आलू के भाव में हो सकता है बड़ा बदलाव | जाने मंडियों से क्या मिल रही है रिपोर्ट

 

नमस्कार किसान साथियों मंडी भाव टुडे रिपोर्ट पर आपका हार्दिक स्वागत है। आज तारीख है 28 अगस्त 2024, और दिन है बुधवार। आइए, आज हम आपको आजादपुर मंडी से आलू के ताजे भाव और बाजार की स्थिति के बारे में विस्तार से बताते हैं। आज सुबह मंडी में आलू के भाव कैसे खुले, बाजार की क्या स्थिति है, गहकी कैसी रह सकती है, और आलू के व्यापार का माहौल कैसा बन सकता है, इन सभी पहलुओं पर हम नज़र डालेंगे। कि मंडी में किस तरह की हलचल बनी हुई है और कैसे आज का व्यापारिक माहौल नजर आ रहा है।
 
 आजादपुर मंडी आज की तेजी मंदी रिपोर्ट
 
 आज मंडी में थोड़ी सुस्ती नजर आ रही है, शायद दिल्ली में बारिश के कारण। लेकिन अन्य राज्यों में आलू की अच्छी मांग है, खासकर मुंबई और साउथ इंडिया में। दोस्तों इस हफ्ते में अच्छे आलू के रेट में आठ आने से लेकर 1 रुपये तक की गिरावट आई है, जबकि हल्के आलू में एक रुपये से दो रुपये तक का गिरावट हुआ है। एक डेढ़ महीने आजादपुर मंडी में  पहले जो रेट थे, उनमें अब 50 लाख रुपये से लेकर 80 लाख रुपये रोज के घट रहे हैं। और इस नुकसान का असर किसानों, व्यापारियों और कोल्ड स्टोर मालिकों पर पड़ रहा है। जब आप सही समय पर नहीं बेचे, तो अब धैर्य से काम लें और ध्यान दें कि घबराहट में कोई गलत निर्णय न लें।

मौसम की अपडेट :  दिल्ली में आज सुबह से हल्की बारिश हो रही है। लगभग तीन-चार बजे से हल्की फुहारें शुरू हो गई थीं, और मौसम अभी ठंडा बना हुआ है। 5:00 बजे के आसपास थोड़ी तेज बारिश भी हुई थी, लेकिन अब बारिश रुक गई है। ऐसे में आलू के बाजार पर इस मौसम का क्या प्रभाव पड़ सकता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
 
 आजादपुर मंडी में गाडियों की स्टेट वाइज संख्या
 
आज कुल 122 गाड़ियाँ आई हैं। इनमें से 64 गाड़ियाँ अभी भी मंडी में हैं।

इनमें से 36 गाड़ियाँ चिप सोना की,

19 गाड़ियाँ सूर्य की,

7 गाड़ियाँ संभल की,

14 गाड़ियाँ एलआर की,
 
 3 गाड़ियाँ पंजाब की
 
 डायमंड की तीन गाड़ियाँ40 गाड़ियाँ कोल्ड स्टोर की हैं।
 
 आईटीसी कंपनी की भी तीन गाड़ियाँ आई है आईटीसी कंपनी के आलू की खासियत यह है कि ये आलू हाइब्रिड होते हैं और सुपर क्वालिटी के होते हैं। हालांकि, हल्की क्वालिटी का आलू भी मंडी में आ जाता है।
 
 आईटीसी के आलू की लाइफ स्टोर में काफी लंबी होती है, लेकिन बाहर आने के बाद इसमें लूजन आ जाता है, क्योंकि इसमें ताकत कम होती है। मंडी में आए ग्राहक भी इस आलू को पहचान जाते हैं और यह अच्छी तरह बिक जाता है।
 
 अब अगर हम एलआर आलू की बात करें, तो आज मंडी में पंजाब, गुजरात, और यूपी से आए एलआर आलू की कुल 12 गाड़ियाँ हैं। सूर्या आलू की 19 गाड़ियाँ और चिप सोना की 36 गाड़ियाँ आई हैं।

बंगाल ने कुछ समय पहले उड़ीसा का आलू बंद कर दिया था, लेकिन अब उसने दोबारा खोल दिया है। इससे दिल्ली में आलू की डिमांड बढ़ सकती है, क्योंकि उड़ीसा में आलू की कमी है। इसी वजह से आलू की कीमतों में भी हल्का उछाल देखा जा सकता है।

