क्या सरसों बेचने का सही समय आ गया है l देखें आज की तेजी मंदी रिपोर्ट | What is right time to sell mustard 09 Oct

 

किसान साथियो पिछले 4 दिन से सरसों में लगातार तेजी चल रही है। यह तेजी कितने दिन चलेगी यह कोई नहीं जानता। हालांकि कुछ ऐसी खबरें हैं जो आपके लिए जानना जरूरी है। तेजी के माहौल में किसान साथी सरसों को निकालने के बारे में जरूर सोच रहे होंगे। ऐसे में यह रिपोर्ट आपको बेचने या होल्ड करने का निर्णय लेने मे उपयोगी साबित हो सकती है।

ताजा मार्केट अपडेट
शनिवार का दिन सरसों किसानो के लिए अच्छा रहा। सरसों के भाव में 100 से लेकर 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिली। हाजिर मंडियों से लेकर ब्रांडेड कंपनियों ने भाव में बढ़ोत्तरी की। जयपुर में कंडीशन सरसों के भाव 100 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 6550 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गए। भरतपुर में सरसों का टॉप भाव 100 रुपये बढ़कर 6300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। सलोनी प्लान्ट पर सरसों का टॉप भाव 7075 रुपये प्रति क्विंटल का रहा। गोयल कोटा ने भी सरसों के भाव में 200 रुपये की बढोत्तरी करके 6300 के भाव में खरीद की। मुरैना और ग्वालियर में सरसों का भाव 6100 और 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक रहा । अन्य मंडियों में सरसों के भाव देखने के लिए यहां क्लिक करें।

बिजनेस रिकॉर्डर की रिपोर्ट के अनुसार ला नीना के प्रभाव के चलते नवंबर दिसंबर में भारी बारिश की वज़ह से पाम तेल का उत्पादन कम हो सकता है। इस खबर के आने के बाद से ही पाम तेल के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। हालांकि इस खबर का असर लंबा चलेगा इसको लेकर संशय है। क्रूड पेट्रोलियम ऑइल के भाव बढ़ने के कारण भी पाम तेल को सहारा मिल रहा है।

मंडियों में तैर रही धान की ढेरियां | सरकारी इंतजामों की निकली हवा

सरसों को लेकर क्या है खबर
सरसों के दूसरे पहलु को देखें तो फ़िलहाल राजस्थान सहित कई राज्यों में बरसात से सरसों की बिजाई प्रभावित हो रही है जबकि हरियाणा में इस बारिश से फायदा होता नजर आ रहा है। हरियाणा में सरसों की बिजाई बढ़ सकती है। पिछले दिनों हुई अच्छी बारिश के कारण राजस्थान में सरसों की बम्पर बिजाई होने की संभावना है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल सरसों की सरसों की अभी तक की बिजाई पिछले साल के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है। अगले सीज़न में सरसों का बम्पर उत्पादन होने की पूरी पूरी संभावना है। जहां तक स्टॉक का सवाल है इस साल पिछले साल के मुकाबले किसानों ने काफी स्टॉक बचा कर रखा हुआ है।

बड़ी तेजी की संभावना कम
किसान साथियो विदेशी तेलों का आयात के महंगा होने और घरेलू बाजार में त्यौहारी सीज़न के चलते सरसों तेल की मांग बढ़ने की संभावना से सरसों 300-400 रुपये तक बढ़ चुकी है। यहां से आगे इसमे थोड़ी बहुत तेजी की गुंजाईश और भी बनी हुई है। लेकिन उपर दी गई जानकारी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरसों में बड़ी तेजी मानकर नहीं चला जा सकता। बाकी आने वाले 7 से 10 दिन मे सरसों की सही दिशा दशा का पता चल जाएगा।  व्यापार अपने विवेक से करें