गेहूं, चना और सरसो की फसल को कैसे बचाये शीतलहर से | शीतलहर से हो सकता है फसल में नुकसान
किसान साथियो हरियाणा में इन दिनों तापमान में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। कई इलाकों में तापमान शून्य से दो डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। इस कड़ाके की ठंड से फसलों को काफी नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। विशेष रूप से सरसों, आलू जैसी फसलें इस शीतलहर से प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, गेहूं की फसल के लिए यह ठंड फायदेमंद मानी जाती है।
शीतलहर से बचाने विशेषज्ञों ने बताया तरीका
हरियाणा में बढ़ती ठंड के साथ किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए कुछ विशेष उपाय करने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड बढ़ने से गेहूं की फसल में अंकुरण की प्रक्रिया तेज होती है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, अचानक मौसम में बदलाव सब्जियों, सरसों और गन्ने जैसी अन्य फसलों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हरियाणा के कृषि विभाग के उप निदेशक, डॉ. वजीर सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई करें। हल्की सिंचाई से मिट्टी का तापमान बढ़ता है और फसलों को ठंड से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। यह उपाय विशेष रूप से सब्जियों और अन्य नाजुक फसलों के लिए फायदेमंद होता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करके अपनी फसल के लिए उपयुक्त सिंचाई विधि के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, हरियाणा में बुधवार को तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। राज्य का औसत न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो सामान्य तापमान से 3.4 डिग्री सेल्सियस कम है। विशेष रूप से, हिसार और सोनीपत जैसे जिलों में तापमान शून्य के करीब पहुंच गया है, जहां न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में हरियाणा में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि, देश के अन्य हिस्सों में सर्दी और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। यह अत्यधिक ठंड का दौर हरियाणा के लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में लोगों को ठंड से बचाव के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। किसानों को भी अपनी फसलों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।
हरियाणा में कहां कितना रहा न्यूनतम तापमान?
महेन्द्रगढ़: 1.9°C
हिसार: 3.3°C
सिरसा: 3.7°C
भिवानी: 3.8°C
करनाल: 4.8°C
गुड़गांव: 6.2°C
अंबाला: 7.7°C
फतेहाबाद: 8.2°C
फसलों को पाले से बचाने के उपाय
किसान पाले से अपनी फसलों को बचाने के लिए कई उपाय अपना सकते हैं। एक प्रभावी तरीका है खेत में हल्की सिंचाई करना। इससे मिट्टी का तापमान कम नहीं होता है और फसल को पाले से कुछ हद तक सुरक्षा मिल जाती है। इसके अलावा, रात के समय फसलों को प्लास्टिक की चादर से ढकने से भी पाला से बचा जा सकता है। ध्यान रहे कि दिन में यह चादर हटा देनी चाहिए ताकि पौधों को सूर्य का प्रकाश मिल सके और प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया प्रभावित न हो। एक अन्य पारंपरिक तरीका है जली हुई लकड़ी की राख का फसल पर छिड़काव करना। इससे खेत में गर्मी पैदा होती है और पाला से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। यदि मौसम विभाग ने पाले की संभावना जताई है तो किसान खेतों के किनारे कूड़ा-करकट या घास-फूस जलाकर धुआं पैदा कर सकते हैं। इससे खेत का तापमान कुछ हद तक बढ़ जाता है और फसल को पाले से बचाने में मदद मिलती है। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं और अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
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About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।