी तत्वों का मिश्रण बनाकर उसका परीक्षण किया जाए। इससे यह पता चलता है कि इनका मिश्रण सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। इसके अलावा, घोल को खेत में स्प्रे करने से पहले यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वह कहीं गर्म या ठंडा न हो जाए, क्योंकि यह पौधों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसके साथ ही, अगर आप स्प्रे करते समय किसी तरह की असमानता महसूस करते हैं, तो तुरंत उसे सुधारें। घोल को खेत के एक छोटे हिस्से में पहले स्प्रे करके चेक करें और अगले दिन उसके परिणामों को देखें। यदि कोई समस्या नहीं होती, तो फिर इसे पूरे खेत में स्प्रे किया जा सकता है। इसके अलावा, स्प्रे का मिश्रण तैयार करते समय कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

नोट: रिपोर्ट में दी गई सभी जानकारी किसानों के निजी अनुभव और इंटरनेट पर मौजूद सार्वजनिक स्रोतों से इकट्ठा की गई है। संबंधित किसी भी जानकारी को मिलाने से पहले कृषि विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।