सरसों के किसान और व्यापारी यह रिपोर्ट एक बार जरूर पढ़ ले | सरसों की सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट

 

सरसों की सप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट : किसान साथियो और व्यापारी भाइयो विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में आयी मजबूती के चलते घरेलू बाजार में भी सरसों, सरसो तेल और खल के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। मंडी भाव टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बाजार अब घरेलू संकेतों पर ना चलकर विदेशी बाजारों के रूझान को ही फोलो करेगा। और यह रिपोर्ट बिल्कुल सटीक साबित हुई है। अगर आप सरसों के किसान हैं या सरसों के व्यापारी हैं तो यह रिपोर्ट आपके लिए अत्यंत उपयोगी साबित होने वाली है। WhatsApp पर भाव देखने के लिए हमारा ग्रुप जॉइन करें

सरसों में 400 रुपये की तेजी
इस हफ्ते में जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव अपने निचले स्तर 5100 से उठकर सप्ताह अंत में 5500 तक पहुंच चुके हैं । सलोनी प्लान्ट ने भी सरसों के खरीद भाव इस सप्ताह 400 रूपए तक बढ़ाये हैं लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि शनिवार को शाम होते होते भाव में 100 रूपए की गिरावट भी दर्ज हुई है जिसे सोमवार के लिए एक अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता। सलोनी प्लान्ट पर अंतिम भाव 5900 रुपये प्रति क्विंटल के दर्ज किए गए हैं। भरतपुर के बाजार की बात करें तो चालू हफ्ते में सरसों के भाव 375 रुपये  तेज होकर 5175 पर बंद हुए।

सरसों के भाव में क्या बन रहा है ट्रेंड
अगर पिछले एक महीने के बाजार को गहरायी से समझने का प्रयास करें तो एक तरफ तो यह रूझान नजर आता है कि हर बार सरसो में ऊपर के भाव पर मांग कमजोर हो रही है और भाव में गिरावट बन रही है। दूसरी तरफ नीचे के भाव पर किसान और स्टॉकिस्ट अपना माल नहीं निकाल रहे हैं जिससे फिर से भाव उपर की तरफ जा रहे हैं। हालांकि विदेशी बाजारों की तेजी का सहारा मिलने के कारण इस बार सरसों के भाव ने इस चक्र से बाहर निकलने की अच्छी कोशिश की है।

सरकारी खरीद हुई सुस्त
इस हफ्ते सरकार की सरसो खरीदारी की रफ़्तार काफी धीमी रही है। जिसके चलते किसान मंडियों में एमसीपी के नीचे अपनी फसल को बेचने पर मजबूर होते दिखाई दिए। नाफेड ने अब तक मात्र 4.76 लाख टन सरसो खरीदी है।

विदेशी बाजारों में तूफानी तेजी
विदेशी बाजारों में इस सप्ताह तूफानी तेजी देखने को मिली है। व्यापारियों के अनुसार विदेशों में पाम तेल के स्टॉक घटने और रूस और यूक्रेन की तनातनी के चलते यह तेजी बनी है। बजार के जानकारों का कहना है कि यह तेजी बिना किसी बड़ी फंडामेंटल सपोर्ट के चल रही है और विदेशी तेलों की डिमांड और सप्लाई को देखते हुए इसका ज्यादा दिनों तक टिकना मुश्किल है

सरसों में आगे क्या
किसान साथियो तेजी और मंदी दोनों को देखा जाए तो भले ही सरसों में बड़ी तेजी ना आए लेकिन सरसो के भाव में जिन स्तरों से रिकवरी आयी है उसके नीचे जाने की भी कोई ठोस वजह नहीं दिख रही है। सरसों की कटाई झड़ाई का काम पहले ही पूरा हो चुका है। और अभी पूरा साल बाकी है इसलिए यदि गिरावट आती भी है तो भी दोबारा मजबूती जरूर बनेगी । इसलिए मंडी भाव टुडे का मानना है कि जयपुर में सरसो का भाव नीचे में 5050 और ऊपर में 5950 के बीच कारोबार करते नजर आ सकता है। इसके अलावा विदेशी बाजारों का समर्थन मिलने की स्थिति में मध्यम से लम्बी अवधि में जयपुर में कंडीशन सरसो का भाव 6000 के स्तर को भी पार कर सकता है। व्यापार अपने विवेक से ही करें।

About the Author
मैं लवकेश कौशिक, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड एक नौसैनिक, Mandi Market प्लेटफार्म का संस्थापक हूँ। मैं मूल रूप से हरियाणा के झज्जर जिले का निवासी हूँ। मंडी मार्केट( Mandibhavtoday.net) को मूल रूप से पाठकों  को ज्वलंत मुद्दों को ठीक से समझाने और मार्केट और इसके ट्रेंड की जानकारी देने के लिए बनाया गया है। पोर्टल पर दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है।