प्याज के बाजार में आज दिख रही है तेजी | जाने आवक, भाव और तेजी मंदी रिपोर्ट
आजादपुर मंडी प्याज भाव रिपोर्ट - 16 अक्टूबर 2024
प्रिय किसान साथियों, मंडी भाव टुडे रिपोर्ट में आपका स्वागत है। आज 16 अक्टूबर 2024, बुधवार का दिन है। हम आपको आजादपुर मंडी में प्याज के ताज़ा भाव, बाजार की स्थिति, आवक, और क्वालिटी की जानकारी देंगे।
प्याज की आवक
आज मंडी में कुल 68 गाड़ियों की प्याज की आवक हुई है, जिसमें से 48 गाड़ियाँ नई हैं और 20 गाड़ियाँ बैलेंस में हैं। ताजा गाड़ियों में से 33 गाड़ियाँ फ्रेश प्याज की हैं।फिलहाल, दिल्ली में प्याज की आवक बहुत कम है। आधी गाड़ियाँ नेफेड (NAFED) और NCCF द्वारा सप्लाई की जा रही हैं। दिल्ली मंडी में माल की कमी के चलते बाजार में थोड़ी तेजी बनी हुई है। आवक का विवरण इस प्रकार है:
- 10 गाड़ियाँ राजस्थान से
- 1 गाड़ी मध्य प्रदेश से
- 4 गाड़ियाँ नासिक से
- 6 गाड़ियाँ नेफेड की
- 8 गाड़ियाँ पुणे से
- 1 गाड़ी एनसीसीएफ की
फ्रेश गाड़ियों में कुल 33 गाड़ियाँ ताजे प्याज की हैं, जो मंडी में उपलब्ध हैं। इससे मंडी में आज के दिन की स्थिति और भाव स्थिर बने हुए हैं।
अन्य स्टेट में आवक कि बात करे तो मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतें महाराष्ट्र के मुकाबले थोड़ी कम हैं। कारण, उनके संगठन और सप्लाई चेन में भी थोड़ी कमी है। इंदौर में कल 40 हजार कट्टे प्याज की आवक हुई, जबकि शाजापुर में 8-10 हजार कट्टे प्याज पहुंचे। रतलाम में भी केवल 200 से 300 ट्रॉली प्याज की आवक हुई, जिससे वहां पर भी भाव स्थिर बने हुए हैं।
राजस्थान के अलवर से अभी प्याज की पूरी तरह आवक नहीं हुई है। वहां से केवल 50 कट्टों की छोटी मात्रा में प्याज आ रहा है। मुख्य फसल अगले महीने दिवाली के बाद, लगभग 15 नवंबर के आस-पास, पूरी तरह से मंडी में आएगी। उस समय क्वालिटी में भी सुधार देखने को मिलेगा।
आजादपुर मंडी में प्याज के भाव
दिल्ली के अलावा अन्य मंडियों में भी तेजी का माहौल है। दिल्ली के बाहर की मंडियों में भी प्याज की आपूर्ति सीमित है, जिससे कीमतों में उछाल बना हुआ है। देशभर की मंडियों में आज प्याज के भाव 25 से 50 पैसे प्रति किलो तक बढ़े हैं। दिल्ली मंडी में भी गवर्नमेंट के माल के आने के बावजूद भाव में स्थिरता और हल्की तेजी बनी हुई है। गवर्नमेंट प्याज की न्यूनतम कीमत तय करती है, जिससे बाहर से आने वाले माल की कीमतों में स्थिरता देखने को मिलती है।
महाराष्ट्र में आज प्याज के भाव 40 से 47 रुपये प्रति किलो के बीच चल रहे हैं। पुणे में भी यही भाव देखने को मिल रहे हैं। वहां पर प्याज की आवक और मांग संतुलित बनी हुई है, जिससे बाजार की स्थिति स्थिर बनी है
आज दिल्ली मंडी में केवल एक गाड़ी एनसीसीएफ (NCCF) की है, जबकि नेफेड (NAFED) की आठ गाड़ियाँ मंडी में मौजूद हैं। गवर्नमेंट की सप्लाई सीमित होने के कारण बाजार में मांग बनी हुई है और इस कारण प्याज के भाव में गिरावट की संभावना कम है। सरकारी आपूर्ति से मंडी में हलचल देखी जा रही है। यदि सरकारी प्याज नहीं होता, तो कीमतें 2400 रुपये प्रति मन तक पहुंच सकती थीं। सरकारी प्याज की कीमत 1600 से 1700 रुपये प्रति मन है