मंडी में विभिन्न किस्मों के आलू के भाव
 
 आपने आलू की मौजूदा स्थिति और बाजार की जानकारी बहुत ही अच्छे से साझा की है। आज के आलू के बाजार की स्थिति को देखते हुए, सही समय पर आलू को बाजार में निकालना जरूरी है। जैसे-जैसे मांग बढ़ती है, आलू के भाव भी बढ़ सकते हैं, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि आलू को बहुत लंबे समय तक रोक कर न रखा जाए, क्योंकि इससे भाव गिरने की संभावना भी हो सकती है।
 
 आलू के भाव की बात करें, तो आजादपुर मंडी में आलू का भाव 50 किलो के हिसाब से तय होता है। यहां विभिन्न क्वालिटी के आलू आते हैं, जैसे कि चंदोसी, सूर्य, एलआर, और डायमंड। इन सभी किस्मों के आलू के भाव अलग-अलग होते हैं।
 
 चंदौसी के सूर्य आलू: 1200-1400 रुपये प्रति 50 किलो और एक आध  सुपर लॉट 1500 रुपये प्रति 50 किलो में बिक रहा है
 
 चंदोसी का आलू 1200 से 1250 रुपये प्रति 50 किलो
 
 चंदौसी का डायमंड आलू: 1200-1250 रुपये प्रति 50 किलो
 
 अलीगढ़ का सूर्य आलू:1300 से 1400  रुपये प्रति 50 किलो  के बीच है।
 
 अलीगढ़ का चिप सोना 1150 से 1200 रुपये प्रति 50 किलो  
 
 हाइब्रिड आलू: 800-900 रुपये प्रति 50 किलो
 
 पुखराज, संगम, गंगा: 1000-1100 रुपये प्रति 50 किलो
 
 3797 सूखे आलू: 1000-1150  रुपये प्रति 50 किलो
 
एलआर आलू: 950-1100  रुपये प्रति 50 किलो

गुल्ले का भाव 900 से 1000 रुपये प्रति 50 किलो
 
 302 किस्मों के आलू भी मंडी में उपलब्ध हैं, जिनका भाव 1000 से 1150 रुपये के बीच है।

 दोस्तों, इस समय किसान को पैसे की बहुत जरूरत है, क्योंकि उसने आलू लगाना है, बीज निकालना है, खाद खरीदनी है। यह सब चीजें पैसों की मांग करती हैं। इस घबराहट में किसान सोचता है कि थोड़ा कम रेट पर भी बेच दूं, ताकि जरूरत पूरी हो सके। इस समय में घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि समझदारी से काम लें। अगर जरूरत है, तो थोड़ा-थोड़ा माल बेचते रहें, लेकिन खामखा की घबराहट में मंडी में माल भरने से बचें। इस समय किसान को अपने आलू का सही मूल्य मिलना चाहिए, और इसके लिए धैर्य और सही निर्णय की जरूरत है।
 
 आलू का स्टॉक कम रखें दोस्तों ताकि बाकी मंडियाँ भी चलती रहें। लेकिन अब किसान घबरा गए हैं और मंडियों को माल से भरने लगे हैं। ये घबराने की जरूरत नहीं है, अभी भी दो महीने का समय है—सितंबर, अक्टूबर, और 15 नवंबर तक। आप अगस्त में घबराकर सब माल निकाल रहे हैं, लेकिन यह सही समय नहीं है। थोड़ा इंतजार कर लें, क्योंकि यह आपका माल है और आपका पैसा है। जब आप सही समय पर नहीं बेच पाए, तो अब थोड़ी और धैर्य रखें।
 
 इस समय में, कई गैंग सक्रिय हो जाते हैं जो किसानों को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं। यदि कोई आपको अच्छे रेट का लालच देकर माल भेजने को कहे, तो सावधान रहें। व्यापारी तो व्यापारी है, उसे पता है कहाँ बेचना है, लेकिन कुछ किसान जो अपने कोल्ड स्टोर में माल रखते हैं, वे इस जाल में फंस सकते हैं। याद रखें, ऐसे समय में नुकसान का खतरा होता है।