प्याज की कीमतें महाराष्ट्र में ऊंचाई पर हैं। पुणे में प्याज के दाम 40 से 50 रुपये प्रति किलो का यह माल अधिक चलता है, खासकर यदि वह ड्राई (सूखा) हो। जबकि मध्य प्रदेश में यह थोड़ा कम है। एमपी में संगठन की कमी और आसपास के इलाकों से रिपोर्ट्स न मिल पाने के कारण किसानों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा धीरे-धीरे इस दिशा में काम किया जा रहा है, जिससे किसानों को जागरूक किया जा सके।
पुणे और नासिक के प्याज के भाव
पुणे के प्याज की कीमतें 1800 से 2000 रुपये प्रति मन तक पहुंच रही हैं। प्याज की गुणवत्ता के आधार पर, पत्तियों के रंग और स्थिति के हिसाब से दाम तय होते हैं।क्योकि कोई कोई प्याज का लॉट तो आज मंडी में 2100 रूपये प्रति मन 40 किलो तक बिका है पीले और लाल पत्तियों वाले प्याज 1900 से 2000 रूपये प्रति मन 40 किलो तक बिक रहे हैं। वहीं, नासिक के प्याज के दाम 1600 से 1800 रूपये प्रति मन 40 किलो चल रहे हैं।
सरकारी प्याज धीरे-धीरे रेल के माध्यम से भी मंडियों में आ रहा है, ताकि कीमतें स्थिर रहें। सरकार का उद्देश्य बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को सुनिश्चित करना है, जिससे बाहर से आने वाले प्याज की कीमतों में स्थिरता बनी रहे। वर्तमान में दिल्ली मंडी में सरकारी प्याज की सीमित मात्रा देखी जा रही है।
पुराने और नए प्याज की आवक का अंतर
15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच का समय पुराने और नए प्याज की आवक का गैप रहेगा। इसके बाद, 15 नवंबर से अलवर की अच्छी गुणवत्ता की प्याज की आवक शुरू होगी। वर्तमान में दिल्ली मंडी में अलवर से 235 कट्टे प्याज की आवक देखी गई है। इस समय में सरकारी प्याज की आपूर्ति मंडियों में हो रही है, जिससे बाजार की स्थिति तेज बनी रहेगी।
महाराष्ट्र में प्याज की नई फसल की बुआई 100% हो चुकी है और दिसंबर-जनवरी तक नई फसल मंडियों में पहुंचनी शुरू हो जाएगी।मध्य प्रदेश की फसल कम है, और इसकी वजह से प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
फिलहाल, बाजार में प्याज की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं और भाव टूटने के कोई संकेत नहीं हैं। नई फसल के आने तक प्याज की कीमतें ऊंचाई पर बनी रह सकती हैं। वर्तमान में सरकारी प्याज के अलावा अन्य बड़े सप्लायर्स के प्याज की कमी है, जिससे बाजार में मजबूती बनी हुई है।
अलवर में हाल ही में बारिश होने के कारण फसल लेट हो गई है, इसलिए नई फसल का मंडियों में आना थोड़ा देर से शुरू होगा। अलवर की नई फसल की देरी के कारण पुरानी फसल पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ रहा है। बाजार में तब तक तेजी बने रहने की संभावना है जब तक नई फसल मंडी में नहीं आ जाती। इस समय तक, सरकार के पास ही प्याज का नियंत्रण है।
कर्नाटक और कोल्हापुर से प्याज की कम मात्रा में आवक देखी गई है, जिनमें से कुछ प्याज दागी या खराब हालत में होते हैं। नई फसल को अच्छी तरह से भंडारित और लोड करने की सलाह दी गई है, जैसे लकड़ी के फर्श का उपयोग करना और घास का इस्तेमाल करना, ताकि प्याज खराब न हो। लोहा का फर्श प्याज को ज्यादा गर्म कर देता है जिससे फसल खराब हो सकती है।